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खरना के दिन तक नहीं तैयार हुआ पटना का महेंद्रू घाट, सरकार के दावे की खुली पोल

लोक आस्था का महापर्व छठ पूरे बिहार में हर्षों-उल्लास के साथ मनाया जा रहा है. शासन-प्रशासन की तरफ से पटना के सभी घाटों को छठी व्रतियों के लिए तैयार किये जाने का निर्देश दिया गया था. इसके बावजूद खरना के दिन तक महेंद्रू घाट पर किसी प्रकार की व्यवस्था नहीं हो पायी.

पटना का महेंद्रु घाट
पटना का महेंद्रु घाट
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Published : Nov 9, 2021, 4:47 PM IST

पटना: नहाए खाए (Nahay Khay) के साथ लोक आस्था का महापर्व छठ (Chhath Puja 2021) की शुरुआत हो गई है. खरना (kharna 2021) के दिन पटना के गंगा घाटों पर छठ व्रती गंगाजल ले जाने के लिए उमड़े हैं. राजधानी पटना के घाटों की तैयारियों को लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Chief Minister Nitish Kumar) समेत कई मंत्रियों और अधिकारियों ने निरीक्षण कर घाटों पर सभी व्यवस्था किये जाने के निर्देश दिया था. इसके बावजूद भी पटना के महेंद्रू घाट पर खरना के दिन तक तैयार नहीं हो पाया और गंदा पानी बह रहा है. जिला प्रशासन द्वारा निर्माण कराया जा रहा दो पीपा पुल भी नहीं बन पाया. ऐसे में सरकार के दावे की पोल खुल रही है.

ये भी पढ़ें- शाम को खीर खाकर शुरू हो जाएगा छठ व्रतियों का 36 घंटे का निर्जला उपवास, कल पहला अर्घ्य

बता दें कि पटना के महेंद्रू घाट पर हर वर्ष हजारों की संख्या में छठ व्रती संध्या और सुबह का अर्घ्य देते थे, लेकिन इस वर्ष यह घाट सूना रहने वाला है. पटना जिला प्रशासन की ओर से इस घाट से गंगा नदी तक जाने के लिए दो पीपा पुल बनाने के आदेश दिये गये थे. आदेश के बावजूद खरना के दिन तक दोनों पीपा पुल तैयार नहीं हुए.

देखें वीडियो

पटना के महेंद्रू घाट पर छठी व्रतियों के लिए सुविधा नहीं होने पर स्थानीय लोगों और पूजा समिति ने पटना नगर निगम के कर्मियों को जिम्मेदार बताया. उन्होंने कहा कि अगर पटना नगर निगम के कर्मियों ने ठीक ढंग से कार्य किया होता तो आज यह घाट व्रतियों से गुलजार रहता.

महेंद्रू छठ घाट पूजा समिति के अध्यक्ष रामचंद्र सिंह बताते हैं कि घाट के निर्माण को लेकर पूजा समिति के लोगों ने काफी मेहनत की. पीपा पुल के आगे की सड़क को पूजा समिति के कार्यकर्ताओं ने बना दिया. पटना प्रमंडलीय आयुक्त और पटना जिला अधिकारी के अथक प्रयास के बावजूद पटना नगर निगम के कर्मियों के उदासीन रवैया के कारण यह घाट खरना के दिन तक तैयार नहीं हो पाया. इसको लेकर स्थानीय लोगों के साथ-साथ पूजा समिति के सदस्यों में भी काफी आक्रोश है.

गौरतलब हो कि महेंद्रू घाट से गंगा नदी के पानी तक जाने के लिए पटना जिला प्रशासन के द्वारा दो पीपा पुल का निर्माण करवाया जा रहा था. गंगा का जलस्तर बढ़ने से अभी काफी दलदल है. इस कारण पीपा पुल को आगे बढ़ाने में कर्मियों को कठिनाइयों का सामना करना पड़ा और इसी को लेकर पटना जिला प्रशासन की ओर से इस घाट को भी खतरनाक घोषित कर दिया गया है.

ये भी पढ़ें- पटना में छठ व्रतियों के बीच पूजन सामग्री का वितरण, ऐसा करने से होती है मनोकामना पूरी

पटना: नहाए खाए (Nahay Khay) के साथ लोक आस्था का महापर्व छठ (Chhath Puja 2021) की शुरुआत हो गई है. खरना (kharna 2021) के दिन पटना के गंगा घाटों पर छठ व्रती गंगाजल ले जाने के लिए उमड़े हैं. राजधानी पटना के घाटों की तैयारियों को लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Chief Minister Nitish Kumar) समेत कई मंत्रियों और अधिकारियों ने निरीक्षण कर घाटों पर सभी व्यवस्था किये जाने के निर्देश दिया था. इसके बावजूद भी पटना के महेंद्रू घाट पर खरना के दिन तक तैयार नहीं हो पाया और गंदा पानी बह रहा है. जिला प्रशासन द्वारा निर्माण कराया जा रहा दो पीपा पुल भी नहीं बन पाया. ऐसे में सरकार के दावे की पोल खुल रही है.

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बता दें कि पटना के महेंद्रू घाट पर हर वर्ष हजारों की संख्या में छठ व्रती संध्या और सुबह का अर्घ्य देते थे, लेकिन इस वर्ष यह घाट सूना रहने वाला है. पटना जिला प्रशासन की ओर से इस घाट से गंगा नदी तक जाने के लिए दो पीपा पुल बनाने के आदेश दिये गये थे. आदेश के बावजूद खरना के दिन तक दोनों पीपा पुल तैयार नहीं हुए.

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पटना के महेंद्रू घाट पर छठी व्रतियों के लिए सुविधा नहीं होने पर स्थानीय लोगों और पूजा समिति ने पटना नगर निगम के कर्मियों को जिम्मेदार बताया. उन्होंने कहा कि अगर पटना नगर निगम के कर्मियों ने ठीक ढंग से कार्य किया होता तो आज यह घाट व्रतियों से गुलजार रहता.

महेंद्रू छठ घाट पूजा समिति के अध्यक्ष रामचंद्र सिंह बताते हैं कि घाट के निर्माण को लेकर पूजा समिति के लोगों ने काफी मेहनत की. पीपा पुल के आगे की सड़क को पूजा समिति के कार्यकर्ताओं ने बना दिया. पटना प्रमंडलीय आयुक्त और पटना जिला अधिकारी के अथक प्रयास के बावजूद पटना नगर निगम के कर्मियों के उदासीन रवैया के कारण यह घाट खरना के दिन तक तैयार नहीं हो पाया. इसको लेकर स्थानीय लोगों के साथ-साथ पूजा समिति के सदस्यों में भी काफी आक्रोश है.

गौरतलब हो कि महेंद्रू घाट से गंगा नदी के पानी तक जाने के लिए पटना जिला प्रशासन के द्वारा दो पीपा पुल का निर्माण करवाया जा रहा था. गंगा का जलस्तर बढ़ने से अभी काफी दलदल है. इस कारण पीपा पुल को आगे बढ़ाने में कर्मियों को कठिनाइयों का सामना करना पड़ा और इसी को लेकर पटना जिला प्रशासन की ओर से इस घाट को भी खतरनाक घोषित कर दिया गया है.

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