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सदन में सरकार को घेरने में पिछड़ा महागठबंधन, सत्ता पक्ष ने 100 से ज्यादा, तो विपक्ष ने पूछे मात्र 47 सवाल

बिहार विधान परिषद में 1 जुलाई से अब तक तकरीबन 160 सवाल पूछे गए हैं. इन सवालों में 100 से ऊपर सत्ता पक्ष के सदस्यों ने सवाल पूछा है, जबकि विपक्ष ने मात्र  47 सवाल ही पूछे हैं.

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Published : Jul 7, 2019, 7:30 PM IST

Updated : Jul 7, 2019, 7:44 PM IST

mansoon sassion of bihar vidhan sabha

पटना: बिहार विधानसभा का मॉनसून सत्र 28 जुलाई तक चलेगा. सत्र के पहले हफ्ते में मुजफ्फरपुर में चमकी बुखार से हुई मासूमों की मौत का मामला जमकर उठाया गया. सदन के बाहर विपक्ष के नेता स्वास्थ्य मंत्री और मुख्यमंत्री से इस्तीफे की मांग करते दिखे. लेकिन सदन के अंदर विपक्ष अपने सवालों से सरकार को घेरने में फिसड्डी साबित हो रहा है.

जनता से जुड़ी समस्याओं को सदन के अंदर उठाने में विपक्ष लगातार पिछड़ रहा है. जबकि इस मसले में सत्ता पक्ष के ही सदस्य सफल होते दिख रहे हैं. बिहार विधान परिषद में 1 जुलाई से अब तक तकरीबन 160 सवाल पूछे गए हैं. इन सवालों में 100 से ज्यादा सत्ता पक्ष के सदस्यों ने पूछा है, जबकि विपक्ष ने मात्र 47 सवाल ही पूछे हैं.

मानसून सत्र पर विपक्ष और सत्ता पक्ष

विपक्ष कर रहा प्रदर्शन
हालांकि, विपक्ष के सदस्य रोजाना परिषद के बाहर सरकार के खिलाफ प्रदर्शन और नारेबाजी कर रहे हैं. नेता प्रतिपक्ष राबड़ी देवी, नीतीश और भाजपा सरकार को कोसने से नहीं चूक रही हैं. लेकिन सदन के अंदर सरकार को अपने सवालों से घेरने में राबड़ी देवी कोई खास कमाल नहीं दिखा पा रही हैं. वहीं, नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव के बारे में किसी से छुपा ही नहीं है. कुछ मुद्दों पर सत्तापक्ष तो इतना आक्रामक दिखा कि संबंधित मंत्री को जवाब देने के लिए सभापति तक को हस्तक्षेप करना पड़ा.

सीएम नीतीश खुद ही खड़े कर रहे सवाल
सरकार के क्रियाकलाप पर स्वयं मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भी सवाल खड़े किए हैं. नीतीश कुमार ने पीएचईडी विभाग के अधिकारियों की क्लास लगा दी. वहीं, उन्होंने पानी की बर्बादी, जल प्रबंधन के लिए चापाकल को सही कराने और सूखे से निपटने के लिए अलर्ट रहने की बात कही. इस बाबत, सीएम नीतीश ने कोताही बरतने वाले अधिकारियों पर कार्रवाई के सख्त आदेश दिये.

सवाल यहां ये उठता है कि सदन के अंदर जो काम विपक्षी दलों को करना चाहिए था. वह काम सत्ता पक्ष के ही सदस्य कर रहे हैं. इससे सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है कि जनता से जुड़े सवालों को लेकर विपक्ष कितना गंभीर है.

पटना: बिहार विधानसभा का मॉनसून सत्र 28 जुलाई तक चलेगा. सत्र के पहले हफ्ते में मुजफ्फरपुर में चमकी बुखार से हुई मासूमों की मौत का मामला जमकर उठाया गया. सदन के बाहर विपक्ष के नेता स्वास्थ्य मंत्री और मुख्यमंत्री से इस्तीफे की मांग करते दिखे. लेकिन सदन के अंदर विपक्ष अपने सवालों से सरकार को घेरने में फिसड्डी साबित हो रहा है.

जनता से जुड़ी समस्याओं को सदन के अंदर उठाने में विपक्ष लगातार पिछड़ रहा है. जबकि इस मसले में सत्ता पक्ष के ही सदस्य सफल होते दिख रहे हैं. बिहार विधान परिषद में 1 जुलाई से अब तक तकरीबन 160 सवाल पूछे गए हैं. इन सवालों में 100 से ज्यादा सत्ता पक्ष के सदस्यों ने पूछा है, जबकि विपक्ष ने मात्र 47 सवाल ही पूछे हैं.

