पटना: किसानों के 'भारत बंद' का असर बिहार के सभी जिलों में दिखा. महागठबंधन के बैनर तले आरजेडी-कांग्रेस और वाम दलों के अलावे अन्य राजनीतिक और अन्य संगठनों ने जगह-जगह प्रदर्शन किया. कहीं सड़कों पर आगजनी की गई तो कहीं गाड़ियों को रोका गया.
पटना में भी विपक्ष का प्रदर्शन
राजधानी के नौबतपुर में महागठबंधन के कार्यकर्ताओं ने जमकर प्रदर्शन किया. नेताओं ने कहा कि कोरोना काल के दौरान मोदी सरकार ने जो तीन कृषि कानून लाए हैं, वह बिल्कुल गलत है. इसका खामियाजा किसानों को ही भुगतना पड़ेगा, लिहाजा इसे फौरन वापस ले.
बेतिया में असरदार रहा बंद
बेतिया शहर के कई चौक-चौराहों पर भाकपा माले, आरजेडी और कांग्रेस के समर्थकों ने विरोध-प्रदर्शन किया. वहीं, नरकटियागंज के ग्रामीणों क्षेत्रों में सैकड़ों युवाओं और किसानों ने आगजनी कर मुख्य सड़क को घंटों जाम रखा. जिस वजह से गाड़ियों की लंबी कतारें लग गई.
रोहतास में भी दिखा रोष
भारत बंद के समर्थन में महागठबंधन ने डेहरी-बिक्रमगंज मुख्य मार्ग और सासाराम-आरा मुख्य मार्ग को जामकर केंद्र सरकार के खिलाफ प्रदशर्न किया. यहां करीब छह घंटे तक मुख्य मार्ग जाम रहा.
औरंगाबाद में जबरदस्त आक्रोश
औरंगाबाद में भी राष्ट्रीय जनता दल, कांग्रेस और भाकपा माले समेत सभी किसान संगठनों ने बंद को समर्थन दिया. इस दौरान रमेश चौक पर दिनभर धरना दिया गया. साथ ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का पुतला दहन किया गया.
वैशाली में कृषि कानून का विरोध
वैशाली जिले में बंद का मिला-जुला असर दिखा. जगह-जगह पर एनएच और स्टेट हाईवे को जाम कर आरजेडी कार्यकर्ता बंद को सफल बनाने में लगे रहे. पासवान चौक पर गाड़ी चालक के साथ जमकर मारपीट भी की गई.
जमुई में 'जंग' जोरदार
जमुई के झाझा में किसानों के आंदोलन में जोरदार प्रदर्शन हुआ. महागठबंधन के कार्यकर्ताओं ने विशाल जूलूस निकाला. वहीं, झाझा रेलवे स्टेशन पर पहुंचकर ट्रेन रोकने की कोशिश की. हालांकि आरपीएफ और जीआरपी जवानों ने उन्हें वहां से हटा दिया.
मुंगेर में सड़क पर उतरा महागठबंधन
मुंगेर जिले में भारत बंद के दौरान बंद समर्थकों ने चुआ बाग चौक पर टायर जलाकर आगजनी की. आरजेडी के जिला अध्यक्ष देवकीनंदन सिंह के नेतृत्व में महागठबंधन के कार्यकर्ताओं ने दुकानों को बंद करा दिया. वहीं, जमालपुर के कांग्रेस विधायक अजय कुमार सिंह जुबली बेल के पास बीच सड़क पर ही बंद को सफल बनाने के लिए बैठ गए.
गया में बंद समर्थकों की गर्जना
गया में कृषि कानून के विरोध में महागठबंधन के समर्थकों ने बेलागंज प्रखंड मुख्यालय को बंद कर दिया. एनएच 83 को लगभग तीन घंटे तक जाम रखा. इस दौरान लोगों ने सड़क पर धरना-प्रदर्शन करते हुए केंद्र और राज्य सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी भी की.
