पटना: कोरोना संक्रमण के कारण वैसे तो इस वर्ष प्रदेश के सभी प्रमुख मंदिरों में जलाभिषेक और श्रावणी मेले पर प्रतिबंध लगा दिया गया है. इसलिए संभवत: ऐसा पहली बार ऐसा हुआ कि सावन में श्रद्धालुओं को शिवालयों में महादेव के दर्शन और जलाभिषेक करने का मौका नहीं मिला. महामारी को लेकर लिए गए प्रशासनिक फैसले पर शिव भक्तों का मन उदास रहा. वहीं, प्रशासन ने पुजारियों को मंदिर में सोशल डिस्टेंसिंग और सैनिटाइजेशन कार्य करने का आदेश दिया.
पटनासिटी के गाय घाट स्थित प्रसिद्ध गौरीशंकर मंदिर में सावन के पहले सोमवार को पूरे मंदिर परिसर में सन्नाटा पसरा हुआ रहा. वहीं, मंदिर के प्रमुख पुजारी ने बताया कि मंदिर के पुजारियों ने भगवान शंकर का जलाभिषेक कर मंत्रोच्चारण के साथ पूरे विधि-विधान से पूजा संपन्न किया गया. साथ ही बाबा भोलेनाथ से कोरोना जैसे घातक बीमारी को खत्म करने की प्रार्थना भी की.
गया: इसके साथ ही शहर के एनएच 83 स्थित रामशिला पहाड़ी के तलहटी में स्थित राम शिला मंदिर परिसर में स्फटिक पत्थर से बना शिवलिंग में सावन माह में दूर-दूर से श्रद्धालु दर्शन और जलाभिषेक के लिए आते हैं. लेकिन कोरोना संकट के कारण सावन का पहला सोमवार होने के बावजूद इस बार यहां पूरे दिन सन्नाटा पसरा रहा.
जमुई: वैश्विक महामारी कोरोना के कारण सावन शुरू होने के बावजूद जिले के सभी मंदिरों और शिवलयों के गेट पर ताला लटका रहा. साथ ही बांस, बल्ली लगाकर मंदिर मार्ग की घेराबंदी भी की गई. साथ ही जिला प्रशासन के आदेशानुसार बैनर लगाकर श्रद्धालुओं को महामारी के कारण अगले आदेश तक मंदिर में दर्शन-पूजा बंद रहने की सूचना भी दी गई है.
सीतामढ़ी: कोरोना संक्रमण के कारण श्रावण मास के पहले सोमवार के मौके पर श्रद्धालुओं ने शिवालयों के बाहर से ही अपने अराध्य भोलेनाथ का जलाभिषेक किया. वहीं, इसके पहले सावन मास के अवसर पर मंदिरों के आसपास एक माह तक मेले का आयोजन होता था. लेकिन इस बार सामूहिक पूजन-अर्चना पर रोक लगाते हुए मंदिरों को बंद कर दिया गया है.
भागलपुर: सावन में पहले जहां जिले के मंदिरों में भक्तों का जमावड़ा लगता था. वहीं, इस बार कोरोना संक्रमण के कारण केंद्र और राज्य सरकार के निर्देश पर श्रद्धालुओं के मंदिर में प्रवेश पर रोक लगी है. जिसके कारण जिले में शिवालयों के सामने गेट से ही भक्त पूजा-अर्चना कर वापस लौट गए.
बक्सर: इसी क्रम में बक्सर में भी कोरोना संक्रमण के कारण सावन महीना में रामरेखा घाट पर सन्नाटा पसरा हुआ दिखा. जबकि प्रत्येक साल इस महीने में बिहार और उत्तर प्रदेश के लाखों लोग गंगा-जल लेकर बाबा धाम और अन्य जगहों पर दर्शन के लिए जाते थें. वहीं, इस बार का सावन काफी सादगी भरा रहा.
नालंदा: सावन पर वैश्विक महामारी कोरोना का जबरदस्त प्रभाव नालंदा में भी देखने को मिला. जिस कारण सावन के पहले सोमवार को भी सभी शिवालयों में ताला लटका हुआ देखा गया. मंदिर में श्रद्धालुओं के प्रवेश पर पूरी तरह से रोक लगा दी गई है. हालांकि, जिले में सरकार द्वारा जारी दिशा-निर्देशों का सभी शिवालयों में पालन होता दिख रहा है.
रोहतास: सासाराम स्थित महाशक्ति ताराचंडी धाम में सावन की पहली सोमवारी पर सन्नाटा छाया रहा. साथ ही कोरोना महामारी के कारण इस साल ताराचंडी धाम में सावन महीने में लगने वाले मेले को स्थगित भी कर दिया गया है. नतीजतन जिले के सभी मंदिरों में इस बार श्रद्धालुओं की संख्या नगण्य रही.
जहानाबाद: वहीं, सावन के पहले सोमवार को शहर के विभिन्न मंदिरों में श्रद्धालुओं का हुजूम उमड़ पड़ा. शहर के गौरक्षणी मंदिर स्थित सोया घाट सहित मंदिरों में श्रद्धालुओं ने आज सुबह से ही शिवालयों पर जलाभिषेक किया. इस दौरान मंदिर में श्रद्धालुओं द्वारा जलाभिषेक के दौरान सोशल डिस्टेंसिंग नियमों का भी पालन किया गया.
मुंगेर: जिला पदाधिकारी राजेश मीणा के आदेशानुसार जिले के सभी मंदिरों में श्रद्धालुओं के प्रवेश पर पाबंदी लगा दी गई है. जिस कारण मुंगेर में भी वैश्विक महामारी कोरोना का जबरदस्त प्रभाव देखने को मिला. साथ ही जिले में सावन के पहले सोमवार को सभी शिवालयों में ताला लटका हुआ देखा गया.
बेगूसराय: वर्षों बाद काफी खास संयोग में सावन की शुरुआत हुई. कोरोना संक्रमण के कारण वैसे तो इस वर्ष जिले के सभी प्रमुख मंदिरों में जलाभिषेक और श्रावणी मेले पर प्रतिबंध लगा दिया गया है. लेकिन इस खास मौके पर जिला मुख्यालय के बाबा थानेश्वर मंदिर में कुछ खास तरीके से भक्तों ने मंदिर के गेट पर ही भगवान भोलेनाथ को जल अर्पण कर विधि-विधान से पूजा किया.