पटना: हिंदू धर्म और शास्त्र के अनुसार माघ महीने का बहुत ही विशेष महत्व बताया गया है. माघ महीना भगवान विष्णु का समर्पित महीना होता है. इस महीना में भगवान विष्णु का पूजा पाठ, ध्यान मंत्र, जाप और अनुष्ठान किया जाता है. माघ मास की पूर्णिमा को माघी पूर्णिमा (Maghi Purnima) कहते हैं. माघी पूर्णिमा के दिन लोग सुबह से गंगा तट पहुच स्नान कर पूजा करते है. ऐसे में हम आपको बता रहे हैं कि माघी पूर्णिमा का शुभ मुहूर्त कब है और माघी पूर्णिमा के दिन स्नान दान पूर्ण करने का क्या फल है.
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माघ पूर्णिमा पर गंगा स्नान करने का विशेष महत्व: ज्योतिषचार्य मनोज मिश्रा ने कहा कि माघी पूर्णिमा के दिन गंगा नदी में स्नान करने का विशेष महत्व है . पूरे देश के साधु- संत व ऋषि-मुनि माघी पूर्णिमा का इंतजार करते हैं. इस दिन भक्ति भाव से गंगा स्नान कर अपने लिए पुण्य अर्जित करते हैं. मान्यता है कि माघ की पूर्णिमा को गंगा स्नान करने से सारे कष्ट, रोग, दोष, नवग्रह दोष इत्यादि समाप्त हो जाता है. इस दिन जो मनुष्य गंगा स्नान करता है, उसके जीवन में हर्ष-उल्लास, सुख, शांति, धन और संपत्ति में बढ़ोत्तरी होती है. इस दिन किया गया मंत्र जाप, अनुष्ठान इत्यादि से पुण्य मिलता है. पुण्य का कभी नाश नहीं होता है, जो भी अच्छे कर्म करते हैं. उसका फल सदा-सदा के लिए बना रहता है.
माघ पूर्णिमा का शुभ मुहूर्त: माघ पूर्णिमा की मुहूर्त 4 फरवरी 2023 को रात्रि 9:29 पर पूर्णिमा तिथि चढ़ती है, जो 5 फरवरी को रात्रि 11:58 तक रहेगी, इसीलिए उदया तिथि के अनुसार गंगा स्नान 5 फरवरी को ही मनाया जाएगा. 5 फरवरी को 10:00 बजे से पहले गंगा स्नान माघ पूर्णिमा के दिन कर लिया जाए, तो वह बहुत ही उत्तम रहेगा. ऐसे में संध्या तक स्नान किया जा सकता है. जो गंगा स्नान करने के लिए कहीं दूर दराज नहीं जा सकते हैं, वो 5 तारीख के सुबह में ब्रह्म मुहूर्त में स्नान करने से पूर्व जल पात्र में थोड़ा सा गंगाजल डालकर स्नान कर सकते हैं.
स्नान करते समय ओम नमो भगवते वासुदेवाय नम: ओम नमो भगवते वासुदेवाय या ॐ विष्णवे नमः इत्यादि कोई भी मंत्र भगवान विष्णु का हो, उसका स्मरण लगातार करते रहना चाहिए. गंगा स्नान करने के बाद भगवान विष्णु का प्रिय समान तिल का दान अवश्य करना चाहिए. ठंड से बचने का सामान गर्म कपड़े कंबल इत्यादि जरूरतमंद को दान करना चाहिए. माघी पूर्णिमा के दिन गंगाजल को छू लेने से वैकुंठ की प्राप्ति होती है. इसीलिए गंगा स्नान निश्चित ही हर आदमी को करना चाहिए. इस दिन ब्राह्मण को या गरीबों को दान करना चाहिए. जिससे नवग्रह शांति मिलता है.
धरती पर आते हैं भगवान विष्णु: माघ पूर्णिमा के दिन भगवान विष्णु का मंत्र जाप का अनुष्ठान करना चाहिए. सतनारायण भगवान का पूजा करना चाहिए. ऐसा करने से विशेष फल मिलता है. माघी पूर्णिमा के दिन भगवान विष्णु मनुष्य के अवतार में धरती पर आते हैं. इसलिए इस दिन गंगा में स्नान करना शुभ माना जाता है. क्योंकि माघी पूर्णिमा के दिन भगवान विष्णु पूरे दिन गंगा में वास करते हैं. इसलिए लोग माघी पूर्णिमा के दिन गंगा स्नान करते हैं दान पुन करते हैं जिससे कि उनके पास क्लेश दूर होते हैं और घर में सुख शांति बना रहता है. माघ पूर्णिमा के दिन ही भगवान रविदास का जयंती है. इसी दिन 10 महाविद्या माता ललितंबा का भी जयंती पूरे धूमधाम से भारतवर्ष में मनाया जाता है.
"5 तारीख के सुबह में ब्रह्म मुहूर्त में या जब भी स्नान करें, स्नान करने से पूर्व जल पात्र में थोड़ा सा गंगाजल डालकर स्नान करेंगे तो उनको गंगा स्नान का पुण्य मिल जाएगा. स्नान करते समय ओम नमो भगवते वासुदेवाय नमः ओम नमो भगवते वासुदेवाय या ॐ विष्णवे नमः इत्यादि कोई भी मंत्र भगवान विष्णु का हो उसका स्मरण लगातार करते रहना चाहिए. गंगा स्नान करने के बाद भगवान विष्णु का प्रिय समान तिल का दान अवश्य करना चाहिए .ठंड से बचने का सामान गर्म कपड़े कंबल इत्यादि जरूरतमंद को दान करना चाहिए. माघी पूर्णिमा के दिन गंगाजल को छू लेने से वैकुंठ की प्राप्ति होती है"- मनोज मिश्रा, ज्योतिषाचार्य