पटना: लोकसभा चुनाव में भले ही महागठबंधन के सारे नेताओं ने तेजस्वी यादव के नेतृत्व में चुनाव लड़ने का निर्णय लिया हो. लेकिन अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव में तेजस्वी के नेतृत्व को लेकर कुछ अलग दाल पकती दिख नहीं रही है. दरअसल, हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जीतन राम मांझी ने तेजस्वी को अनुभवहीन बताया है. उनके इस बयान के महागठबंधन के नेता अपनी राय रख रहे हैं.
कल तक तेजस्वी को नेता मानने वाले हम प्रमुख जीतन राम मांझी आखिर उनके अनुभवहीन क्यों बता रहे हैं. उनके इस बयान पर आरजेडी का कहना है कि मांझी अभिभावक हैं तेजस्वी को राह दिखाते हैं. कांग्रेस ने भी मांझी के बयान पर कहा महागठबंधन एकजुट है. किसी तरह का कोई भी दिक्कत नहीं है. वहीं आरएलएसपी के प्रदेश अध्यक्ष वृषण पटेल ने कहा कि बार-बार इस तरह का बयान मीडिया में देना महागठबंधन को कमजोर करने जैसा है. अगर किसी को कोई परेशानी है, तो आपस में मिलजुल कर बात कर लें. वही ज्यादा उचित होगा.
मांझी अभिभावक हैं- भाई वीरेंद्र
मांझी के बयान पर आरजेडी नेता ने कहा कि वो महागठबंधन में एक बुजुर्ग नेता हैं. उनके पास राजनीतिक अनुभव है और हम उनके अनुभव का लाभ लेंगे. आरजेडी नेता भाई वीरेंद्र ने कहा कि मीडिया जीतन राम मांझी की भाषा को नहीं समझ पा रही है. उनकी भाषा अलग होती है. तेजस्वी यादव जीतन राम मांझी के दिल में बसते हैं और वो महागठबंधन में सबसे बड़े नेता हैं.
वहीं, आरजेडी नेता विजय प्रकाश ने कहा कि तेजस्वी यादव हमेशा जीतन राम मांझी का सम्मान करते हैं और जीतन राम मांझी भी लोकसभा चुनाव में ही प्रण कर चुके हैं कि तेजस्वी यादव को बिहार का मुख्यमंत्री बनाकर वो राजनीति से संन्यास लेंगे. आरजेडी पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी का बड़ा सम्मान करती है. हम लोग उनके राजनीति अनुभव को भी अध्ययन करते हैं और तेजस्वी के सिर पर मांझी ने अपने दोनों हाथों से आशीर्वाद दिया है.
कांग्रेस की प्रतिक्रिया...
मांझी के बयान पर कांग्रेस ने कहा कि महागठबंधन में किसी तरह का कोई कमजोरी नहीं है. राबड़ी देवी के आवास से महागठबंधन के सारे दलों की बैठक हुई थी. उसमें प्रखर होकर जीतन राम मांझी ने ही मीडिया के सामने अपनी बात को साझा किया था. लेकिन तेजस्वी यादव के नेतृत्व में अगुवाई की बात के सवाल पर कांग्रेस प्रवक्ता राजेश राठौर ने कहा कि हर नेता की बोलने की अपनी अलग भाषा होती है. जीतन राम मांझी ने अपनी बात हो रखी है और महागठबंधन तो यही खासियत है कि हर नेता अपनी बात को बेबाक तरीके से रखता है.
आरएलएसपी ने जताया एतराज
जीतनराम मांझी के इस बयान पर आरएलएसपी एतराज जताया है. आरएलएसपी के प्रदेश अध्यक्ष वृषण पटेल ने कहा कि उनकी अपनी समझ है लेकिन हमें लगता है कि जब हम लोग गठबंधन में हैं, तो इस तरह के बयान नहीं देने चाहिए, जिससे महागठबंधन कमजोर हो. यदि लोगों को ऐसा बयान देना हो, तो बंद घर के अंदर महागठबंधन के सारे नेता मिल बैठकर आपस में बात कर लें. लेकिन इस तरह के बयान मीडिया में देना उचित नहीं देना चाहिए.
बहरहाल, विधानसभा चुनाव से पहले महागठबंधन में तेजस्वी के नेतृत्व को लेकर भले ही जीतन राम मांझी अनुभवहीन बताकर उन्हें खारिज कर देते हो. लेकिन महागठबंधन में और दल तेजस्वी के नेतृत्व पर चुप्पी साध लेते हैं. अब देखना है कि महागठबंधन अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव में किसके नेतृत्व में चुनाव लड़ती है.