ETV Bharat / state

विकास फंड के पैसे खर्च करने में कुछ MP रहे चुस्त.. तो कई बड़े नाम रहे बेहद सुस्त, जानिए किसने कितना किया इस्तेमाल

सांसद निधि खर्च करने में बिहार के कई सांसद काफी उदासीन हैं. कुछ सांसदों ने इस निधि का अधिकांश हिस्सा विकास कार्यों पर खर्च कर दिया, तो कुछ के पास आधी से अधिक राशि बची हुई है. MPLAD कम खर्च करने वालों की सूची में कई वर्तमान और कुछ पूर्व केंद्रीय मंत्री शामिल हैं. पढ़ें खास रिपोर्ट..

spending MPLAD Fund
spending MPLAD Fund
author img

By

Published : Feb 6, 2022, 12:52 PM IST

पटना: केंद्र सरकार द्वारा आवंटित एमपीलैड फंड खर्च (spending MPLAD Fund) करने में बिहार में कई सांसद फिसड्डी साबित हुए हैं. वित्त वर्ष 2019-20 में केंद्र सरकार ने बिहार के लोकसभा सांसदों को सांसद निधि में 7, 5 और 2.5 करोड़ रुपए आवंटित किए. कुछ सांसदों ने MPLAD फंड का काफी तेजी से इस्तेमाल किया है, तो कुछ इस मामले में बेहद सुस्त (Bihar MP laggy in spending MPLAD funds) रहे. कई सांसद तो ऐसे हैं, जिन्होंने आधी रकम तो कुछ ने महज 25 फीसदी के आसपास ही सांसद निधि खर्च की.

ये भी पढ़ें: इनसाइड स्टोरी: तेजप्रताप की बेरुखी से बैकफुट पर लालू, टल सकती है तेजस्वी की ताजपोशी

मुजफ्फरपुर के सांसद अजय निषाद (Muzaffarpur MP Ajay Nishad) सबसे अधिक राशि खर्च करने वालों की सूची में अव्वल रहे. उनके पास सिर्फ 1 लाख रुपये की राशि ही बची है. अररिया के सांसद प्रदीप कुमार सिंह के पास मात्र 22 लाख रुपए तो नालंदा के सांसद कौशलेन्द्र कुमार के पास मात्र 72 लाख रुपए शेष हैं. हाजीपुर से सांसद पशुपति पारस का भी MPLAD फंड खर्च का रिकॉर्ड भी काफी अच्छा है. उनके पास महज 17 लाख रुपए बचे हैं. सासाराम के सांसद छेदी पासवान (Sasaram MP Chhedi Paswan) के पास मात्र 40 लाख ही शेष बचे हैं.

सबसे कम राशि खर्च करने वाले सांसदों की सूची में सुपौल के दिलेश्वर कामत (Supaul MP Dileshwar Kamat) सबसे आगे हैं. उनके पास सर्वाधिक 4.34 करोड़ की राशि बची हुई है. मुंगेर से सांसद और जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजीव रंजन उर्फ ललन सिंह को 5 करोड़ रुपये जारी हुए थे लेकिन उनके पास अभी भी 3.49 करोड़ बचे हैं. दरभंगा सांसद गोपालजी ठाकुर के पास 5 करोड़ में से 3.34 करोड़ रुपये, बक्सर सांसद अश्विनी चौबे के पास 5 करोड़ में से 3.25 करोड़ रुपये बचे हुए हैं.

वहीं, बेगूसराय के सांसद केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह (Union Minister Giriraj Singh) के पास 5 करोड़ में से 3.28 करोड़ रुपये, मधुबनी सांसद अशोक कुमार यादव के पास 5 करोड़ में 3.39 करोड़ रुपये, जहानाबाद सांसद चंद्रेश्वर प्रसाद के पास 5 करोड़ में से 3.41 करोड़ रुपये की राशि बची हुई है. वैशाली सांसद वीणा देवी के पास 2.60 करोड़ तो शिवहर सांसद रामा देवी के पास 1.85 करोड़ की राशि पड़ी हुई है. नवादा सांसद चंदन सिंह के पास 5 करोड़ में से 2.84 करोड़ रुपये, जमुई सांसद चिराग पासवान के पास 2.50 करोड़ में से 1.83 करोड़ रुपए शेष हैं.

ये भी पढ़ें: बिहार की बंद चीनी मिलों की 2500 एकड़ जमीन पर स्थापित होंगे उद्योग : गन्ना उद्योग मंत्री

बता दें कि MPLAD फंड को को उसी वित्तीय वर्ष में खर्च करना होता है. इस राशि को लोकसभा क्षेत्र के विकास में खर्च किया जाता है. केंद्र सरकार ने वित्तीय वर्ष 2021-22 में सभी सांसदों को दो-दो करोड़ रुपए दिए थे. 2022-23 से सभी सांसदों को पहले की तरह वर्ष में 5-5 करोड़ दिए जाएंगे. यह राशि उन्हें ढाई-ढाई करोड़ की दो किस्तों में दी मिलेगी. कोरोना संकट के दौरान आर्थिक चुनौतियों को देखते हुए सांसद निधि पर रोक लगा दी गयी थी.

