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Navratri special: मछुआ टोली में दिखेगी 18 हाथ और 25 शीश वाली मां दुर्गा की प्रतिमा

एथलेटिक बॉयज क्लब दुर्गा पूजा समिति की ओर से मछुआ टोली में लगभग 60 वर्षों से पूजा की जा रही है. पूजा समिति के सदस्य ने बताया कि इस बार का बजट तकरीबन 6 लाख से अधिक होगा. श्रद्धालु यहां की सजावट और लाइटिंग देख कर खींचे चले आते हैं.

18 हाथ और 25 शीश वाली मां दुर्गा की प्रतिमा
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Published : Oct 3, 2019, 6:43 PM IST

पटनाः शारदीय नवरात्र की शुरूआत हो चुकी है. इसमें मां दुर्गा के नौ रूपों की पूजा होती है. राजधानी के मछुआ टोली में इस बार भव्य पूजा पंडाल और शानदार लाइटिंग के बीच मां दुर्गा की प्रतिमा स्थापित की गई है. यहां मां दुर्गा के विभिन्न स्वरूपों की प्रतिमा स्थापित की जाती है. इस बार यहां 18 हाथ और 25 शीश वाली मां दुर्गा की 15 फुट ऊंची प्रतिमा बनाई गई है. जहां मां काली के 8 स्वरूपों के भी दर्शन होंगे.

Patna
कलश स्थापना

सजावट और लाईटिंग देख खींचे चले आते हैं श्रद्धालु
एथलेटिक बॉयज क्लब दुर्गा पूजा समिति की ओर से मछुआ टोली में लगभग 60 वर्षों से पूजा की जा रही है. पूजा समिति के सदस्य ने बताया कि इस बार का बजट तकरीबन 6 लाख से अधिक होगा. श्रद्धालु यहां की सजावट और लाइटिंग देखकर खींचे चले आते हैं. यहां की मूर्ती और सजावट आकर्षण का केंद्र रही है. सबसे पहले यहां भारत माता की प्रतिमा स्थापित की गई थी. जिसके बाद 1960 में 12 प्रतिमा और 1978 में 18 फीट की प्रतिमा स्थापित की गई थी.

18 हाथ और 25 शीश वाली मां दुर्गा की प्रतिमा

40 से 50 मूर्तियां होती हैं स्थापित
समिति सदस्य ने बताया कि इस बार की प्रतिमाओं में कृष्णकाली, शामा, तारा, नीलतारा, श्मशान काली रोधरपनि, महाकाली और कालरात्रि की प्रतिमा दिखेगी. यहां मां दुर्गा के विभिन्न स्वरूपों के साथ 40 से 50 मूर्तियां स्थापित की जाती हैं. सड़कों पर रोलेक्स की सजावट और पंडाल को फूलों से सजाया जाता है.

पटनाः शारदीय नवरात्र की शुरूआत हो चुकी है. इसमें मां दुर्गा के नौ रूपों की पूजा होती है. राजधानी के मछुआ टोली में इस बार भव्य पूजा पंडाल और शानदार लाइटिंग के बीच मां दुर्गा की प्रतिमा स्थापित की गई है. यहां मां दुर्गा के विभिन्न स्वरूपों की प्रतिमा स्थापित की जाती है. इस बार यहां 18 हाथ और 25 शीश वाली मां दुर्गा की 15 फुट ऊंची प्रतिमा बनाई गई है. जहां मां काली के 8 स्वरूपों के भी दर्शन होंगे.

Patna
कलश स्थापना

सजावट और लाईटिंग देख खींचे चले आते हैं श्रद्धालु
एथलेटिक बॉयज क्लब दुर्गा पूजा समिति की ओर से मछुआ टोली में लगभग 60 वर्षों से पूजा की जा रही है. पूजा समिति के सदस्य ने बताया कि इस बार का बजट तकरीबन 6 लाख से अधिक होगा. श्रद्धालु यहां की सजावट और लाइटिंग देखकर खींचे चले आते हैं. यहां की मूर्ती और सजावट आकर्षण का केंद्र रही है. सबसे पहले यहां भारत माता की प्रतिमा स्थापित की गई थी. जिसके बाद 1960 में 12 प्रतिमा और 1978 में 18 फीट की प्रतिमा स्थापित की गई थी.

18 हाथ और 25 शीश वाली मां दुर्गा की प्रतिमा

40 से 50 मूर्तियां होती हैं स्थापित
समिति सदस्य ने बताया कि इस बार की प्रतिमाओं में कृष्णकाली, शामा, तारा, नीलतारा, श्मशान काली रोधरपनि, महाकाली और कालरात्रि की प्रतिमा दिखेगी. यहां मां दुर्गा के विभिन्न स्वरूपों के साथ 40 से 50 मूर्तियां स्थापित की जाती हैं. सड़कों पर रोलेक्स की सजावट और पंडाल को फूलों से सजाया जाता है.

Intro: राजधानी पटना के मछुआ टोली में 18 हाथ और 25 शीश वाली मां दुर्गा की 15 फुट ऊंची प्रतिमा होगी


Body:राजधानी के आर्य कुमार रोड यानी मछुआ टोली में इस बार भव्य पूजा पंडाल और शानदार लाइटिंग के बीच मां दुर्गा की प्रतिमा स्थापित होगी, मछुआ टोली मां दुर्गा के विभिन्न स्वरूपों की प्रतिमा स्थापित करने के लिए जाना जाता है, एथलेटिक बॉयज क्लब दुर्गा पूजा समिति की ओर से मछुआ टोली में लगभग 60 वर्षों से पूजा की जा रही है
इस बार यहां 18 हाथ और 25 शीश वाली मां दुर्गा की 15 फुट ऊंची प्रतिमा बनाई जा रही हैं, साथ में मां काली के 8 स्वरूपों के भी दर्शन होंगे पूजा समितियों की मानें तो इस बार का बजट तकरीबन 6 लाख से अधिक होगी
पूजा समितियों की मानें तो श्रद्धालु यहां की सजावट और लाईटींग से खींचे चले आते हैं, विगत सालों में यहां की पूजा श्रद्धालुओं के लिए आकर्षण का केंद्र रही हैं
सबसे पहले भारत माता की प्रतिमा स्थापित की गई थी उसके बाद 1960 में 12 प्रतिमाओं का स्वरूप शुरू किया गया उसके बाद 1978 में मां दुर्गा की 18 फीट की प्रतिमा स्थापित की गई थी


Conclusion: पूजा पंडाल की विशेषताएं


प्रतिभाओं में कृष्णकाली, शामा, तारा, नीलतारा, श्मशान काली रोधरपनि, महाकाली और कालरात्रि की प्रतिमा दिखेगी
मां दुर्गा के विभिन्न स्वरूपों सहित 40 से 50 मूर्तियां स्थापित की जाती हैं सड़कों पर रोलेक्स की सजावट होती है पंडाल को फूलों से सजाया जाता है


बाईट:-गुड्डू, कोषाध्यक्ष, एबीसी कलब,मछुआटोली
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