पटना: राजधानी पटना में बनने वाला रिंग रोड पिछले कई सालों से चर्चा में है. प्रधानमंत्री पैकेज के तहत इसका निर्माण होना है. 160 किलोमीटर की लंबाई में बनने वाले पटना रिंग रोड पर लगभग 5 हजार करोड़ रुपये खर्च होगी. लेकिन वर्षों से इस पर चर्चा किए जाने के बाद भी अब तक रिंग रोड का डीपीआर भी तैयार नहीं हुआ है.
इस रिंग रोड के बन जाने से राजधानी को जाम से भी मुक्ति और शहर का विस्तार होगा. इसी तरह की कई योजनाएं है, जिस पर ग्रहण लगता रहा है.
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पीएम पैकेज के तहत बनेगा रिंग रोड
पटना महानगर का रिंग रोड सिक्स लेन का होगा. यह रिंग रोड एसएच-78 को जोड़ते हुए कन्हौली, नौबतपुर, डुमरी, लखना, बेलदारीचक, रामनगर होते हुए कच्ची दरगाह से बिदुपुर तक बनने वाले सिक्स लेन पुल तक जाएगा. इसके निर्माण की केंद्र सरकार ने प्रधानमंत्री पैकेज के तहत स्वीकृति दे दी है. मुख्यमंत्री के स्तर पर भी पटना रिंग रोड को लेकर कई बार बैठक हुई है. लेकन हर बार बैठक में इसका विस्तार दिया गया है और अब 160 किलोमीटर की लंबाई में तैयार होगा.
इस रिंग रोड पर लगभग 5 हजार करोड़ रुपये खर्च आएगी. रिंग रोड के साथ गंगा पर भी एक पुल बनाया जाएगा. रिंग रोड का निर्माण दो फेज में होना है. लेकिन अभी तक डीपीआर भी इसका तैयार नहीं हुआ है. अब बरसात के बाद रिंग रोड परियोजना पर काम आगे बढ़ सकता है. लेकिन कोरोना महामारी और विधानसभा चुनाव के कारण इसपर ग्रहण भी लग सकता है.
'जल्द ही तैयार हो जाएगा डीपीआर'
बिहार सरकार के पथ निर्माण मंत्री नंदकिशोर यादव ने कहा कि एलाइनमेंट तय हो गया है और जल्द ही डीपीआर भी तैयार हो जाएगा. डीपीआर तैयार होने के बाद इसका टेंडर होगा. वहीं, जेडीयू प्रवक्ता राजीव रंजन ने कहा कि जब मुख्यमंत्री ने स्वप्न देखा है, तो जरूर जमीन पर उतरेगा. ऐसे भी मुख्यमंत्री जो भी संकल्प लेते हैं. वह पूरा जरूर करते हैं. रिंग रोड एक महत्वपूर्ण परियोजना है और यह भी जमीन पर उतरेगा. लेकिन कई तरह की परेशानियां होती हैं. जमीन अधिग्रहण से लेकर डीपीआर तक उन सब को पूरा करना जरूरी है.
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वर्षों से लटकी है बड़ी परियोजनाएं
रिंग रोड से पटना जिले के अन्य हिस्सों सहित वैशाली और सारण जिले की सीधी और आसान कनेक्टिविटी हो जाएगी. शहर का विस्तार गंगा नदी के उत्तर और गंडक नदी के दोनों तरफ हो सकेगा. रिंग रोड बनने के बाद प्रदेश के पश्चिमी और उत्तरी भाग में जाने के लिए वाहनों को शहर में प्रयोग प्रवेश करने की जरूरत नहीं पड़ेगी. इसके कारण राजधानी पटना जाम से मुक्त हो जाएगा. लेकिन इस योजना पर भी ग्रहण लगता रहा है. इसी तरह की कई बड़ी परियोजना है, जो वर्षों से लटकी हुई है.
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कुछ बड़ी परियोजनाएं -
- गंगा पाथ वे जो पटना के गंगा किनारे बन रहा है.
- गांधी सेतु के समानांतर चार लेन पुल.
- राजधानी पटना में बन रहा लोहिया पथ चक्र.
- पटना-गया डोभी राष्ट्रीय उच्च पथ.
- पटना, मुजफ्फरपुर, मोतिहारी से नेपाल तक राष्ट्रीय उच्च पथ जैसी कई बड़ी परियोजनाएं किसी न किसी कारण से वर्षों से लटकी है या फिर काम धीमी गति से चल रहा है. अब चुनावी साल है. कोरोना महामारी भी है. इसके कारण भी ग्रहण लगता दिख रहा है.