पटना: वित्त मंत्री सुशील कुमार मोदी ने 2019 में आई दो बार बाढ़ और सुखाड़ को चुनौती बताते हुए कहा कि सरकार ने इसका बेहतर तरीके से निपटारा किया. इसके साथ ही सुशील मोदी ने शायराना अंदाज में कहा, 'हर बार चुनौतियों को ऐसे हराते हैं हम, जख्म जितना भी गहरा हो मुस्कुराते हैं हम.' फिर उन्होंने आगे बजट की घोषणा की.
मंगलवार को पेश किया गया बजट सरकार के लिए 'मंगल बजट' माना जा रहा है. इसी साल बिहार में विधानसभा चुनाव होने हैं. वहीं, नीतीश सरकार के कार्यकाल का अंतरिम बजट है. बजट में कुल 2 लाख 11 हजार 761 करोड़ का बजट पेश किया. बिहार विधानसभा 2020-21 को पेश करते हुए वित्त मंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा कि वर्ष 2019 अत्यंत चुनौतीपूर्ण था. दो-दो बार बाढ़ और सुखाड़ से निपटा गया. वित्त मंत्री ने कहा कि मुख्यमंत्री की सात निश्चय योजना के सभी लक्ष्यों को पा लिया गया है. वहीं, उन्होंने जल जीवन हरियाली और मानव श्रृंखला को लेकर बिहार सरकार की सफलता के बारे में बताया.
'मंगल बजट' की खास बात
पेश किये गए बजट पर आम से लेकर खास तक की नजर बनी रही. सरकार ने जहां एक ओर सबसे ज्यादा शिक्षा पर ध्यान दिया. तो वहीं, देश का पहला ग्रीन बजट भी पारित किया. स्वास्थ्य पर सरकार ने चमकी बुखार को लेकर मुजफ्फरपुर के एसकेएमसीएच को भी ध्यान में रखते हुए बजट राशि आवंटित की. बात करें ग्रामीण विकास की तो शहरी विकास से ज्यादा का बजट गांव के लिए सरकार ने तैयार किया है. वहीं, किसानों को फसल अवशेष का मूल्य देने के बाबत बजट में विशेष प्रवधान किया गया है.
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वित्तमंत्री ने कहा कि बिहार में बजट के आकार में लगातार वृद्धि हो रही है. वर्ष 2005-06 में राज्य का बजट मात्र 22 हजार 568 करोड़ का था. धीरे-धीरे बेहतर वित्तीय प्रबंधन और सुधार के उपायों के चलते बजट की राशि साल दर साल बढ़ती गई. वित्तीय वर्ष 2019-20 में बजट का आकार दो लाख 501 करोड़ तक पहुंच गया. जाहिर है, पिछले 14 सालों में इसमें लगभग दस गुना वृद्धि हुई.
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'सोच को बदलो सितारे बदल जाएंगे, नज़र को बदलो-नज़ारे बदल जाएंगे. कश्तियां बदलने की ज़रूरत नहीं, दिशाओं को बदलो -किनारे खुद ब खुद बदल जाएंगे' ये लाइनें 2019-20 बजट को पेश करते हुए सुशील कुमार मोदी ने कही थी. इस बार नजारे तो बदलें हैं, क्योंकि बजट के आंकड़े बदले हैं. देखना होगा कि बिहार के लिए लाया गया ये मंगल बजट विकास की दृष्टि से लोगों को कितना भाता है.
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