पटना: राज्य सरकार कोरोना मरीजों को बेहतर उपचार देने के लिए स्वयं संसाधनों में बढ़ोतरी कर रहा है. वहीं विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) और अन्य संगठन भी राज्य सरकार को सहयोग करने सामने आ रहे हैं.
संक्रमण पर काबू पाने में मिलेगी मदद
शुक्रवार को डब्लूएचओ द्वारा स्वास्थ्य विभाग को 100 ऑक्सीजन कंसेंट्रेटर, -20 डिग्री सेंटीग्रेड से 50 डिग्री सेंटीग्रेड पर कार्य करने वाले 12 मरीज क्षमता वाले 2 एवं 6 मरीज क्षमता वाले 3 उच्च स्तरीय टेंट के साथ एक लाख 25 हजार मास्क सहयोग स्वरूप दिया गया. स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने कहा है कि इसे राज्य के विभिन्न अस्पतालों और स्वास्थ्य केंद्रों पर भेजा जायेगा. इससे कोरोना के समय संक्रमण पर काबू पाने में विभाग को काफी हद तक सहयोग मिलेगा.
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स्वास्थ्य मंत्री ने जताया आभार
मंगल पांडेय ने इस चिकित्सीय सहयोग के लिए डब्लूएचओ के कंट्री हेड डॉ. राडिरको ऑफरिन एवं बिहार हेड डॉ. बी.पी. सुब्रमन्या का आभार जताते हुए कहा कि डब्लूएचओ द्वारा समय-समय पर स्वास्थ्य विभाग को सहयोग मिलता रहता है. अपेक्षा है कि आगे भी डब्लूएचओ द्वारा सहयोग मिलता रहेगा. साथ ही सुदूर क्षेत्रों में चलंत अस्पताल बनाने हेतु मंगल पांडेय ने कंट्री हेड डा. आफरिन से इस तरह का और उच्चस्तरीय टेंट देने का आग्रह किया.
स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि डब्लूएचओ द्वारा टेंट मेडिकल स्टाफ के लिए भी दिया गया है एवं 5 टेंट मरीज के लिए दिया गया है. इस अवसर पर स्वास्थ्य विभाग के अपर सचिव कौशल किशोर, डब्लूएचओ के पटना हेड डॉ. एसएम त्रिपाठी, एडमिन एंड फाइनांस ऑफिसर इंदूशेखर एवं कम्यूनिकेशन ऑफिसर प्रीति पांडेय मौजूद थे.
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विभाग लगातार दवाओं और संसाधनों की कर रहा आपूर्ति
मंगल पांडेय ने कहा कि कोरोना मरीजों के बेहतर उपचार हेतु स्वास्थ्य विभाग द्वारा जीवन रक्षक दवाओं और उपकरणों की आपूर्ति लगातार राज्य के विभिन्न चिकित्सा संस्थानों में की जा रही है. राज्य मुख्यालय से 400 मिलीग्राम (एमजी) टोसीलिजुमाब इंजेक्शन का 85 वायल एवं 80 मिलग्राम टोसिलीजुमेब इंजेक्शन का 1130 वायल राज्य के विभिन्न चिकित्सा महाविद्यालयों सह अस्पताल के अलावा विभिन्न जिला अस्पतालों के लिए क्षेत्रीय भंडारण केंद्र पर भेजा गया है, ताकि कोरोना मरीजों का समुचित उपचार हो सके.