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Corona Effect: अंतरराष्ट्रीय स्तर के म्यूजियम के सौंदर्य पर लगा ग्रहण, मेंटेनेंस का कार्य ठप

बिहार को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाने वाले पटना (Patna) के म्यूजियम का हाल इन दिनों बेहाल हो गया है. मेंटेनेंस का कार्य नहीं होने के कारण यह म्यूजियम अब धीरे-धीरे जंगल-झाड़ में तब्दील होता जा रहा है.

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Published : Jun 14, 2021, 10:24 PM IST

पटना: बिहार की राजधानी पटना (Patna) में कोरोना का असर (Corona Effect) अंतरराष्ट्रीय स्तर के बिहार म्यूजियम पर भी देखने को मिल रहा है. कोरोना काल (Corona Pandemic) में इस बिहार म्यूजियम (Bihar Museum) की सूरत बदल गई है.

बता दें कि इन दिनों इस म्यूजियम में मेंटेनेंस का कार्य बिल्कुल नहीं किया जा रहा है. जिससे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान रखने वाले इस म्यूजियम की सूरत मानों बदल सी गई है.

इसे भी पढ़ें: पटना म्यूजियम ने वेबिनार आयोजित कर मनाया "अंतरराष्ट्रीय संग्रहालय दिवस"

कोरोना काल में सभी परेशान
कोरोना काल में आम हो या खास सभी लोग काफी परेशान हैं. हर सेक्टर पर इसका काफी गहरा असर देखने को मिला है. अब इसका असर राजधानी पटना स्थित अंतरराष्ट्रीय स्तर के बिहार म्यूजियम (Bihar Museum) पर भी देखने को मिल रहा है. इस म्यूजियम की चर्चा पूरे विश्व में होती है. लेकिन कोरोना काल में इसकी सूरत बदल गई है. ऐसा प्रतीत होता है मानो बिहार म्यूजियम की सुंदरता पर ग्रहण लग गया हो.

मेंटेनेंस का कार्य ठप
बिहार म्यूजियम की तस्वीरें इन दिनों अपना दु:ख बयां कर रही है. म्यूजियम को देखने के लिए बिहार और भारत से ही नहीं बल्कि पूरे विश्व से लोग आते हैं. लेकिन इन दिनों म्यूजियम का नजारा काफी बदल सा गया है. यहां मेंटेनेंस का काम बिल्कुल भी नहीं हो रहा है. हर तरफ जंगल झाड़ निकल रहे हैं.

ये भी पढ़ें: म्यूजियम बिनाले में बोले सीएम नीतीश, 'बिहार म्यूजियम पूरे देश की धरोहर'

बंजर सा हुआ नजारा
म्यूजियम कैंपस में हर तरफ का नजारा बंजर सा हो गया है. म्यूजियम की सुंदरता को बढ़ाने के लिए काफी बेहतर संरचना बनाई गई है. जगह-जगह छोटे-छोटे घास लगाए गए हैं. लेकिन अब वह घास इतने बड़े हो गए है कि जंगल और झाड़ जैसे नजर आ रहे हैं.

देखें रिपोर्ट.

प्रशासन ने कुछ भी बोलने से किया इनकार
इस मामले को लेकर जब संग्रहालय प्रशासन से बात करने की कोशिश की गई तो पता चला कि कोई भी जानकारी निदेशक ही देंगे. वे फिलहाल कार्यालय नहीं आ रहे हैं. जब फोन पर उनसे संपर्क करने की कोशिश की गई तो कोई उत्तर नहीं मिला. इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि पूरे मामले में कहीं न कहीं म्यूजियम प्रशासन बचने की कोशिश कर रहा है.

लगभग 30 सफाई कर्मचारी उपस्थित
हालांकि बिहार में अब अनलॉक भी हो चुका है. सभी कार्यालय और दफ्तर भी खुल चुके हैं. सभी कर्मी भी आ रहे हैं, लेकिन कार्य होता नहीं दिख रहा है. बिहार म्यूजियम में करीब 60-70 सफाई कर्मी है, जो गार्डनिंग और म्यूजियम भवन की साफ-सफाई का कार्य करते हैं.

