पटना: बिहार में दूसरे चरण के चुनाव होने हैं. 94 सीटों पर चुनाव को लेकर राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन और महागठबंधन नेताओं ने कमर कस ली है. दोनों ओर से दावे भी किए जा रहे हैं. दूसरे चरण में आरजेडी के सामने बढ़त बनाए रखने की चुनौती है.
आरजेडी के समक्ष मजबूत उपस्थिति दर्ज कराने की चुनौती
दूसरे चरण में 94 सीटों पर चुनाव होने हैं. राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन के सामने जहां मजबूत किले को बचाने की चुनौती है. वहीं आरजेडी सेंधमारी करने के फिराक में है. दूसरे चरण में आरजेडी के कुल 56 उम्मीदवार मैदान में हैं. जिसमें 33 विधायकों का राजनीतिक भविष्य दांव पर है. कांग्रेस पार्टी की ओर से 24 उम्मीदवार मैदान में हैं. जिसमें सात विधायक हैं. माले के 6 उम्मीदवार मैदान में हैं. जिसमें एक माले के विधायक हैं. कुल मिलाकर महागठबंधन के 38 विधायकों का भविष्य जनता दूसरे चरण में तय करेगी.
आरजेडी प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने कहा है कि "तेजस्वी यादव के पक्ष में लहर है और वह मुख्यमंत्री बनने जा रहे हैं. तेजस्वी के शासनकाल में हिंदू, मुसलमान, गरीब और बेरोजगारों के लिए काम होगा."
वहीं, दूसरे चरण में बीजेपी की ओर से कुल 46 उम्मीदवार मैदान में हैं. जिसमें 20 विधायक हैं. जेडीयू की तरफ से 43 उम्मीदवार मैदान में हैं. जिसमें 30 विधायक हैं. कुल मिलाकर एनडीए के 50 विधायकों का राजनीतिक भविष्य दूसरे चरण में तय होना है.
राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन के 50 विधायकों के भाग्य का होगा फैसला
दूसरे चरण में 28 सीटों पर बीजेपी और आरजेडी आमने-सामने है तो 12 सीटों पर बीजेपी और कांग्रेस का मुकाबला है. 24 सीटों पर जेडीयू बनाम आरजेडी मुकाबला है तो 12 सीटों पर जेडीयू और कांग्रेस के साथ दो-दो हाथ कर रही है. चुनाव से पहले दावों का दौर जारी है.
बीजेपी प्रवक्ता नवल किशोर यादव ने कहा है कि "2005 और 2010 के चुनाव की तरह ही अभी चुनाव है. इस चुनाव में भी राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन को बड़े मतों के अंतर से जीत मिलेगी. एनडीए का वोट पूरी तरह इंटैक्ट है." लोजपा प्रवक्ता श्रवण कुमार ने कहा है कि " लोजपा के पक्ष में लहर है. बीजेपी और लोजपा की सरकार बिहार में बनने जा रही है. जेडीयू को मुंह की खानी पड़ेगी."