पटना: बिहार के पूर्व सीएम जीतनराम मांझी ने चमकी बुखार से हुई बच्चों की मौत का जिम्मेदार केंद्र और राज्य सरकार को ठहराया है. उन्होंने कहा कि सभी बच्चों की मौत इलाज के अभाव में हुई है.
मांझी ने कहा कि मुख्यमंत्री को नैतिकता के आधार पर इस्तीफा दे देना चाहिए. मांझी ने सरकार पर वादाखिलाफी का भी आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि केन्द्र और राज्य सरकार के स्वास्थ्य मंत्रियों को पद पर रहने का कोई हक नहीं है. उन्हें अपने पद से इस्तीफा देना चाहिए.
150 बच्चों की मौत के बाद बहा रहे घड़ियाली आंसू
सीएम पर चुटकी लेते हुए हम अध्यक्ष ने कहा कि नीतीश जी आला व्यक्ति है. अभी तक बाढ़ त्रासदी में हवाई सर्वेक्षण करते देखा था. पहली बार लू में नीतीश जी को हवाई सर्वेक्षण करते देखते हैं. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने 2014 में ही बिहार के सभी अस्पताल में 100 बेड का आईसीयू लगाने का वादा किए था. वो आज तक वादा पूरा नहीं कर पाए. और अब 150 बच्चों की जान जाने के बाद घड़ियाली आंसू बहाते हुए 100 बेड का आईसीयू लगाने का ऐलान कर रहे हैं.
संवेदनहीन है एनडीए सरकार
जीतन राम मांझी ने कहा कि बिहार सरकार ने म्यूजियम, सभ्यता द्वार, सम्राट अशोक हॉल बनाने में अरबों रुपए खर्च कर दिए. बिहार सरकार को रियल स्टेट में सिर्फ इंटरेस्ट है. इतनी राशि से मुजफ्फरपुर समेत कई स्थानों पर अस्पताल बनाए जा सकते थे. अगर दवा और जांच की उचित व्यवस्था होती तो इतने बच्चे नहीं मरते. गरीबों के प्रति केन्द्र और राज्य सरकार दोनों संवेदनहीन है. गांव के मरीजों को आज भी प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र में उचित सुविधा नहीं मिल रही है.