वर्तमान समय में करीब 30 के आसपास कर्मचारी आ रहे हैं. अब देखने वाली बात यह होगी कि कब तक म्यूजियम प्रशासन अपने मैनेजमेंट को दुरुस्त करता है. म्यूजियम की सुंदरता पर जो ग्रहण लगा है, उसे खत्म करता है और फिर से म्यूजियम की सुंदरता पहले की तरह बरकरार होती है या नहीं.

3 जून को की गई थी समीक्षा बैठक
बता दें कि बीते 3 जून को बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने 1 अणे मार्ग स्थित संवाद में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए नगर विकास और आवास विभाग की समीक्षा बैठक की थी. इस दौरान उन्होंने कई मुख्य बातों पर चर्चा की थी जो निम्न है-

  1. बिहार म्यूजियम और पटना म्यूजियम अंडर ग्राउंड कनेक्टेड होगा, जो अपने आप में यूनिक होगा.
  2. दोनों म्यूजियम की आपस में कनेक्टिविटी से बिहार के पुराने इतिहास को और बेहतर ढंग से समझने में सहुलियत होगी.
  3. मीठापुर तालाब परियोजना के अंतर्गत तालाब के चारों तरफ अधिक से अधिक वृक्ष लगाएं, ताकि पूरा क्षेत्र हरियाली युक्त हो.
  4. ठोस एवं तरल अपशिष्ट प्रबंधन योजना जल्द क्रियान्वित करें, इससे राज्य के सभी शहरों की स्वच्छता और बढ़ेगी.

''बिहार म्यूजियम और पटना म्यूजियम अंडर ग्राउंड कनेक्टेड होगा, जो अपने आप में यूनिक होगा. जो प्रपोज एलाइनमेंट दिखाया गया है, यह बढ़िया है. इसमें सुरक्षा का विशेष ध्यान रखना है. दोनों म्यूजियम की आपस में कनेक्टिविटी से बिहार के पुराने इतिहास को और बेहतर ढंग से समझने में सहुलियत होगी और विस्तृत जानकारी मिल सकेगी.''- नीतीश कुमार, मुख्यमंत्री

मुख्यमंत्री ने पुस्तक का किया था विमोचन
इसके साथ ही बीते 22 मार्च को भी बिहार म्यूजियम के ओरिएंटेशन थिएटर में आयोजित बिहार म्यूजियम विनाले-2021 कार्यक्रम में मुख्यमंत्री वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से शामिल हुए थे. इस कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने बिहार, इंडिया एंड द वर्ल्ड: सेलिब्रेटिंग म्यूजियम कलेक्शन और बिहार म्यूजियम गाइड पुस्तक का विमोचन किया था.

पटना: बिहार की राजधानी पटना (Patna) में कोरोना का असर (Corona Effect) अंतरराष्ट्रीय स्तर के बिहार म्यूजियम पर भी देखने को मिल रहा है. कोरोना काल (Corona Pandemic) में इस बिहार म्यूजियम (Bihar Museum) की सूरत बदल गई है.

बता दें कि इन दिनों इस म्यूजियम में मेंटेनेंस का कार्य बिल्कुल नहीं किया जा रहा है. जिससे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान रखने वाले इस म्यूजियम की सूरत मानों बदल सी गई है.

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कोरोना काल में सभी परेशान
कोरोना काल में आम हो या खास सभी लोग काफी परेशान हैं. हर सेक्टर पर इसका काफी गहरा असर देखने को मिला है. अब इसका असर राजधानी पटना स्थित अंतरराष्ट्रीय स्तर के बिहार म्यूजियम (Bihar Museum) पर भी देखने को मिल रहा है. इस म्यूजियम की चर्चा पूरे विश्व में होती है. लेकिन कोरोना काल में इसकी सूरत बदल गई है. ऐसा प्रतीत होता है मानो बिहार म्यूजियम की सुंदरता पर ग्रहण लग गया हो.

मेंटेनेंस का कार्य ठप
बिहार म्यूजियम की तस्वीरें इन दिनों अपना दु:ख बयां कर रही है. म्यूजियम को देखने के लिए बिहार और भारत से ही नहीं बल्कि पूरे विश्व से लोग आते हैं. लेकिन इन दिनों म्यूजियम का नजारा काफी बदल सा गया है. यहां मेंटेनेंस का काम बिल्कुल भी नहीं हो रहा है. हर तरफ जंगल झाड़ निकल रहे हैं.

