पटना : बिहार के छपरा जहरीली शराब कांड में मौत (Chapra Hooch Tragedy ) मामले पर नीतीश सरकार (Chief Minister Nitish Kumar) की मुश्किलें बढ़तीं जा रहीं हैं. महागठबंधन के प्रमुख सहयोगियों ने भी मुआवजे की मांग खुलकर करनी शुरू कर दिया है. हम के साथ कांग्रेस और वामपंथी दल के नेता भी परिजनों को मुआवजा देने की मांग करने लगे हैं. बीजेपी पहले ही सरकार की मुश्किलें बढ़ी रखीं हैं. अब महागठबंधन में भी इस पर खींचतान शुरू हो गयी है.
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महागठबंधन के सहयोगी दल भी मुआवजे की मांग पर उतरे: छपरा जहरीली शराब से मौत मामले पर न्यायिक जांच की मांग के साथ मुआवजे की मांग बीजेपी की तरफ से लगातार हो रही है. अब महागठबंधन के सहयोगियों की तरफ से भी मुआवजे की मांग उठने लगी है. कांग्रेस की विधायक प्रतिमा कुमारी का कहना है कि बीजेपी हंगामा कर मुआवजा की मांग करना चाहती है, क्या यह सही तरीका है? बेहतर होता शिष्टमंडल लेकर मुख्यमंत्री के साथ बात करनी चाहिए थी. कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष ने पहले ही घोषणा कर दी है आपको जाकर मिलना चाहिए.
माले भी मुआवजे को लेकर सीएम से मिलेगा: कांग्रेस विधायक प्रतिमा कुमारी ने कहा कि कांग्रेस का शिष्टमंडल मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मिलकर मांग करेगा और छपरा भी जाएगा. तो वहीं वामपंथी दलों की तरफ से भी मांग उठने लगी है. माले के विधायक सत्यदेव राम ने कहा कि हम लोग मुख्यमंत्री से मिलकर मुआवजा की मांग करेंगे. आरजेडी के पूर्व मंत्री सुधाकर सिंह ने भी कहा है कि मुआवजा दिया जाना चाहिए. मुख्यमंत्री को जहरीली शराब से मौत मामले में जिम्मेवारी भी लेनी चाहिए. हालांकि बीजेपी के विधायक संजय सरावगी का कहना है कि सत्ता पक्ष मलाई भी खाना चाहते हैं और जनता में मैसेज देने के लिये नाटक कर रहा है.
''कांग्रेस का शिष्टमंडल मुआवजे की मांग को लेकर सीएम नीतीश से मिलेगा. हमारे प्रदेश अध्यक्ष ने इस मुद्दे पर पहले ही कह दिया था. बीजेपी को भी हंगामा करने की जरूरत नहीं है. उसे भी शिष्टमंडल के साथ जाकर सीएम नीतीश से मिलना चाहिए था''- प्रतिमा कुमारी, कांग्रेस विधायक
मौत पर मुआवजा को लेकर नीतीश अलग-थलग? : बीजेपी एक तरफ से मौत के आंकड़े को लेकर निशाना साध रही है. तो दूसरा मुआवजे पर भी नीतीश कुमार की मुश्किलें बढ़ा रखीं है. अब महागठबंधन के घटक दल हम, कांग्रेस और वामपंथी दलों के नेता मुआवजे की मांग कर नीतीश कुमार की मुश्किल दोगुनी कर दी है. एक तरह से नीतीश कुमार मुआवजे के मुद्दे पर अलग-थलग पड़ते दिख रहे हैं.