पटनाः पूर्व विधायक मंजीत सिंह (Manjit Singh) ने फिर से जदयू (JDU) का दामन थाम लिया है. शनिवार को पटना के जदयू कार्यालय (Patna JDU Office) स्थित कर्पूरी सभागार में आयोजित मिलन समारोह में मंजीत सिंह जदयू में शामिल हुए. इस दौरान विजय चौधरी, ललन सिंह उमेश कुशवाहा, जय कुमार सिंह सहित अन्य नेता और कार्यकर्ता मौजूद रहे.
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घर वापसी होते ही मंजीत सिंह को जदयू का प्रदेश उपाध्यक्ष बना दिया गया. इसकी घोषणा जदयू प्रदेश अध्यक्ष उमेश कुशवाहा ने की. वहीं पुराने घर में वापस लौटने के बाद मंजीत सिंह ने कहा कि वह अपने राजनीतिक पिता के यहां वापस आ गए हैं. तेजस्वी यादव को लोहिया और जेपी की पुस्तक भेंट करने पर उन्होंने कहा कि किताब भेंट करने का यह मतलब नहीं होता है कि वे राजद में शामिल होने जा रहे थे.
जदयू में शामिल होने के बाद मंजीत सिंह ने मुलाकात के मायने भले ही बदल दिए हों, लेकिन यहां बताना यह बेहद जरूरी है कि मंजीत सिंह ने खुद अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर 3 जुलाई को आरजेडी में शामिल होने का ऐलान किया था. महेश्वर सिंह का भी राजद में शामिल होने की खबरें आई थी. इसके बाद महेश्वर सिंह ने तो राजद का थाम लिया लेकिन मंजीत सिंह ने यू-टर्न लेते हुए फिर से नीतीश कुमार का राह पकड़ लिया.
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मंजीत सिंह एक समय नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) के काफी नजदीकी हुआ करते थे. गोपालगंज के बैकुंठपुर से लगातार दो बार विधानसभा चुनाव जीते थे. लेकिन 2015 में मिथिलेश तिवारी से चुनाव हार गए. तब नीतीश कुमार महागठबंधन में थे. लेकिन 2020 में भाजपा कोटे में यह सीट जाने के कारण जब जदयू से टिकट नहीं मिला तो उन्होंने निर्दलीय चुनाव लड़ा था. इस चुनाव में उन्हें 40,000 वोट तो मिले लेकिन खुद भी हार गए. इस बार उनके भारी मत हासिल करने के कारण मिथिलेश तिवारी की भी हार हो गई और यहां से राजद की जीत हुई थी.