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बंजर सा हुआ नजारा
म्यूजियम कैंपस में हर तरफ का नजारा बंजर सा हो गया है. म्यूजियम की सुंदरता को बढ़ाने के लिए काफी बेहतर संरचना बनाई गई है. जगह-जगह छोटे-छोटे घास लगाए गए हैं. लेकिन अब वह घास इतने बड़े हो गए है कि जंगल और झाड़ जैसे नजर आ रहे हैं.

देखें रिपोर्ट.

प्रशासन ने कुछ भी बोलने से किया इनकार
इस मामले को लेकर जब संग्रहालय प्रशासन से बात करने की कोशिश की गई तो पता चला कि कोई भी जानकारी निदेशक ही देंगे. वे फिलहाल कार्यालय नहीं आ रहे हैं. जब फोन पर उनसे संपर्क करने की कोशिश की गई तो कोई उत्तर नहीं मिला. इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि पूरे मामले में कहीं न कहीं म्यूजियम प्रशासन बचने की कोशिश कर रहा है.

लगभग 30 सफाई कर्मचारी उपस्थित
हालांकि बिहार में अब अनलॉक भी हो चुका है. सभी कार्यालय और दफ्तर भी खुल चुके हैं. सभी कर्मी भी आ रहे हैं, लेकिन कार्य होता नहीं दिख रहा है. बिहार म्यूजियम में करीब 60-70 सफाई कर्मी है, जो गार्डनिंग और म्यूजियम भवन की साफ-सफाई का कार्य करते हैं.

वर्तमान समय में करीब 30 के आसपास कर्मचारी आ रहे हैं. अब देखने वाली बात यह होगी कि कब तक म्यूजियम प्रशासन अपने मैनेजमेंट को दुरुस्त करता है. म्यूजियम की सुंदरता पर जो ग्रहण लगा है, उसे खत्म करता है और फिर से म्यूजियम की सुंदरता पहले की तरह बरकरार होती है या नहीं.

3 जून को की गई थी समीक्षा बैठक
बता दें कि बीते 3 जून को बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने 1 अणे मार्ग स्थित संवाद में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए नगर विकास और आवास विभाग की समीक्षा बैठक की थी. इस दौरान उन्होंने कई मुख्य बातों पर चर्चा की थी जो निम्न है-

  1. बिहार म्यूजियम और पटना म्यूजियम अंडर ग्राउंड कनेक्टेड होगा, जो अपने आप में यूनिक होगा.
  2. दोनों म्यूजियम की आपस में कनेक्टिविटी से बिहार के पुराने इतिहास को और बेहतर ढंग से समझने में सहुलियत होगी.
  3. मीठापुर तालाब परियोजना के अंतर्गत तालाब के चारों तरफ अधिक से अधिक वृक्ष लगाएं, ताकि पूरा क्षेत्र हरियाली युक्त हो.
  4. ठोस एवं तरल अपशिष्ट प्रबंधन योजना जल्द क्रियान्वित करें, इससे राज्य के सभी शहरों की स्वच्छता और बढ़ेगी.

''बिहार म्यूजियम और पटना म्यूजियम अंडर ग्राउंड कनेक्टेड होगा, जो अपने आप में यूनिक होगा. जो प्रपोज एलाइनमेंट दिखाया गया है, यह बढ़िया है. इसमें सुरक्षा का विशेष ध्यान रखना है. दोनों म्यूजियम की आपस में कनेक्टिविटी से बिहार के पुराने इतिहास को और बेहतर ढंग से समझने में सहुलियत होगी और विस्तृत जानकारी मिल सकेगी.''- नीतीश कुमार, मुख्यमंत्री

मुख्यमंत्री ने पुस्तक का किया था विमोचन
इसके साथ ही बीते 22 मार्च को भी बिहार म्यूजियम के ओरिएंटेशन थिएटर में आयोजित बिहार म्यूजियम विनाले-2021 कार्यक्रम में मुख्यमंत्री वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से शामिल हुए थे. इस कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने बिहार, इंडिया एंड द वर्ल्ड: सेलिब्रेटिंग म्यूजियम कलेक्शन और बिहार म्यूजियम गाइड पुस्तक का विमोचन किया था.

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