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Bihar Politics: नीतीश कुमार को बड़ा झटका, JDU के कई नेताओं ने थामा उपेंद्र कुशवाहा का दामन - Many JDU leaders join RLJD

जनता दल यूनाइटेड से अलग होकर अपनी नई पार्टी बनाने वाले उपेंद्र कुशवाहा ने नीतीश कुमार को बड़ा झटका दिया है. उन्होंने मंगलवार को जेडीयू के कई पुराने नेताओं को राष्ट्रीय लोक जनता दल की सदस्यता दिलाई है. इसके साथ ही पूर्व महासचिव शंभूनाथ सिन्हा भी उनके साथ आ गए हैं. उन्होंने एक दिन पहले ही अपने समर्थकों के साथ जेडीयू की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया था.

आरएलजेडी अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा
आरएलजेडी अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा
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Published : Mar 14, 2023, 6:02 PM IST

पटना: आरएलजेडी अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा (RLJD President Upendra Kushwaha) इन दिनों अपनी पार्टी को मजबूत करने में जुटे हैं. वह लगातार अपने पुराने साथियों को साथ लाने की मुहिम में जुटे हैं. इसी कड़ी में मंगलवार को वह जेडीयू के डेढ़ दर्जन से अधिक नेताओं को साथ लाने में कामयाब रहे. विरासत बचाओ यात्रा के पहले चरण के समापन के बाद 17 नेताओं ने राष्ट्रीय लोक जनता दल का दामन थाम लिया.

ये भी पढ़ें: Bihar Politics: क्या BJP के साथ होगा गठबंधन? उपेंद्र कुशवाहा ने कहा- उन दलों के साथ दोस्ती हो सकती है, जिनकी आकांक्षा...

जेडीयू को बड़ा झटका, 17 नेता आरएलजेडी में शामिल: कुशवाहा की पार्टी में जो लोग शामिल हुए, उनमें जेडीयू किसान प्रकोष्ठ के पूर्व जिला अध्यक्ष (गया) सतीश शर्मा, किसान प्रकोष्ठ के पूर्व जिला उपाध्यक्ष राजकिशोर सिंह, शिक्षा प्रकोष्ठ के पूर्व उपाध्यक्ष शशिकांत, किसान प्रकोष्ठ के पूर्व प्रदेश महासचिव संजय कुमार और मंजेश शर्मा पटना महानगर के पूर्व जिला अध्यक्ष उने कुमार और विजय कुमार चौहान समेत 17 नेता शामिल हैं.

नीतीश कुमार की विरासत चाहते हैं कुशवाहा: उपेंद्र कुशवाहा ने जेडीयू छोड़ने से पहले ऐलान किया था कि वह हिस्सेदारी चाहते हैं. सियासी जानकारों के मुताबिक कुशवाहा को लगता है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के बाद जेडीयू और 'लव-कुश' वोट बैंक के असली उत्तराधिकारी हैं. अब जब उनको हिस्सेदारी नहीं मिली तो वह विरासत बचाओ यात्रा के माध्यम से लोगों और खासकर पुराने साथियों को अपने साथ लाने की कोशिश कर रहे हैं. इस मिशन में कुछ हदतक उनको कामयाबी भी मिल रही है.

बीजेपी के साथ जाएंगे कुशवाहा?: जेडीयू से अलग होने के तुरंत बाद जिस तरह से कुशवाहा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तारीफ की थी और फिर उसके बाद बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल ने उनसे उनके आवास पर जाकर मुलाकात की थी, उससे माना जा रहा है कि वह 2024 का लोकसभा चुनाव बीजेपी के साथ मिलकर लड़ेंगे. अभी हाल में ही उनको Y+ कैटेगरी की सुरक्षी मिली है, उसे भी बीजेपी के साथ उनकी नजदीकी के रूप में देखा जा रहा है.

पटना: आरएलजेडी अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा (RLJD President Upendra Kushwaha) इन दिनों अपनी पार्टी को मजबूत करने में जुटे हैं. वह लगातार अपने पुराने साथियों को साथ लाने की मुहिम में जुटे हैं. इसी कड़ी में मंगलवार को वह जेडीयू के डेढ़ दर्जन से अधिक नेताओं को साथ लाने में कामयाब रहे. विरासत बचाओ यात्रा के पहले चरण के समापन के बाद 17 नेताओं ने राष्ट्रीय लोक जनता दल का दामन थाम लिया.

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जेडीयू को बड़ा झटका, 17 नेता आरएलजेडी में शामिल: कुशवाहा की पार्टी में जो लोग शामिल हुए, उनमें जेडीयू किसान प्रकोष्ठ के पूर्व जिला अध्यक्ष (गया) सतीश शर्मा, किसान प्रकोष्ठ के पूर्व जिला उपाध्यक्ष राजकिशोर सिंह, शिक्षा प्रकोष्ठ के पूर्व उपाध्यक्ष शशिकांत, किसान प्रकोष्ठ के पूर्व प्रदेश महासचिव संजय कुमार और मंजेश शर्मा पटना महानगर के पूर्व जिला अध्यक्ष उने कुमार और विजय कुमार चौहान समेत 17 नेता शामिल हैं.

नीतीश कुमार की विरासत चाहते हैं कुशवाहा: उपेंद्र कुशवाहा ने जेडीयू छोड़ने से पहले ऐलान किया था कि वह हिस्सेदारी चाहते हैं. सियासी जानकारों के मुताबिक कुशवाहा को लगता है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के बाद जेडीयू और 'लव-कुश' वोट बैंक के असली उत्तराधिकारी हैं. अब जब उनको हिस्सेदारी नहीं मिली तो वह विरासत बचाओ यात्रा के माध्यम से लोगों और खासकर पुराने साथियों को अपने साथ लाने की कोशिश कर रहे हैं. इस मिशन में कुछ हदतक उनको कामयाबी भी मिल रही है.

बीजेपी के साथ जाएंगे कुशवाहा?: जेडीयू से अलग होने के तुरंत बाद जिस तरह से कुशवाहा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तारीफ की थी और फिर उसके बाद बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल ने उनसे उनके आवास पर जाकर मुलाकात की थी, उससे माना जा रहा है कि वह 2024 का लोकसभा चुनाव बीजेपी के साथ मिलकर लड़ेंगे. अभी हाल में ही उनको Y+ कैटेगरी की सुरक्षी मिली है, उसे भी बीजेपी के साथ उनकी नजदीकी के रूप में देखा जा रहा है.

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