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पटना के पर्यावरण प्रेमी : बॉटनी से स्नातक कर मनीष ने बनाया सफल व्यवसाय, प्लांटेशन को बनाया करियर

पटना के पर्यावरण प्रेमी मनीष ने पौधों की नर्सरी खोलकर बड़ा मुकाम हासिल किया है. स्वरोजगार की संभावनाएं ने मनीष को पर्यावरण को मजबूत तरीके से जोड़ दिया है. पढ़ें पूरी रिपोर्ट...

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पटना के पर्यावरण प्रेमी
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Published : Dec 27, 2021, 9:16 AM IST

पटना: आज के युग में मानव अपने सुख के लिए धरती के साथ बहुत अन्याय कर रहा है. यदि भविष्य में ऐसा ही चलता रहा तो बहुत जल्द मानव का अस्तित्व इतिहास बन कर रह जाएगा. ऐसे में जरूरत है कि धरती पर हरियाली बनाए रखने के लिए पर्यावरण संरक्षण (Environment Protection) की ओर कदम बढाने की. कुछ ऐसा ही कर रहे पटना निवासी शिक्षित युवक मनीष. जहां उन्होंने बागवानी को स्वरोजगार का माध्यम बनाया (Self Employed By Nursery Business) और आज की तारीख में सफल व्यवसायी के रूप में शुमार हैं.

इसे भी पढ़ें: बोधगया से पटना की पदयात्रा पर निकले पर्यावरण प्रहरी सत्येंद्र गौतम, पौधों को बचाने का दे रहे संदेश

पर्यावरण संतुलन विश्व के सामने बड़ी चुनौती है. पर्यावरण के क्षेत्र में रोजगार की अपार संभावनाएं हैं. भूमंडलीकरण के दौर में पर्यावरण संतुलन विश्व के सामने बड़ी चुनौती है. पटना में एक शिक्षित युवा मनीष के अंदर पर्यावरण के प्रति गहरा लगाव पैदा हुआ. जिसके बाद उन्होंने इसी क्षेत्र में स्वरोजगार की संभावनाएं तलाशी. मनीष ने पटना के आशियाना दीघा रोड में नर्सरी करने का फैसला लिया. मनीष ने 6 साल के दौरान बड़ा मुकाम हासिल किया.

देखें रिपोर्ट.

ये भी पढ़ें: पर्यावरण मंत्री बोले- अब बिहार का सभी कब्रिस्तान होगा हरा भरा

आज की तारीख में मनीष के नर्सरी में 5 लाख से ज्यादा पौधे हैं और 500 से ज्यादा इनडोर प्लांट हैं. मनीष ने बॉटनी (वनस्पति विज्ञान) विषय से स्नातक की परीक्षा पास की. पढ़ाई के दौरान ही मनीष के मन में यह ख्याल आया कि क्यों न प्लांटेशन के क्षेत्र में करियर बनाया जाए और उसी दौरान पेड़-पौधों से मनीष को लगाव हो गया.

मनीष लोगों को अपने घर और आवासीय क्षेत्र में ऑक्सीजन जोन बनाने के लिए प्रोत्साहित करते हैं. साथ ही बकायदा लोगों को टिप्स भी देते हैं कि कैसे कम जगह होने पर घरों के अंदर पेड़-पौधे लगा सकते हैं. कोरोना संकट के दौरान ऑक्सीजन को लेकर हाहाकार मचा और लोग ऑक्सीजन की चाहत में दर-दर की ठोकरें खा रहे थे. लोगों ने ऑक्सीजन की कमी महसूस की जिसके बाद से लोग अपने घरों में अधिक से अधिक ऑक्सीजन देने वाला पौधा लगाने लगें.