मानसून सत्र पर विपक्ष और सत्ता पक्ष

विपक्ष कर रहा प्रदर्शन
हालांकि, विपक्ष के सदस्य रोजाना परिषद के बाहर सरकार के खिलाफ प्रदर्शन और नारेबाजी कर रहे हैं. नेता प्रतिपक्ष राबड़ी देवी, नीतीश और भाजपा सरकार को कोसने से नहीं चूक रही हैं. लेकिन सदन के अंदर सरकार को अपने सवालों से घेरने में राबड़ी देवी कोई खास कमाल नहीं दिखा पा रही हैं. वहीं, नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव के बारे में किसी से छुपा ही नहीं है. कुछ मुद्दों पर सत्तापक्ष तो इतना आक्रामक दिखा कि संबंधित मंत्री को जवाब देने के लिए सभापति तक को हस्तक्षेप करना पड़ा.

सीएम नीतीश खुद ही खड़े कर रहे सवाल
सरकार के क्रियाकलाप पर स्वयं मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भी सवाल खड़े किए हैं. नीतीश कुमार ने पीएचईडी विभाग के अधिकारियों की क्लास लगा दी. वहीं, उन्होंने पानी की बर्बादी, जल प्रबंधन के लिए चापाकल को सही कराने और सूखे से निपटने के लिए अलर्ट रहने की बात कही. इस बाबत, सीएम नीतीश ने कोताही बरतने वाले अधिकारियों पर कार्रवाई के सख्त आदेश दिये.

सवाल यहां ये उठता है कि सदन के अंदर जो काम विपक्षी दलों को करना चाहिए था. वह काम सत्ता पक्ष के ही सदस्य कर रहे हैं. इससे सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है कि जनता से जुड़े सवालों को लेकर विपक्ष कितना गंभीर है.

Intro:राज्य में मानसून सत्र चल रहा है जो 28 जुलाई तक चलेगा। सत्र के पहले हफ्ते में सदन में मुजफ्फरपुर में चमकी बुखार से मासूमों की हुई मौत का मामला जमकर गुंजा । सदन के बाहर विपक्ष के नेता स्वास्थ्य मंत्री और मुख्यमंत्री से इस्तीफे की मांग करते दिखे। वहीं सदन के अंदर इसकी गूंज सुनाई दी।
लेकिन सदन के अंदर अपने सवालों से सरकार को घेरने में विपक्ष फिसड्डी साबित हो रहा है।
जनता से जुड़ी समस्याओं को सदन के अंदर उठाने में विपक्ष लगातार पिछड़ रहा है। जबकि इस मसले में सत्ता पक्ष के ही सदस्य सफल होते दिख रहे।


Body:सत्ता पक्ष के कई सदस्य सरकार के मंत्रियों को सदन के अंदर जवाब देने में असहज कर दे रहे हैं। लेकिन इस पर विपक्ष लगातार असफल हो रहा है।
बिहार विधान परिषद में 1 जुलाई से अब तक तकरीबन 160 सवाल पूछे गए हैं।
इन सवालों में 100 से ऊपर सत्ता पक्ष के सदस्यों ने सवाल पूछा है जबकि विपक्ष मात्र 47 सवाल ही पूछे हैं।
हवा की विपक्ष के सदस्य रोजाना परिषद के बाहर सरकार के खिलाफ प्रदर्शन और नारेबाजी कर रही है नेता प्रतिपक्ष राबड़ी देवी नितीश और भाजपा सरकार को कोसने से नहीं चूकती।
लेकिन सदन के अंदर सरकार को अपने सवालो से घेरने में राबड़ी देवी के समर्थक सदस्य कोई खास कमाल नहीं दिखा पा रहे हैं।


Conclusion:कुछ मुद्दों पर सत्तापक्ष तो इतना आक्रमक दिखा कि संबंधित मंत्री को जवाब देने के लिए सभापति तक को हस्तक्षेप करना पड़ा। सरकार के क्रियाकलाप पर स्वयं मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भी सवाल खड़े किए है। नीतीश कुमार ने पीएचईडी विभाग के अधिकारियों को खेलते हुए कहा कि सूखे से निपटने में जो अधिकारी कोताही बढ़ते हैं उन्हें किसी भी कीमत पर बख्शा नहीं जाएगा।

अब सवाल यह उठता है कि सदन के अंदर जो काम विपक्षी दलों को करना चाहिए था वह काम सत्ता पक्ष के ही सदस्य के द्वारा किया जा रहा है। इससे सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है कि जनता से जुड़े सवालों को लेकर विपक्ष कितना गंभीर है।
Last Updated : Jul 7, 2019, 7:44 PM IST
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