पटना: चालू वित्तीय वर्ष में बिहार के विकास की रफ्तार धीमी पड़ गई है. विभागीय आंकड़ें कुछ इस तरफ ही इशारा कर रहे हैं. बिहार सरकार का कई विभाग योजनाओं पर खर्च नहीं कर पा रहा है. विभाग योजना मद और पूंजीगत व्यय की राशि खर्च करने में सुस्त है. चालू वित्तीय वर्ष के 2 लाख 5 हजार करोड़ के बजट में करीब 1 लाख करोड़ योजना मद में खर्च के लिए रखा गया है.
वित्तीय वर्ष में 5 महीने बीतने के बाद भी अब तक चंद विभाग ही महज 15% की राशि खर्च कर पाया है. जबकि इसकी तुलना में पिछले वित्तीय वर्ष में पांच महीनों में लगभग 25 फीसदी राशि खर्च हो चुकी थी. लेकिन, इस बार आलम तो यह है कि कई विभागों का खाता तक नहीं खुला है. वहीं, कई विभाग 1% के अंदर ही राशि खर्च पाया है. योजनाओं में पैसे खर्च करने के मामले में शिक्षा विभाग सबसे टॉप पर है. जहां अब तक 19.57% खर्च हुआ है. जबकि कई विभागों का अब तक खाता भी नहीं खुल पाया है.
खर्च करने की रफ्तार धीमा होने की वजह
बिहार सरकार द्वारा योजना की राशि खर्च नहीं करने के पीछे कई कारण बताए जा रहे हैं. इसमें कम खर्च होने की मुख्य वजह केंद्र की तरफ से आने वाली केंद्रीय प्रायोजित योजना में निर्धारित लक्ष्य से बहुत कम राशि का आना है. वहीं, दूसरा बड़ा कारण वित्तीय प्रबंधन के लिए सीएफएमएस प्रणाली को सही तरीके से लागू नहीं कर पाना. सीएफएमएस प्रणाली के माध्यम से पैसों का लेनदेन और इसका लेखा-जोखा रखने में समस्या आ रही है. इस प्रणाली को लागू करने के बाद राज्य में सभी सरकारी लेनदेन ऑनलाइन होना था. लेकिन तकनीकी कठिनाइयों के कारण गंभीर समस्याएं खड़ी हो गई है.
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केंद्र से मिले महज 5 हजार करोड़ रुपये
गौरतलब है कि चालू वित्तीय वर्ष के लिए केंद्र प्रायोजित योजनाओं में 37 हजार 407 करोड़ की राशि निर्धारित की गई है. जिसमें बिहार को अब तक महज 5 हजार करोड़ रुपये ही प्राप्त हुए हैं. वहीं, मौजूदा तिमाही के दौरान केंद्र में जीएसटी समेत अन्य टैक्स संग्रहण में 40 हजार करोड़ रुपये की गिरावट को भी माना जा रहा है.
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अभी तक इन विभागों में योजना की राशि का 1% भी खर्च नहीं हुई
- 1. पशु एवं मत्स्य विभाग
- 2. पिछड़ा एवं अति पिछड़ा कल्याण विभाग
- 3. ग्रामीण कार्य विभाग
- 4. पंचायती राज विभाग
- 5. उद्योग विभाग
- 6. पंचायती राज विभाग
- 7. अल्पसंख्यक कल्याण विभाग
- 8. स्वास्थ्य विभाग विभाग
- 9. विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग
इन विभागों में 20% से कम की राशि खर्च हुई
- 1.शिक्षा विभाग-19.57%
- 2.वन पर्यावरण विभाग-2.52 %
- 3.श्रम संसाधन विभाग- 2.40 %
- 4.योजना एवं विकास विभाग- 0.03%
- 5. ग्रामीण विकास 4.42%
- 6. अनुसूचित जाति-जनजाति कल्याण विभाग-0.43%
विभाग में योजना आकार का आवंटित राशि ( करोड़ में )
- 1. ग्रामीण विकास विभाग - 15814
- 2. ग्रामीण कार्य विभाग - 9896
- 3. समाज कल्याण विभाग - 6997
- 4. स्वास्थ्य विभाग - 5149
- 5. पंचायती राज विभाग - 3114
- 6. कृषि विभाग - 2344
- 7. पशुपालन विभाग - 666
- 8. कला संस्कृति विभाग - 513
- 9. पिछड़ा एवं अति पिछड़ा विभाग - 1679
- 10. भवन निर्माण विभाग - 600
- 11. उद्योग विभाग - 713
- 12.अल्पसंख्यक कल्याण विभाग - 500
- 13. ग्रामीण कार्य विभाग - 9996