पटनाः राहुल गांधी को सूरत कोर्ट से हुई 2 साल की सजा मामले में महागठबंधन के घटक दलों की ओर से आज विधानसभा में विरोध प्रदर्शन और पैदल मार्च किया. जहां महागठबंधन के तमाम दलों नेता मौजूद रहे. हालांकि इस प्रदर्शन के दौरान जेडीयू का कोई भी नेता इस प्रदर्शन में नजर नहीं आया. एक तरह से राहुल गांधी के मुद्दे पर महागठबंधन दो फाड़ नजर आया. वहीं इस मौके पर मौजूद पूर्व सीएम जीतन राम मांझी ने कहा कि केंद्र की फांसीवादी ताकतों के खिलाफ आज ये विरोध किया जा रहा है.
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केंद्र सरकार कर रही है मनमानीः विधानसभा के मुख्य गेट से लेकर विधानसभा पोर्टिको तक कांग्रेस, आरजेडी, हम और वामपंथी दलों के सदस्यों ने केंद्र सरकार पर निशाना साधा और नारेबाजी की. लेकिन महागठबंधन घटक दलों के इस प्रदर्शन में जदयू के लोग शामिल नहीं थे. आरजेडी के नेता भाई बीरेंद्र का कहना था कि केंद्र सरकार केंद्रीय एजेंसियों का दुरुपयोग कर रही है और पूर्व सीएम जीतन राम मांझी का कहना था कि हम लोग बिहार से मैसेज देना चाहते हैं, सभी विपक्ष के लोग एक हैं और मोदी सरकार जिस प्रकार से फैसला ले रही है, वो गलत है.
"हमलोग फासीवाद के खिलाफ सड़क पर उतरे हैं और सड़क से लेकर सदन तक इसका विरोध करेंगे. जो हमारे विरोधी दल के नेताओं को फसाने का काम किया जा रहा है, इसकी लड़ाई हमलोग अंतिम समय तक लड़ेंगे"- भाई बीरेंद्र, आरजेडी विधायक
"हमलोग सभी गठबंधन के लोग एकहैं, एक होकर मोदीवाद का विरोध कर रहे हैं. आज हमलोग ये मैसेज दे रहे हैं कि सभी विपक्ष एक हैं, मोदी सरकार के मनमाने फैसले का विरोध कर रहे हैं"- जीतन राम मांझी, पूर्व सीएम
विपक्षी नेताओं को किया जा रहा टारगेट: कांग्रेस के राजेश राम ने कहा कि केंद्र सरकार विपक्षी दल के नेताओं को टारगेट कर रही है. केंद्र सरकार केंद्रीय एजेंसियों का दुरुपयोग कर रही है. आरजेडी कांग्रेस के नेता तो यहां तक कह रहे थे बिहार में महागठबंधन बनाकर पूरे देश को दिशा दिखाने का काम किया गया है. बीजेपी को बिहार की तरह पूरे देश से बाहर करेंगे.