पटना: लखनऊ पुलिस ने बिहार से दिल्ली जा रही बस से 11 बच्चों को छुड़ाया. इन बच्चों को जबरदस्ती बाल मजदूरी करवाने के लिए दिल्ली ले जाया जा रहा था. लखनऊ पुलिस (Lucknow Police rescues 11 children from bus) ने अचानक छापा मारकर बच्चों को छुड़ाया. इनमें सात बच्चे नेपाल और चार बिहार के हैं. आर्थिक तंगी और बेरोजगारी का दंश झेल रहे परिवार के 11 नाबालिग बिहार से दिल्ली रोजी रोटी की तलाश में सेवक बनने निकल पड़े थे. गनीमत रही कि एएचटीयू और चिनहट पुलिस की संयुक्त टीम ने अयोध्या हाईवे चिनहट एनएच-27 पर बंद पड़े पेट्रोल पंप के पास से 11 बच्चों को उस वक्त बरामद कर लिया, जब छह तस्कर बच्चों को बिहार से दिल्ली सेवक बनाने की नियत से लेकर जा रहे थे.
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लखनऊ पुलिस ने 11 बच्चों को किया रेस्क्यू: बच्चों की तस्करी कर बाल मजदूरी के लिए मोतिहारी से दिल्ली ले जाया जा रहा था. इसी बीच लखनऊ पुलिस को सूचना हुई. मानव तस्करी सेल और चाइल्ड लाइन की सूचना पर पुलिस ने चिनहट इलाके में बस में छापेमारी कर 11 बच्चों को बचाया और छह आरोपियों को गिरफ्तार किया. आरोपियों के खिलाफ मानव तस्करी सहित कई संगीन धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया. इसके बाद जेल भेज दिया गया. वहीं, मुक्त कराए गए सभी बच्चों को राजकीय बालगृह बालक मोहान रोड में आश्रय दिलाया गया है.
मानव तस्करी सेल के मुताबिक, रविवार रात रक्सौल बिहार से सूचना मिली कि मोतिहारी से 11 बच्चों को बस से तस्करी कर दिल्ली ले जाया जा रहा है. इसकी सूचना देर रात लखनऊ पहुंची पुलिस को मिली. चाइल्डलाइन की निदेशक संगीता शर्मा, केन्द्र समन्वयक विवेक शर्मा, कृष्ण प्रताप शर्मा, शिवम वर्मा और मानव तस्करी सेल रक्सौल बिहार के मनोज कुमार शर्मा, प्रभारी निरीक्षक तेज बहादुर सिंह के मुताबिक मुखबिर से सूचना मिली थी कि कुछ लोग बिहार से बच्चों की तस्करी कर दिल्ली और अन्य राज्यों में मजदूरी के लिए ले जा रहे हैं. उसी आधार पर चिनहट पुलिस, एएचटीएयू और चाइल्ड लाइन की मदद से चिनहट लखनऊ अयोध्या हाईवे के पास चेंकिग कर रहे थे.
रविवार देर रात करीब 3 बजे पुलिस को बिहार से एक बस आती दिखाई दी. पुलिस ने इसे रुकवा लिया. छापेमारी कर बस से 11 बच्चों को रेस्क्यू कराया गया. इसमें से 7 बच्चे नेपाल और चार बच्चे बिहार के हैं. सभी बच्चे 10 से 15 वर्ष की उम्र के हैं. वहीं, मोतिहारी के पकरी दयाल निवासी आरोपित सलाउद्दीन अंसारी, खड़वा निवासी अबू लैश, नेपाल के रोहतट निवासी महताब और इरशाद आलम, नेपाल के मोहलिया गौर निवासी मो. अशरफ, नेपाल के मटिया गौर निवासी जमील अख्तर को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया गया है.
रेस्क्यू टीम ने बताया कि किसी को कोई शक न हो इसलिए आरोपी बच्चों को दो-दो के ग्रुप में लेकर बैठे थे. रेस्क्यू टीम पहुंची तो वह खुद को बच्चों का रिश्तेदार बताकर जरूरी काम से दिल्ली ले जाने की बात करने लगे. किसी ने पढ़ाने के लिए, कोई इलाज तो कोई दिल्ली घुमाने के लिए बच्चों को ले जाने का बहाने बताने लगा. पुलिस ने सभी अपराधियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया.
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