पटना: पटना में निर्मल भारत अभियान (Nirmal Bharat Abhiyan) के तहत शहरों के तर्ज पर गांवों में कचरा प्रबंधन किया जाएगा. जिसकी कवायद धनरूआ में शुरू हो गई है और 4 पंचायतों में खाका तैयार कर दिया गया है. पहले चरण में धनरूआ के 4 पंचायतों का चयन किया गया है, जिसमें लाखों रुपए की लागत से ठोस और तरल कूड़ा कचरा प्रबंधन प्रोजेक्ट लगाए जा रहे हैं.
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इसका उद्देश्य गांव में भी शहर के तर्ज पर कचरा प्रबंधन करना है, जिसको लेकर 4 पंचायतों को चिन्हित कर लिया गया है. बाकी पंचायतों में जगह की तलाश की जा रही है. जगह मिलते ही ग्राम पंचायतों में काम शुरू हो जाएगा. शहर के तर्ज पर हर ब्लाक के गांव कूड़ा कचरा से मुक्त होंगे. गांव में ठोस कचरा और तरल अपशिष्ट के निपटान के लिए गांव में उचित प्रबंध किए जा रहे हैं. निर्मल भारत अभियान का उद्देश्य ग्रामीणों के जीवन की गुणवत्ता में सुधार लाना है, ठोस एवं तरल कूड़ा कचरा प्रबंधन के माध्यम से ही व्यवस्था के लक्ष्य को आसानी से हासिल किया जा सकता है.
स्वच्छ भारत मिशन (Swachh Bharat Mission) के प्रखंड समन्वयक कमलेश की माने तो गांव में बेकार पड़े कूड़ा कचरा पंचायतों के लिए आमदनी का एक साधन भी बन सकता है. इससे ग्राम पंचायत स्वस्थ एवं समृद्ध बनेंगे. परिवारों की संख्या के आधार पर हर पंचायतों के हर वार्ड में एक कमेटी बनाई जाएगी. इस परियोजना के तहत गांव में कंपोस्ट, वर्मी कंपोस्टिंग, गड्ढा सोख्ता, गंदे पानी का पूरा इस्तेमाल और घरेलू कचरे को घर-घर इकट्ठा कर एक स्थान से दूसरे स्थान तक ले जाना शामिल है.
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निर्मल भारत अभियान के तहत शहरों के तर्ज पर गांव में भी अब कूड़ा कचरा का प्रबंधन किया जाएगा. इसका खाका धनरूआ में तैयार कर लिया गया है. धनरूआ के सोनमई, छाती, सांडा और धनरूआ पंचायत को चिन्हित किया गया है, जहां गांव-गांव जाकर कचरा कलेक्शन किया जाएगा, जिसके लिए ई रिक्शा की खरीदारी की जाएगी. प्रोजेक्ट तैयार होने के बाद घर से कचरा कलेक्शन किया जाएगा, इसके लिए जिन ग्राम में कचरा प्रबंधन का प्रोजेक्ट तैयार होगा उसके द्वारा ई-रिक्शा क्रय किए जाएंगे. इसके माध्यम से गांव-गांव जाकर कचरा कलेक्शन किया जाएगा, जिसे लाकर प्रखंड स्तर पर डंपिंग यार्ड बनाकर उसका प्रबंधन किया जाएगा.
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