पटना: बिहार में शिक्षकों के लिए नई सेवा शर्त नियमावली प्रावधान लागू हो गया है. इसके तहत अब जो शिक्षकों की बहाली होगी, उसमें सिर्फ मैट्रिक और इंटर और अन्य एकेडमिक मार्क्स को जोड़कर मेधा अंक बनेगा. जिसके आधार पर शिक्षकों की बहाली होगी. इस बार शिक्षक पात्रता परीक्षा का अंक मेधा से हटा दिया गया है.
लागू करने की मांग
इसको लेकर अभ्यर्थी परेशान हैं और सरकार से इसे फिर से म कर रहे हैं. एनआईओएस डीएलएड शिक्षक संघ के अध्यक्ष पप्पू कुमार सेवा शर्त नियमावली का स्वागत किया है. डोमिसाइल नीति लागू होने से बिहार के ही छात्रों को नौकरी होगी, यह खुशी की बात है. लेकिन साथ-साथ इसमें कुछ कमियां है, उसको दूर करने की आवश्यकता है.
चयन करने में मुश्किल
शिक्षक अभ्यर्थी ने कहा कि नंबर पर जो वेटेज मिलता है, उसको सेवा शर्त नियमावली में हटा दिया गया है. इससे मेधावी छात्र को चयनित करने में मुश्किल होगी.
टीईटी में अच्छे नंबर होना यह दिखाता है कि छात्र मेधावी है और यह तय होता है कि शिक्षक नियोजन में पार्टिसिपेट करने वाले अभ्यार्थी को आंतरिक कितना ज्ञान है. यदि टीईटी में अच्छा नंबर होगा, इसका मतलब वह मेधावी छात्र है और बच्चों को अच्छे से ज्ञान दे सकता है.
धांधली की शिकायत
मैट्रिक, इंटरमीडिएट और प्रशिक्षण की परीक्षाओं में पहले से ही धांधली की शिकायत रही है. लेकिन टीईटी परीक्षा में धांधली नहीं होती है. टीईटी की क्वेश्चन इस तरह से सेट किये जाते हैं कि यदि अभ्यर्थी को टीईटी में बेहतर नंबर आता है, तो यह दिखाता है कि उनकी प्रशिक्षण अच्छी तरह से हुई है और पेडागोगी की समझ अच्छी है और बच्चों को वैज्ञानिक तरीके से पढ़ा सकते हैं.
टीईटी में वेटेज का प्रावधान
यदि टीईटी में वेटेज नहीं दिया जाएगा, तो अभ्यर्थी परीक्षा में सिर्फ पास मार्क्स लाने की सोचेंगे. इससे नुकसान यह होगा कि बिहार के छात्र टीईटी परीक्षा में मेहनत नहीं करेंगे. बिहार में अच्छे शिक्षक का नीव नहीं रखा जा सकेगा. इसलिए पुनः इस सेवा शर्त नियमावली को सुधार कर टीईटी में वेटेज का प्रावधान कर दिया जाए.
छात्रों में आक्रोश
टीईटी में जिनका नंबर बेहतर है और मेधावी छात्र भी हैं. कहीं ना कहीं उनमें आक्रोश दिख रहा है. शिक्षकों की बहाली के दौरान मेधा अंक के आधार पर ही मेधा सूची बनाई जाती है. जिसके मुताबिक शिक्षकों का चयन होता है. बिहार में शिक्षक पात्रता परीक्षा पास करना तो अनिवार्य है. लेकिन इस पात्रता परीक्षा का अंक नहीं जोड़ने को लेकर अभ्यर्थी सरकार से गुहार लगा रहे हैं. अब देखना है कि सरकार अभ्यर्थियों की इस मांग पर विचार करती है या नहीं.