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शिक्षकों के वेतन भुगतान के लिए बिहार कांग्रेस अध्यक्ष ने नीतीश को लिखा पत्र

मदन मोहन झा ने सीएम नीतीश कुमार को मासिक वेतन और एरियर भुगतान की मांग की है. उन्होंने कहा कि शिक्षकों के वेतन पर लगी रोक को हटाया जाए.

मदन मोहन झा
मदन मोहन झा
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Published : May 22, 2020, 8:58 PM IST

पटना: बिहार कांग्रेस अध्यक्ष डॉ. मदन मोहन झा ने शुक्रवार को शिक्षकों के वेतन एवं बकाया भुगतान समय पर नहीं होने पर चिंता करते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को एक पत्र लिखा है. झा ने अपने पत्र में मुख्यमंत्री से आग्रह किया है कि सरकार तुरन्त इसका संज्ञान लेते हुए हर कोटि के शिक्षकों को अविलम्ब उनका वेतन एवं बकाया भुगतान करवाने का कष्ट करें.

डॉ. मदन मोहन झा ने यह आग्रह किया है कि मासिक वेतन एवं सातवें वेतन के एरियर भुगतान में न्यायालय के आदेशों के आलोक में कोषांग की स्थिति को अंतिम रूप से स्पष्ट कर दिया जाए, तब तक भुगतान पर रोक के आदेश को वापस ले लिया जाए.

'सभी शिक्षकों को होती है परेशानी'
पत्र में कहा गया है कि सरकार के शिक्षा विरोधी नीति एवं निर्णयों के कारण बार-बार हर कोटि के शिक्षकों को कठिनाइयों से गुजरना पड़ रहा है, चाहे वो वित्तरहित शिक्षक हो या नियोजित शिक्षक हो, या मदरसा के शिक्षक हों, या संस्कृत के शिक्षक हों, या फिर अन्य कोई शिक्षक हो.

'गुणवत्तापूर्ण शिक्षा की मांग, लेकिन नहीं होता भुगतान'
इधर, युवा कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष ललन कुमार ने भी सरकार से शिक्षकों के बकाए वेतन भुगतान की मांग की है. उन्होंने कहा कि सरकार गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देने की बात तो करती है, लेकिन शिक्षकों को समय पर वेतन नहीं मिलता. उन्होंने कहा कि शिक्षकों को समय पर वेतन दिए बिना गुणवत्तापूर्ण शिक्षा की बात करना बेमानी है. कुमार ने तत्काल शिक्षकों को बकाए वेतन का भुगतान करने की मांग की है.

पटना: बिहार कांग्रेस अध्यक्ष डॉ. मदन मोहन झा ने शुक्रवार को शिक्षकों के वेतन एवं बकाया भुगतान समय पर नहीं होने पर चिंता करते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को एक पत्र लिखा है. झा ने अपने पत्र में मुख्यमंत्री से आग्रह किया है कि सरकार तुरन्त इसका संज्ञान लेते हुए हर कोटि के शिक्षकों को अविलम्ब उनका वेतन एवं बकाया भुगतान करवाने का कष्ट करें.

डॉ. मदन मोहन झा ने यह आग्रह किया है कि मासिक वेतन एवं सातवें वेतन के एरियर भुगतान में न्यायालय के आदेशों के आलोक में कोषांग की स्थिति को अंतिम रूप से स्पष्ट कर दिया जाए, तब तक भुगतान पर रोक के आदेश को वापस ले लिया जाए.

'सभी शिक्षकों को होती है परेशानी'
पत्र में कहा गया है कि सरकार के शिक्षा विरोधी नीति एवं निर्णयों के कारण बार-बार हर कोटि के शिक्षकों को कठिनाइयों से गुजरना पड़ रहा है, चाहे वो वित्तरहित शिक्षक हो या नियोजित शिक्षक हो, या मदरसा के शिक्षक हों, या संस्कृत के शिक्षक हों, या फिर अन्य कोई शिक्षक हो.

'गुणवत्तापूर्ण शिक्षा की मांग, लेकिन नहीं होता भुगतान'
इधर, युवा कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष ललन कुमार ने भी सरकार से शिक्षकों के बकाए वेतन भुगतान की मांग की है. उन्होंने कहा कि सरकार गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देने की बात तो करती है, लेकिन शिक्षकों को समय पर वेतन नहीं मिलता. उन्होंने कहा कि शिक्षकों को समय पर वेतन दिए बिना गुणवत्तापूर्ण शिक्षा की बात करना बेमानी है. कुमार ने तत्काल शिक्षकों को बकाए वेतन का भुगतान करने की मांग की है.

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