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मसौढ़ी सिविल कोर्ट में 13 दिनों से कामकाज ठप.. हड़ताल पर अधिवक्ता, लोक अदालत के बहिष्कार का फैसला

मसौढ़ी सिविल कोर्ट में 13 दिनों से कामकाज ठप है. अधिवक्ताओं के हड़ताल पर जाने के कारण किसी भी मामले का निपटारा नहीं हो पा रहा है. इस बीच अधिवक्ता संघ ने चेतावनी दी है कि जब तक उनकी मांगे पूरी नहीं हुई तो 11 दिसंबर को आयोजित लोक अदालत का बहिष्कार करेंगे. पढ़ें पूरी खबर...

मसौढ़ी में लोक अदालत का विरोध
मसौढ़ी में लोक अदालत का विरोध
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Published : Dec 9, 2021, 2:27 PM IST

पटनाः मसौढ़ी सिविल कोर्ट (Masaurhi Civil Court) के अधिवक्ताओं का अनिश्चितकालीन हड़ताल (Masaurhi Advocates Association strike) जारी है. मसौढ़ी अधिवक्ता संघ के बैनर तले हड़ताल का आज 13वां दिन है. अधिवक्ताओं के कार्य बहिष्कार करने के कारण लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. इस बीच हड़ताल पर गए अधिवक्ताओं का कहना है कि अगर जल्द ही उनकी मांगों पर विचार करने के लिए कोई आगे नहीं आया तो 11 दिसंबर को आयोजित लोक अदालत का (Decision to Boycott Lok Adalat ) बहिष्कार करेंगे.

इसे भी पढ़ें : सेशन कोर्ट में केस ट्रांसफर होने के विरोध में अधिवक्ताओं का प्रदर्शन

मसौढ़ी अधिवक्ता कोर्ट संघ के पूर्व सचिव राकेश कुमार ने बताया कि आगामी 11 दिसंबर को होने वाले राष्ट्रीय लोक अदालत का सभी अधिवक्ताओं ने बहिष्कार करने का निर्णय लिया है. साथ ये भी कहा कि इस लोक अदालत में किसी भी न्यायाधीश और किसी भी सरकारी कर्मी को बैठने नहीं देंगे, उस दौरान आंदोलन और विरोध प्रदर्शन करेंगे. दरअसल, अग्रिम जमानत की सुनवाई पहले मसौढ़ी में हुआ करता था. इसके अलावा एनआईए कोर्ट, एसएसटी समेत पांच सूत्री मांगों को लेकर लगातार अधिवक्ताओं का विरोध प्रदर्शन चल रहा है. जिसको लेकर अब राष्ट्रीय लोक अदालत का भी बहिष्कार करने का निर्णय लिया है.

देखें वीडियो


बता दें कि क्षेत्रीय काम-काज को पटना हाईकोर्ट शिफ्ट कर दिया गया, जिससे लोगों को तो परेशानी होती ही है, अधिवक्ताओं के पेट पर भी संकट है. मसौढ़ी, धनरुआ का बिजली केस, अग्रिम जमानत की सुनवाई, शराब, मुवक्किलों की पेशी सहित अन्य मामले सिविल कोर्ट से पटना हाईकोर्ट शिफ्ट कर दिया गया है. फैसले से नाराज अधिवक्ताओं के प्रदर्शन का 13वां दिन है. साथ उन्होंने कहा कि मांग पूरी नहीं हुई तो 11 दिसंबर को लोक अदालत का बहिष्कार करेंगे.

ये भी पढ़ें- भोजपुरी गायक खेसारी लाल यादव होंगे गिरफ्तार! कोर्ट ने जारी किया गैर जमानती वारंट

वहीं, अधिवक्ताओं का कहना है कि सिविल कोर्ट का नया भवन भी बनकर तैयार हो गया है. अब तक यहां मात्र एक सब जज और एक एडीजे की नियुक्ति है. उन्होंने मसौढ़ी सिविल कोर्ट में सब जज और एडीजे की नियुक्ति की मांग की है. उन्होंने कोर्ट में पांच सब जज और एडीजे को नियुक्ति जरूरी बताया. अधिवक्ता संघ ने कहा कि जब तक अधिवक्ताओं की मांगों को पूरी नहीं किया जाता है, तब तक वे हड़ताल पर डटे रहेंगे.

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पटनाः मसौढ़ी सिविल कोर्ट (Masaurhi Civil Court) के अधिवक्ताओं का अनिश्चितकालीन हड़ताल (Masaurhi Advocates Association strike) जारी है. मसौढ़ी अधिवक्ता संघ के बैनर तले हड़ताल का आज 13वां दिन है. अधिवक्ताओं के कार्य बहिष्कार करने के कारण लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. इस बीच हड़ताल पर गए अधिवक्ताओं का कहना है कि अगर जल्द ही उनकी मांगों पर विचार करने के लिए कोई आगे नहीं आया तो 11 दिसंबर को आयोजित लोक अदालत का (Decision to Boycott Lok Adalat ) बहिष्कार करेंगे.

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मसौढ़ी अधिवक्ता कोर्ट संघ के पूर्व सचिव राकेश कुमार ने बताया कि आगामी 11 दिसंबर को होने वाले राष्ट्रीय लोक अदालत का सभी अधिवक्ताओं ने बहिष्कार करने का निर्णय लिया है. साथ ये भी कहा कि इस लोक अदालत में किसी भी न्यायाधीश और किसी भी सरकारी कर्मी को बैठने नहीं देंगे, उस दौरान आंदोलन और विरोध प्रदर्शन करेंगे. दरअसल, अग्रिम जमानत की सुनवाई पहले मसौढ़ी में हुआ करता था. इसके अलावा एनआईए कोर्ट, एसएसटी समेत पांच सूत्री मांगों को लेकर लगातार अधिवक्ताओं का विरोध प्रदर्शन चल रहा है. जिसको लेकर अब राष्ट्रीय लोक अदालत का भी बहिष्कार करने का निर्णय लिया है.

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बता दें कि क्षेत्रीय काम-काज को पटना हाईकोर्ट शिफ्ट कर दिया गया, जिससे लोगों को तो परेशानी होती ही है, अधिवक्ताओं के पेट पर भी संकट है. मसौढ़ी, धनरुआ का बिजली केस, अग्रिम जमानत की सुनवाई, शराब, मुवक्किलों की पेशी सहित अन्य मामले सिविल कोर्ट से पटना हाईकोर्ट शिफ्ट कर दिया गया है. फैसले से नाराज अधिवक्ताओं के प्रदर्शन का 13वां दिन है. साथ उन्होंने कहा कि मांग पूरी नहीं हुई तो 11 दिसंबर को लोक अदालत का बहिष्कार करेंगे.

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वहीं, अधिवक्ताओं का कहना है कि सिविल कोर्ट का नया भवन भी बनकर तैयार हो गया है. अब तक यहां मात्र एक सब जज और एक एडीजे की नियुक्ति है. उन्होंने मसौढ़ी सिविल कोर्ट में सब जज और एडीजे की नियुक्ति की मांग की है. उन्होंने कोर्ट में पांच सब जज और एडीजे को नियुक्ति जरूरी बताया. अधिवक्ता संघ ने कहा कि जब तक अधिवक्ताओं की मांगों को पूरी नहीं किया जाता है, तब तक वे हड़ताल पर डटे रहेंगे.

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