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पटना: बिहार विधानसभा चुनाव में मिली हार के बाद लोजपा छोड़ने वालों की आई बाढ़

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Published : Apr 12, 2021, 3:17 PM IST

बिहार विधानसभा चुनाव में मिली करारी हार के बाद धीरे-धीरे पार्टी के नेताओं का भी मोह लोजपा से भंग होता दिख रहा है. लोजपा द्वारा बुलाई गई बैठक में कई नेताओं ने आना भी मुनासिब नहीं समझा. इसके बाद लोजपा द्वारा उन्हें शोकॉज किया गया था.

लोजपा में पड़ी दरार, कई नेता पार्टी छोड़ने को तैयार
लोजपा में पड़ी दरार, कई नेता पार्टी छोड़ने को तैयार

पटना: बिहार विधानसभा चुनाव में लोजपा को मिली करारी हार के बाद धीरे-धीरे नेताओं का भी पार्टी से मोह भंग होता दिख रहा है. लोजपा की इकलौती एमएलसी नूतन सिंह और इकलौते विधायक राज कुमार सिंह ने भी जदयू और भाजपा का दामन थाम लिया है. बिहार विधानसभा चुनाव के दौरान दूसरे दलों से आये कई नेताओं का लोजपा से मोहभंग हो रहा है. इसका जीता-जागता उदाहरण है कि लोजपा की बैठक. कई ऐसे नेता थे जिन्होंने मीटिंग में आना भी मुनासिब नहीं समझा. इसके बाद पार्टी ने उन्हें शो कॉज किया है.

ये भी पढ़ें- चिराग को बड़ा झटका, विधायक राजकुमार ने थामा जेडीयू का दामन

नेताओं का लोजपा से हो रहा है मोहभंग
नोटिस में 5 अप्रैल से पहले लिखित रूप से बैठक में नहीं शामिल होने का कारण पूछा गया था. परंतु अब तक कई ऐसे नेता हैं, जिन्होंने जवाब देना भी उचित नहीं समझा है. मिल रही जानकारी के अनुसार बीजेपी के बड़े नेता राजेंद्र सिंह, उषा विद्यार्थी समेत कई अन्य की घर वापसी हो सकती है. हालांकि इन नेताओं की घर वापसी को लेकर भाजपा कुछ भी बोलने से अभी परहेज कर रही है.

जल्द ही कई लोग छोड़ सकते हैं लोजपा का दामन
लोजपा के शो कॉज नोटिस में दिनारा के प्रत्याशी राजेंद्र प्रसाद सिंह, अमरपुर के प्रत्याशी मृणाल शेखर, तेघड़ा विधानसभा के ललन कुमार सहित कुछ और अन्य लोगों को शो कॉज नोटिस भेजा गया था। इन लोगों ने लोजपा को जवाब देना उचित नहीं समझा है। अनुमान लगाया जा रहा है कि जल्दी यह लोग लोजपा का दामन छोड़ सकते हैं.

बिहार विधानसभा चुनाव में मिली हार का LJP पर पड़ा साइड इफेक्ट
बिहार विधानसभा चुनाव में मिली हार का LJP पर पड़ा साइड इफेक्ट

ये भी पढ़ें- कटिहार में लोजपा नेता को मारी गोली, कुख्यात मोहन ठाकुर पर गोली मारने का आरोप

पार्टी छोड़कर गए नेताओं के प्रति बीजेपी सॉफ्ट
बीजेपी छोड़कर लोजपा का दामन थामने वाले नेताओं के प्रति भाजपा सॉफ्ट रुख अपना रही है. भाजपा का कोई नेता बोलने को तैयार नहीं है. विधानसभा चुनाव में मिली हार के बाद से लोजपा सुप्रीमो चिराग पासवान से अधिकांश नेता परोक्ष व परोक्ष रूप से नाराज चल रहे हैं.

लोजपा का चिराग पूर्ण रूप से बुझ गया
जदयू विधायक ललन सिंह की मानें तो लोजपा का चिराग पूर्ण रूप से बुझ गया है. लोजपा के प्रति नेताओं का मोह लगातार भंग हो रहा है. जिस वजह से लोजपा के नेता जदयू में शामिल हो रहे हैं. भाजपा के पूर्व विधायक और प्रवक्ता प्रेम रंजन पटेल हालांकि लोजपा के प्रति सॉफ्ट कार्नर दिखाई दे रहे हैं.

उन्होंने कहा कि अगर रामविलास पासवान जीवित होते तो लोजपा की स्थिति ऐसी नहीं होती और ना ही बिहार विधानसभा चुनाव में लोजपा एनडीए से अलग हटकर चुनाव लड़ती. लोजपा का जो हश्र हुआ है, वह नहीं होता.