'पर्यावरण संतुलन के लिए हमने बागवानी के क्षेत्र में करियर बनाने का फैसला लिया है. आज की तारीख में मैं जहां लोगों को पर्यावरण को लेकर जागरूक कर रहा हूं, वहीं स्वरोजगार के जरिए सालाना 40 से 50 लाख का व्यवसाय कर लेता हूं.' -मनीष, नर्सरी संचालक

'हर आदमी को घरों में ग्रीन जोन बनाना चाहिए. घरों के अंदर आप प्लांट भी लगा सकते हैं. प्लांटेशन के लिए आपके पास बहु विकल्प है. जाने के समय में कमरे में आप वैसे पौधे लगा सकते हैं, जो 24 घंटे ऑक्सीजन देते हैं. एसी कमरे के लिए वैसे पौधे बहुत ही फायदेमंद होते हैं.' -डॉ नीरज, कृषि वैज्ञानिक

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पटना: आज के युग में मानव अपने सुख के लिए धरती के साथ बहुत अन्याय कर रहा है. यदि भविष्य में ऐसा ही चलता रहा तो बहुत जल्द मानव का अस्तित्व इतिहास बन कर रह जाएगा. ऐसे में जरूरत है कि धरती पर हरियाली बनाए रखने के लिए पर्यावरण संरक्षण (Environment Protection) की ओर कदम बढाने की. कुछ ऐसा ही कर रहे पटना निवासी शिक्षित युवक मनीष. जहां उन्होंने बागवानी को स्वरोजगार का माध्यम बनाया (Self Employed By Nursery Business) और आज की तारीख में सफल व्यवसायी के रूप में शुमार हैं.

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पर्यावरण संतुलन विश्व के सामने बड़ी चुनौती है. पर्यावरण के क्षेत्र में रोजगार की अपार संभावनाएं हैं. भूमंडलीकरण के दौर में पर्यावरण संतुलन विश्व के सामने बड़ी चुनौती है. पटना में एक शिक्षित युवा मनीष के अंदर पर्यावरण के प्रति गहरा लगाव पैदा हुआ. जिसके बाद उन्होंने इसी क्षेत्र में स्वरोजगार की संभावनाएं तलाशी. मनीष ने पटना के आशियाना दीघा रोड में नर्सरी करने का फैसला लिया. मनीष ने 6 साल के दौरान बड़ा मुकाम हासिल किया.

देखें रिपोर्ट.

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आज की तारीख में मनीष के नर्सरी में 5 लाख से ज्यादा पौधे हैं और 500 से ज्यादा इनडोर प्लांट हैं. मनीष ने बॉटनी (वनस्पति विज्ञान) विषय से स्नातक की परीक्षा पास की. पढ़ाई के दौरान ही मनीष के मन में यह ख्याल आया कि क्यों न प्लांटेशन के क्षेत्र में करियर बनाया जाए और उसी दौरान पेड़-पौधों से मनीष को लगाव हो गया.

मनीष लोगों को अपने घर और आवासीय क्षेत्र में ऑक्सीजन जोन बनाने के लिए प्रोत्साहित करते हैं. साथ ही बकायदा लोगों को टिप्स भी देते हैं कि कैसे कम जगह होने पर घरों के अंदर पेड़-पौधे लगा सकते हैं. कोरोना संकट के दौरान ऑक्सीजन को लेकर हाहाकार मचा और लोग ऑक्सीजन की चाहत में दर-दर की ठोकरें खा रहे थे. लोगों ने ऑक्सीजन की कमी महसूस की जिसके बाद से लोग अपने घरों में अधिक से अधिक ऑक्सीजन देने वाला पौधा लगाने लगें.

'पर्यावरण संतुलन के लिए हमने बागवानी के क्षेत्र में करियर बनाने का फैसला लिया है. आज की तारीख में मैं जहां लोगों को पर्यावरण को लेकर जागरूक कर रहा हूं, वहीं स्वरोजगार के जरिए सालाना 40 से 50 लाख का व्यवसाय कर लेता हूं.' -मनीष, नर्सरी संचालक

'हर आदमी को घरों में ग्रीन जोन बनाना चाहिए. घरों के अंदर आप प्लांट भी लगा सकते हैं. प्लांटेशन के लिए आपके पास बहु विकल्प है. जाने के समय में कमरे में आप वैसे पौधे लगा सकते हैं, जो 24 घंटे ऑक्सीजन देते हैं. एसी कमरे के लिए वैसे पौधे बहुत ही फायदेमंद होते हैं.' -डॉ नीरज, कृषि वैज्ञानिक

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