पटना: राजधानी पटना से सटे मनेर को रिंग रोड से हटाने के बाद स्थानीय लोगों ने प्रखंड कार्यालय का घेराव किया. इस दौरान सरकार के खिलाफ जमकर प्रदर्शन किया. उन्होंने कहा कि आगामी विधानसभा चुनाव में सरकार को इसका खमियाजा भुगतना पड़ेगा.
मनेर को रिंग रोड से हटाया
बता दें कि राजधानी पटना से महज 25 किलोमीटर दूर मनेर एक पर्यटन स्थल है. जहां मशहूर सूफी संत मखदूम शाह दौलत मनेरी की दरगाह और हल्दी छपड़ा संगम स्थल है. वहीं तीन नदियों का संगम भी है. इसके साथ ही मनेर विधानसभा क्षेत्र को राजद का गढ़ माना जाता है. रिंग रोड को लेकर कई दिनों से मनेर में छोटे-बड़े प्रदर्शन किए जा रहे हैं.
हालांकि स्थानीय विधायक भाई वीरेंद्र ने इस मुद्दे को विधानसभा के मॉनसून सत्र में भी उठाया, लेकिन इस मामले में नीतीश सरकार फैसला नहीं ले पाई है. वैसे तो 2 साल पहले पटना जिले में बन रहे रिंग रोड के डीपीआर में मनेर क्षेत्र को भी शामिल किया गया था, लेकिन अचानक नगर क्षेत्र से हटाकर मनेर को अलग कर दिया गया. इतना ही नहीं मनेर में बस स्टैंड की भी मांग की गई थी. जिसे सरकार ने अब तक नहीं दिया है.
करेंगे तेज आंदोलन
वहीं, समाजसेवी ब्रह्म प्रकाश और पूर्व प्रत्याशी कामेश्वर यादव ने बताया कि मनेर विधानसभा क्षेत्र पर्यटन स्थल के लिए काफी प्रसिद्ध है. यहां पर गंगा संगम के अलावा पश्चिम मनेर दरगाह भी है. बिहार पर्यटन विभाग ने इसे अपने अधीन लिया है. इसी को लेकर सरकार ने 2 साल पहले पटना रिंग रोड से जोड़ने का प्रस्ताव के साथ ही डीपीआर भी तैयार किया था. अब राजनीतिक या अन्य कारण के कारण मनेर नगर को रिंग रोड से हटा दिया गया है. उन्होंने कहा कि सरकार मांग पूरी नहीं करती है तो आंदोलन तेज करेंगे.