विश्वसनीय खबरों को देखने के लिए डाउनलोड करें ETV BHARAT APP

पटना: केंद्र सरकार द्वारा आवंटित एमपीलैड फंड खर्च (spending MPLAD Fund) करने में बिहार में कई सांसद फिसड्डी साबित हुए हैं. वित्त वर्ष 2019-20 में केंद्र सरकार ने बिहार के लोकसभा सांसदों को सांसद निधि में 7, 5 और 2.5 करोड़ रुपए आवंटित किए. कुछ सांसदों ने MPLAD फंड का काफी तेजी से इस्तेमाल किया है, तो कुछ इस मामले में बेहद सुस्त (Bihar MP laggy in spending MPLAD funds) रहे. कई सांसद तो ऐसे हैं, जिन्होंने आधी रकम तो कुछ ने महज 25 फीसदी के आसपास ही सांसद निधि खर्च की.

ये भी पढ़ें: इनसाइड स्टोरी: तेजप्रताप की बेरुखी से बैकफुट पर लालू, टल सकती है तेजस्वी की ताजपोशी

मुजफ्फरपुर के सांसद अजय निषाद (Muzaffarpur MP Ajay Nishad) सबसे अधिक राशि खर्च करने वालों की सूची में अव्वल रहे. उनके पास सिर्फ 1 लाख रुपये की राशि ही बची है. अररिया के सांसद प्रदीप कुमार सिंह के पास मात्र 22 लाख रुपए तो नालंदा के सांसद कौशलेन्द्र कुमार के पास मात्र 72 लाख रुपए शेष हैं. हाजीपुर से सांसद पशुपति पारस का भी MPLAD फंड खर्च का रिकॉर्ड भी काफी अच्छा है. उनके पास महज 17 लाख रुपए बचे हैं. सासाराम के सांसद छेदी पासवान (Sasaram MP Chhedi Paswan) के पास मात्र 40 लाख ही शेष बचे हैं.

सबसे कम राशि खर्च करने वाले सांसदों की सूची में सुपौल के दिलेश्वर कामत (Supaul MP Dileshwar Kamat) सबसे आगे हैं. उनके पास सर्वाधिक 4.34 करोड़ की राशि बची हुई है. मुंगेर से सांसद और जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजीव रंजन उर्फ ललन सिंह को 5 करोड़ रुपये जारी हुए थे लेकिन उनके पास अभी भी 3.49 करोड़ बचे हैं. दरभंगा सांसद गोपालजी ठाकुर के पास 5 करोड़ में से 3.34 करोड़ रुपये, बक्सर सांसद अश्विनी चौबे के पास 5 करोड़ में से 3.25 करोड़ रुपये बचे हुए हैं.

वहीं, बेगूसराय के सांसद केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह (Union Minister Giriraj Singh) के पास 5 करोड़ में से 3.28 करोड़ रुपये, मधुबनी सांसद अशोक कुमार यादव के पास 5 करोड़ में 3.39 करोड़ रुपये, जहानाबाद सांसद चंद्रेश्वर प्रसाद के पास 5 करोड़ में से 3.41 करोड़ रुपये की राशि बची हुई है. वैशाली सांसद वीणा देवी के पास 2.60 करोड़ तो शिवहर सांसद रामा देवी के पास 1.85 करोड़ की राशि पड़ी हुई है. नवादा सांसद चंदन सिंह के पास 5 करोड़ में से 2.84 करोड़ रुपये, जमुई सांसद चिराग पासवान के पास 2.50 करोड़ में से 1.83 करोड़ रुपए शेष हैं.

ये भी पढ़ें: बिहार की बंद चीनी मिलों की 2500 एकड़ जमीन पर स्थापित होंगे उद्योग : गन्ना उद्योग मंत्री

बता दें कि MPLAD फंड को को उसी वित्तीय वर्ष में खर्च करना होता है. इस राशि को लोकसभा क्षेत्र के विकास में खर्च किया जाता है. केंद्र सरकार ने वित्तीय वर्ष 2021-22 में सभी सांसदों को दो-दो करोड़ रुपए दिए थे. 2022-23 से सभी सांसदों को पहले की तरह वर्ष में 5-5 करोड़ दिए जाएंगे. यह राशि उन्हें ढाई-ढाई करोड़ की दो किस्तों में दी मिलेगी. कोरोना संकट के दौरान आर्थिक चुनौतियों को देखते हुए सांसद निधि पर रोक लगा दी गयी थी.

विश्वसनीय खबरों को देखने के लिए डाउनलोड करें ETV BHARAT APP

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.