पटना: महिला अध्ययन विषय को तवज्जों ना दिये जाने का विरोध किया जा रहा है. पिछले आठ से ये क्रोस चल रहा है. लेकिन इस विषय से पढ़ाई करनेवाले छात्रों को कहीं भी नौकरी नहीं मिल रही है. महिला अध्ययन संघ का कहना है कि सरकार की उदासिनता के कारण इस तरह के हालात बने हुए हैं.
महिला अध्ययन विषय को लेकर विवाद
महिला अध्ययन संघ का कहना है कि यह विषय महिलाओं के लिए महत्वपूर्ण है इसके बावजूद सरकार इसकी अनदेखी कर रही है. ना तो इसे मुख्य विषय में स्थान मिला है और ना ही एलाइड विषय के रूप में जगह मिली है. संघ का मानना है कि महिला अध्ययन के छात्र इतिहास, राजनीति ,विज्ञान समाजशास्त्र विषयों का अधिक संपूर्णता से अध्ययन कर सकते हैं. महिला अध्ययन का महिला सशक्तिकरण में भी महत्वपूर्ण भूमिका है. लेकिन बावजूद इसके आयोग द्वारा जारी विज्ञापन में इसे जगह नहीं दी गई. जिसका संघ विरोध कर रहा है.
महिला अध्ययन संघ की मांग
महिला अध्ययन संघ की मांग है कि सरकार इस विषय को समाज विज्ञान के विभिन्न विषयों के एलाइड विषय के रूप में शामिल करे. सरकार अगर इस पर पुनर्विचार नहीं करती है और इस फैसले को वापस नहीं लेती है तो संघ आने वाले दिनों में आमरण अनशन और सड़कों पर धरना देने की तैयारी में है.