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स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव प्रत्यय बोले- '10 से 11 जिलों में महामारी रोग विशेषज्ञ नहीं'

देश और दुनिया कोरोना जैसी महामारी से जूझ रही है. इसी बीच बिहार स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव प्रत्यय अमृत (Principal Secretary Pratyaya Amrit) ने राज्य की स्वास्थ्य व्यवस्थाओं को आइना दिखाने वाला एक बयान दिया है. उन्होंने कहा कि सूब के 10 से 11 जिलों में महामारी रोग विशेषज्ञ ही नहीं है. यह भी पढ़ें....

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Published : Nov 4, 2022, 3:37 PM IST

पटना: बिहार में स्वास्थ्य के क्षेत्र में मानव बल की भारी (Health Facilities In Bihar) कमी है. इस वजह से राज्य की स्वास्थ्य व्यवस्था काफी प्रभावित है. राज्य सरकार इस कमी को पूरा करने के लिए काम कर रही है. यह कहना था बिहार स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव प्रत्यय अमृत का. वे स्टेट हेल्थ सोसायटी बिहार और एशियन डेवलपमेंट रिसर्च इंस्टीट्यूट पटना के संयुक्त तत्वाधान में आयोजित कार्यशाला में बोल रहे थे. कार्यशाला का विषय 'बिहार में रोग निगरानी और महामारी की तैयारी' था. कार्यशाला में सेंटर फॉर हेल्थ पॉलिसी भी भागीदार रहा.

यह भी पढ़ें: पूर्व केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने PMCH के डेंगू वार्ड का किया निरीक्षण, मरीजों का जाना हालचाल

"स्वास्थ्य क्षेत्र में मैन पावर की भारी कमी": प्रधान सचिव प्रत्यय आगे कहा कि प्रदेश में स्वास्थ्य क्षेत्र के लिए मानव संसाधन की कमी एक बड़ी बाधा है. प्रदेश में 10 से 11 जिले ऐसे हैं, जहां पर एक भी महामारी रोग विशेषज्ञ (Shortage Of Epidemiologists In Bihar) नहीं है. उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य विभाग में कहां कितने मानव बल की कमी है, इसे देखा जा रहा है. कमी को पूरा करने के लिए सरकार काम कर रही है. एएनएम की पोस्टिंग नीति की भी समीक्षा की जा रही है. ताकि, एएनएम को उन जगहों पर नियुक्त किया जा सके, जहां वे काम करने में सहज महसूस करती हैं.



यह भी पढ़ें: सुशील मोदी ने PMCH के डेंगू वार्ड का किया निरीक्षण, नीतीश सरकार पर साधा निशाना

इंटीग्रेटेड डिजीज सर्विलेंस प्रोग्राम पर काम शुरू: प्रत्यय अमृत ने कहा कि इंटीग्रेटेड डिजीज सर्विलेंस प्रोग्राम को तैयार किया जा रहा है. भविष्य में स्वास्थ्य से जुड़ी हुई समस्याएं वही पर निदान किया जा सके. उन्होंने कहा कि कोई भी महामारी को यदि समय रहते पता लगाकर संक्रमितों को आइसोलेट कर दिया जाए तो महामारी को व्यापक रूप से फैलने से रोका जा सकता है.

पटना: बिहार में स्वास्थ्य के क्षेत्र में मानव बल की भारी (Health Facilities In Bihar) कमी है. इस वजह से राज्य की स्वास्थ्य व्यवस्था काफी प्रभावित है. राज्य सरकार इस कमी को पूरा करने के लिए काम कर रही है. यह कहना था बिहार स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव प्रत्यय अमृत का. वे स्टेट हेल्थ सोसायटी बिहार और एशियन डेवलपमेंट रिसर्च इंस्टीट्यूट पटना के संयुक्त तत्वाधान में आयोजित कार्यशाला में बोल रहे थे. कार्यशाला का विषय 'बिहार में रोग निगरानी और महामारी की तैयारी' था. कार्यशाला में सेंटर फॉर हेल्थ पॉलिसी भी भागीदार रहा.

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"स्वास्थ्य क्षेत्र में मैन पावर की भारी कमी": प्रधान सचिव प्रत्यय आगे कहा कि प्रदेश में स्वास्थ्य क्षेत्र के लिए मानव संसाधन की कमी एक बड़ी बाधा है. प्रदेश में 10 से 11 जिले ऐसे हैं, जहां पर एक भी महामारी रोग विशेषज्ञ (Shortage Of Epidemiologists In Bihar) नहीं है. उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य विभाग में कहां कितने मानव बल की कमी है, इसे देखा जा रहा है. कमी को पूरा करने के लिए सरकार काम कर रही है. एएनएम की पोस्टिंग नीति की भी समीक्षा की जा रही है. ताकि, एएनएम को उन जगहों पर नियुक्त किया जा सके, जहां वे काम करने में सहज महसूस करती हैं.



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इंटीग्रेटेड डिजीज सर्विलेंस प्रोग्राम पर काम शुरू: प्रत्यय अमृत ने कहा कि इंटीग्रेटेड डिजीज सर्विलेंस प्रोग्राम को तैयार किया जा रहा है. भविष्य में स्वास्थ्य से जुड़ी हुई समस्याएं वही पर निदान किया जा सके. उन्होंने कहा कि कोई भी महामारी को यदि समय रहते पता लगाकर संक्रमितों को आइसोलेट कर दिया जाए तो महामारी को व्यापक रूप से फैलने से रोका जा सकता है.

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