पटना: भारतीय सेना के 6 आरआर बटालियन के जवान रमेश शर्मा उर्फ पप्पू शर्मा का पार्थिव शरीर मंगलवार सुबह पटना जिले के बिक्रम प्रखंड (BSF Jawan Ramesh Sharma Martyr in Kashmir) के खौरैठा नगर पहुंचा. नगर में जैसे ही सेना की गाड़ी पहुंची वैसे ही गांव में लोगों के बीच मातम पसर गया. लोगों का रो-रोकर बुरा हाल था. गांव के लोग भारत माता की जय और वीर जवान अमर रहे के नारों के साथ गांव के लाल को देश की सेवा के लिए सम्मान दिया गया. गांव में रीति रिवाज के अनुसार जवान के पार्थिव शरीर का दाह संस्कार किया जाएगा.
मंगलवार सुबह गांव में सभी की आंखें नम थी और परिवार के सभी सदस्यों का रो-रोकर बुरा हाल था. घर के सामने ही शहीद के पार्थिव शरीर को रखकर सलामी दी गई. शहीद जवान के बड़े भाई को इस बात का गर्व भी हो रहा था कि उनका छोटा भाई देश की सेवा करते-करते शहीद हो गया. गांव के लोगों की आंखों में अपने लाल के खोने का गम दिखाई दे रहा था. सेना के पदाधिकारी का कहना था कि शहीद जवान रमेश शर्मा का पार्थिव शरीर को पैतृक गांव लाया गया है. पार्थिव शरीर के गांव पहुंचते ही जवान की पत्नी और बड़े बेटे ने सलामी दी. शहीद के बेटे ने पापा अमर रहे का नारा लगाया.
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'मेरा छोटा भाई रमेश कुमार उर्फ पप्पू शर्मा, जो जम्मू कश्मीर के 6 आरआर बटालियन के कुपवाड़ा में पदस्थापित था. मेरे भाई की ड्यूटी जमीन से 1500 फीट ऊपर लगी हुई थी. ड्यूटी के दौरान ही भाई की तबीयत बिगड़ी थी. एक सप्ताह पूर्व पहले सूचना मिली थी कि वह आरआर दिल्ली असपयाल में भर्ती हैं. जहां उसे वेंटिलेटर पर रखा गया था. पहले क्या हुआ क्या नहीं, इसकी जानकारी हमें नहीं मिली है.' - दीनानाथ शर्मा, शहीद जवान के बड़े भाई
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बता दें कि शहीद जवान रमेश शर्मा पिछले साल 2021 के जून माह में अपने परिवार से मिलकर ड्यूटी पर जम्मू-कश्मीर गए हुए थे. उस समय उनका स्वास्थ्य ठीक था. इस बीच, सात दिन पहले जम्मू कश्मीर के कुपवाड़ा बॉर्डर पर ड्यूटी करने के दौरान रमेश कुमार उर्फ पप्पू शर्मा की तबियत बिगड़ गई थी. वह 6 आरआर रेजिमेंट में जवान थे. उनके बेहतर इलाज के लिए जम्मू कश्मीर से दिल्ली लाया गया था. जहां वह एडमिट रहे और अंतिम सांस ली. इस दौरान, जब उनकी तबीयत बिगड़ी तो उनके परिजनों को भी दिल्ली बुलाया गया था. अंतिम समय में उनके परिजन भी उनके साथ थे.
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