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देखिए फल्गु पर महाआरती का पावन दृश्य, पिंडदानी बोले- आनंदित हो उठा मन

पितृपक्ष के अवसर पांच निपुण ब्राह्मण मेला अवधि की संध्या बेला में कलात्मक रूप से फल्गु महाआरती का आयोजन करते हैं. देश-विदेश से आये पिंडदानी और शहर के लोग भाग लेते हैं.

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Published : Sep 20, 2019, 11:57 PM IST

गया: मोक्षधाम गया जी में पितृपक्ष मेला के अवसर पर शहर के प्रतिज्ञा संस्था और जिला प्रशासन ने मोक्षदायिनी फल्गु नदी के देवघाट पर महाआरती का आयोजन किया. इस आरती में सैकड़ों की संख्या में पिंडदानी और शहरवासी शामिल हुए. महाआरती के पावन दृश्य ने सभी को मोहित कर दिया.

आस्था का केंद्र फल्गु नदी को देश की श्रेष्ठ नदियों में गिना जाता है. मान्यता है कि फल्गु की धारा में भगवान विष्णु का वास है. इसके स्पर्श से पितरों को मोक्ष मिलता है. इसलिए फल्गु नदी को मोक्षदायिनी भी कहा जाता है.

फल्गु पर महाआरती
फल्गु पर महाआरती

जोरों पर है पितृपक्ष मेला
पितृपक्ष के अवसर पर मेला के उद्घाटन समारोह के अगले दिन से आरती का आयोजन संध्या की पावन बेला में किया जा रहा है. पिंडदानी इस आरती में बढ़ चढ़कर हिस्सा लेते हैं. इस आरती की शुरूआत फल्गु में विख्यात बृजनंदन पाठक ने की थी. अमूमन हर माह की पूर्णिमा के दिन फल्गु महाआरती का आयोजन किया जाता है.

ऐसे की गई महाआरती

आनंदमयी हो गए- पिंडदानी
पिंडदानी ने बताया फल्गु की महाआरती देखकर बहुत अच्छा लगा. पांच तरह की आरती का आयोजन किया गया. बनारस जैसी तो नहीं, लेकिन नजारा दिल को भा गया. शांति मिली है.

महाआरती का पावन दृश्य
महाआरती का पावन दृश्य

देश-विदेश से शामिल हो रहे हैं लोग
समाजसेवी बृजनंदन पाठक ने बताया पितृपक्ष के अवसर पांच निपुण ब्राह्मण मेला अवधि की संध्या बेला में कलात्मक रूप से फल्गु महाआरती का आयोजन करते हैं. देश-विदेश से आये पिंडदानी और शहर के लोग भाग लेते हैं. प्रतिज्ञा संस्था और जिला प्रशासन ये आयोजन करवाता है.

गया: मोक्षधाम गया जी में पितृपक्ष मेला के अवसर पर शहर के प्रतिज्ञा संस्था और जिला प्रशासन ने मोक्षदायिनी फल्गु नदी के देवघाट पर महाआरती का आयोजन किया. इस आरती में सैकड़ों की संख्या में पिंडदानी और शहरवासी शामिल हुए. महाआरती के पावन दृश्य ने सभी को मोहित कर दिया.

आस्था का केंद्र फल्गु नदी को देश की श्रेष्ठ नदियों में गिना जाता है. मान्यता है कि फल्गु की धारा में भगवान विष्णु का वास है. इसके स्पर्श से पितरों को मोक्ष मिलता है. इसलिए फल्गु नदी को मोक्षदायिनी भी कहा जाता है.

फल्गु पर महाआरती
फल्गु पर महाआरती

जोरों पर है पितृपक्ष मेला
पितृपक्ष के अवसर पर मेला के उद्घाटन समारोह के अगले दिन से आरती का आयोजन संध्या की पावन बेला में किया जा रहा है. पिंडदानी इस आरती में बढ़ चढ़कर हिस्सा लेते हैं. इस आरती की शुरूआत फल्गु में विख्यात बृजनंदन पाठक ने की थी. अमूमन हर माह की पूर्णिमा के दिन फल्गु महाआरती का आयोजन किया जाता है.

ऐसे की गई महाआरती

आनंदमयी हो गए- पिंडदानी
पिंडदानी ने बताया फल्गु की महाआरती देखकर बहुत अच्छा लगा. पांच तरह की आरती का आयोजन किया गया. बनारस जैसी तो नहीं, लेकिन नजारा दिल को भा गया. शांति मिली है.

महाआरती का पावन दृश्य
महाआरती का पावन दृश्य

देश-विदेश से शामिल हो रहे हैं लोग
समाजसेवी बृजनंदन पाठक ने बताया पितृपक्ष के अवसर पांच निपुण ब्राह्मण मेला अवधि की संध्या बेला में कलात्मक रूप से फल्गु महाआरती का आयोजन करते हैं. देश-विदेश से आये पिंडदानी और शहर के लोग भाग लेते हैं. प्रतिज्ञा संस्था और जिला प्रशासन ये आयोजन करवाता है.

Intro:मोक्षधाम गया जी मे पितृपक्ष मेला के अवसर पर शहर के प्रतिज्ञा संस्था और जिला प्रशासन के द्वारा मोक्षदायिनी फल्गू नदी के देवघाट पर फल्गू महाआरती का आयोजन किया गया। इस आरती सैकड़ो संख्या पिंडदानी और शहरवासी शामिल हुए।


Body:फल्गू नदी जिसे देश के सभी नदियों से श्रेष्ठ माना गया है। मान्यता अनुसार फल्गू के धारा में भगवान विष्णु का वास है। इसके स्पर्श से पितरों को मोक्ष मिलता हैं। इसलिए फल्गू नदी को मोक्षदायिनी भी कहा जाता है।

पितृपक्ष के अवसर पर मेला के उद्घाटन समारोह के अगले दिन से आरती का आयोजन संध्या के पावन बेला में किया जा रहा है। पिंडदानी इस आरती में बढ़चढ़कर हिस्सा लेते हैं। इस आरती का शुरुआत फल्गू मैंन से विख्यात बृजनंदन पाठक ने शुरू किया था। अमूमन हर माह के पूर्णिमा के दिन फल्गू महाआरती का आयोजन किया जाता है।

पिंडदानी ने बताया फल्गू आरती देखकर बहुत अच्छा लगा, पांच तरह के आरती का आयोजन किया गया। बनारस जैसा तो नही उसके तरह आरती का आयोजन किया गया हैं।

समाजसेवी बृजनंदन पाठक ने बताया पितृपक्ष के अवसर पांच निपुण ब्राह्मणों द्वारा मेला अवधि के संध्या बेला में कलात्मक रूप से फल्गू महाआरती का आयोजन किया जाता है। देश-विदेश से आये पिंडदानी और शहर के लोग ने भाग लेते हैं। प्रतिज्ञा संस्था और जिला प्रशासन द्वारा ये आयोजन किया जाता है।


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