पार्टी में कोई टूट नहीं हो रही है, समुद्र मंथन चल रहा है
लोजपा में लगातार हो रही टूट को लेकर पार्टी के प्रधान महासचिव संजय पासवान का मानना है कि पार्टी में कोई टूट नहीं हो रही है. पार्टी पूर्ण रूप से मजबूत है. नए सिरे से पार्टी खुद को तैयार कर रही है जिसको लेकर बूथ स्तर से लेकर विधानसभा तक नई कमेटियों के गठन में पार्टी जुट गई है.

पटना: बिहार विधानसभा चुनाव में लोजपा को मिली करारी हार के बाद धीरे-धीरे नेताओं का भी पार्टी से मोह भंग होता दिख रहा है. लोजपा की इकलौती एमएलसी नूतन सिंह और इकलौते विधायक राज कुमार सिंह ने भी जदयू और भाजपा का दामन थाम लिया है. बिहार विधानसभा चुनाव के दौरान दूसरे दलों से आये कई नेताओं का लोजपा से मोहभंग हो रहा है. इसका जीता-जागता उदाहरण है कि लोजपा की बैठक. कई ऐसे नेता थे जिन्होंने मीटिंग में आना भी मुनासिब नहीं समझा. इसके बाद पार्टी ने उन्हें शो कॉज किया है.

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नेताओं का लोजपा से हो रहा है मोहभंग
नोटिस में 5 अप्रैल से पहले लिखित रूप से बैठक में नहीं शामिल होने का कारण पूछा गया था. परंतु अब तक कई ऐसे नेता हैं, जिन्होंने जवाब देना भी उचित नहीं समझा है. मिल रही जानकारी के अनुसार बीजेपी के बड़े नेता राजेंद्र सिंह, उषा विद्यार्थी समेत कई अन्य की घर वापसी हो सकती है. हालांकि इन नेताओं की घर वापसी को लेकर भाजपा कुछ भी बोलने से अभी परहेज कर रही है.

जल्द ही कई लोग छोड़ सकते हैं लोजपा का दामन
लोजपा के शो कॉज नोटिस में दिनारा के प्रत्याशी राजेंद्र प्रसाद सिंह, अमरपुर के प्रत्याशी मृणाल शेखर, तेघड़ा विधानसभा के ललन कुमार सहित कुछ और अन्य लोगों को शो कॉज नोटिस भेजा गया था। इन लोगों ने लोजपा को जवाब देना उचित नहीं समझा है। अनुमान लगाया जा रहा है कि जल्दी यह लोग लोजपा का दामन छोड़ सकते हैं.

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पार्टी छोड़कर गए नेताओं के प्रति बीजेपी सॉफ्ट
बीजेपी छोड़कर लोजपा का दामन थामने वाले नेताओं के प्रति भाजपा सॉफ्ट रुख अपना रही है. भाजपा का कोई नेता बोलने को तैयार नहीं है. विधानसभा चुनाव में मिली हार के बाद से लोजपा सुप्रीमो चिराग पासवान से अधिकांश नेता परोक्ष व परोक्ष रूप से नाराज चल रहे हैं.

लोजपा का चिराग पूर्ण रूप से बुझ गया
जदयू विधायक ललन सिंह की मानें तो लोजपा का चिराग पूर्ण रूप से बुझ गया है. लोजपा के प्रति नेताओं का मोह लगातार भंग हो रहा है. जिस वजह से लोजपा के नेता जदयू में शामिल हो रहे हैं. भाजपा के पूर्व विधायक और प्रवक्ता प्रेम रंजन पटेल हालांकि लोजपा के प्रति सॉफ्ट कार्नर दिखाई दे रहे हैं.

उन्होंने कहा कि अगर रामविलास पासवान जीवित होते तो लोजपा की स्थिति ऐसी नहीं होती और ना ही बिहार विधानसभा चुनाव में लोजपा एनडीए से अलग हटकर चुनाव लड़ती. लोजपा का जो हश्र हुआ है, वह नहीं होता.

पार्टी में कोई टूट नहीं हो रही है, समुद्र मंथन चल रहा है
लोजपा में लगातार हो रही टूट को लेकर पार्टी के प्रधान महासचिव संजय पासवान का मानना है कि पार्टी में कोई टूट नहीं हो रही है. पार्टी पूर्ण रूप से मजबूत है. नए सिरे से पार्टी खुद को तैयार कर रही है जिसको लेकर बूथ स्तर से लेकर विधानसभा तक नई कमेटियों के गठन में पार्टी जुट गई है.

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