पटना: बीपीएससी 67वीं पीटी के प्रश्न पत्र लीक (BPSC Paper Leak Case) मामले की जांच में अब तक आठ लोगों को गिरफ्तार किया गया है. मामले की जांच कर रही आर्थिक अपराध इकाई की टीम को कई अहम जानकारियां मिली है. इस पूरे पेपर लीक कांड मामले का सरगना आनंद गौरव और पिंटू यादव को बताया गया है. टीम ने बीते शुक्रवार की रात कदमकुआं के एक किराए के मकान से दोनों युवकों को गिरफ्तार किया था. जिसके बाद से पूरे मामले की परत दर परत खुलते चली गई. आर्थिक अपराध इकाई के अनुसार इसी किराए के मकान को सेटर कंट्रोल रूप की तरह इस्तेमाल कर रहे थे.
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किराए के मकान में कंट्रोल रूम: इससे पहले बीपीएससी प्रश्नपत्र लीक मामले में आर्थिक अपराध इकाई (EoU) की टीम ने आरा और भोजपुर से चार लोगों को गिरफ्तार करने के बाद कांड में संलिप्त चार अन्य लोगों को गिरफ्तार किया है. मिल रही जानकारी अनुसार गिरफ्तार अभियुक्तों से जब इस संबंध में पूछताछ की गई तो यह जानकारी मिली कि पटना के कदमकुआं थाना क्षेत्र के लोहानीपुर इलाके के काशीनाथ लेन के एक किराए के मकान को कंट्रोल रूम की तरह इस्तेमाल किया जा रहा था. यही से सेटर पेपर लीक की सारी गतिविधि पर नजर बनाए हुए थे. बता दें कि इसी मकान से आर्थिक अपराध इकाई की टीम ने दो युवकों को गिरफ्तार किया था.
गिरफ्तारियों का सिलसिला चालू: बीपीएससी पेपर लीक मामले में गिरफ्तार किए गए पहले व्यक्ति जयवर्धन गुप्ता वर्तमान में वीर कुंवर सिंह के स्टैटिक्स दंडाधिकारी सर प्रखंड विकास पदाधिकारी बताए जाते हैं तो वहीं दूसरे डॉक्टर योगेंद्र प्रसाद आरा के वीर कुंवर सिंह के प्राचार्य सह सेंटर सुपरिटेंडेंट बताए गए हैं. इसके अलावा सुनील कुमार सिंह आरा के वीर कुंवर सिंह कॉलेज के सह कंट्रोलर बताए गए हैं तो वहीं अमन कुमार सहाय वीर कुवंर सिंह कॉलेज के सेंटर अटेंडेंट बताए गए हैं. गौरतलब हो कि इन सभी चारों लोगों की गिरफ्तारी आर्थिक अपराध इकाई के द्वारा पूर्व में की जा चुकी है.
हाल के दिनों में राजेश कुमार को शास्त्री नगर थाना क्षेत्र से तो निशिकांत कुमार को जगदेव पथ इलाके के एक अपार्टमेंट के प्राइवेट कमरे से तो कृष्ण मोहन सिंह को कंकड़बाग थाना क्षेत्र के भूतनाथ रोड से गिरफ्तार करने के साथ सुधीर कुमार को औरंगाबाद जिले से गिरफ्तार कर लिया है. गिरफ्तार सभी आठों अभियुक्त बीपीएससी 67 वीं पीटी परीक्षा प्रश्नपत्र लीक मामले के मुख्य दोषी बताए गए हैं.
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गिरफ्तार लोगों के पास से आर्थिक अपराध इकाई की टीम ने 2.92 हजार रुपये कैश के साथ 2 ईयर फोन ब्लूटूथ डिवाइस 15220 जीपीएस डिवाइस, एक पेन कैमरा, जीपीएस मेड डिवाइस आदि बरामद किए गए है. इसके अलावा मास्टरमाइंड आनंद गौरव के बैंक खाते में जमा 12 लाखों रुपये आर्थिक अपराध इकाई के अनुशंसा पर फ्रीज कर दिया गया है. कदमकुआं में सेटर्स का कंट्रोल रूम पाए जाने के बाद ये तय हो गया है कि पेपर को लीक कराने के लिए एक सिंडिकेट काम कर रहा था. परत दर परत जांच में हर वो बात सामने आती जा रही है.
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