कैमूर में किसान बनाम कृषि कानून
कैमूर में भी भारत बंद का मिलाजुला असर दिखा. भभुआ, मोहनियां, रामगढ़ और दुर्गावती में आरजेडी, बीएसपी और माले के समर्थकों ने कृषि कानून के खिलाफ प्रोटेस्ट किया. आरजेडी विधायक सुधाकर सिंह ने दिल्ली में चल रहे आंदोलन का समर्थन करते हुए केंद्र सरकार से इन कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग की.
सीतामढ़ी में प्रदर्शनकारियों ने जाम की सड़क
महागठबंधन के कार्यकर्ताओं ने सीतामढ़ी में सुबह से ही सड़कों पर उतर कर केंद्र सरकार के विरोध में नारे लगाए और सड़क को जाम कर दिया. जिस कारण पटना-सीतामढ़ी मार्ग सहित अन्य मार्गों पर यातायात घंटों बाधित रही. सड़क जाम होने के कारण वाहनों की लंबी कतार लगी रही.
गोपालगंज में बंद समर्थक गरजे
गोपालगंज में भारत बंद का व्यापक असर देखा गया. जहां कोहरे और ठंड के बाद भी महागठबंधन समर्थित सभी दलों ने सड़कों पर उतर कर चक्का जाम कर दिया. मीरगंज सहित कई जगहों पर आरजेडी कार्यकर्ताओं ने प्रदर्शन किया. भाकपा माले के अजात शत्रु ने कहा कि जबतक यह काला कानून वापस नहीं होगा, हम लोग इस लड़ाई को लड़ते रहेंगे.
नवादा में बंद समर्थकों ने की नारेबाजी
नवादा में सुबह से ही आरजेडी-कांग्रेस और भाकपा माले ने अपने-अपने झंडे लेकर शहर के प्रजातंत्र चौक, इंद्रा चौक, स्टेशन रोड , पुरानी बाजार, विजय बाजार, कचहरी रोड होते हुए केंद्र सरकार के खिलाफ नारेबाजी की. सभी ने कृषि कानून को वापिस लेने की मांग के साथ मार्च किया. विधायक विभा देवी और हिसुआ से कांग्रेस की विधायिका नीतू सिंह भी मौजूद रहीं.
बक्सर में प्रदर्शनकारियों ने काटा बवाल
बक्सर में कृषि सुधार कानूनों के खिलाफ और किसानों के समर्थन में महागठबंधन के चारों विधायक सड़क पर उतरे. सदर विधायक संजय तिवारी ने कहा कि सरकार किसानों को लेकर बिल्कुल भी गंभीर नहीं है. जिले में अभी तक धान की खरीदारी भी शुरू नहीं की गई है.
अरवल में 'उग्र' हुआ आंदोलन
भारत बंद को सफल बनाने में महागठबंधन के तमाम नेता और कार्यकर्ता सुबह से जुट गए थे. उन्हें बीएसपी का भी साथ मिला. बंद समर्थकों एनएच-139 और एनएच-110 को जाम कर दिया. जिस वजह से गाड़ियों की लंबी कतारें लग गई. शादी-विवाह के मुहूर्त के कारण इस बंद से आम लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा. हालांकि कई स्थानों पर जाम में फंसी एंबुलेंस और बारात गाड़ी को जाम से निकालने में बंद समर्थकों ने पूरा सहयोग दिया.
दरभंगा में प्रदर्शनकारियों ने दिखाया दम
दरभंगा में आइसा, एआईएसएफ, छात्र राजद, एनएसयूआई और एआईडीएसओ ने मिलकर विरोध-प्रदर्शन किया. छात्रों ने ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय को बंद कराया. आइसा के जिला सचिव प्रिंस राज ने कहा कि केंद्र सरकार किसानों के खिलाफ काला कानून लेकर आई है.
खगड़िया में बंद असरदार
किसान संगठनों के भारत बंद का खगड़िया में भी खासा असर देखने को मिला. आरजेडी-कांग्रेस और वाम दलों के अलावे स्वराज अभियान के कार्यकर्ता भी जगह-जगह बाजारों को बंद करवाया. कई जगहों पर सड़क पर आगजनी भी की गई.