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लॉकडाउन के कारण चरमराई अर्थव्यवस्था

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Published : Apr 5, 2020, 6:31 PM IST

बीआईए के मेंबर सत्यजीत सिंह का कहना है कि लॉकडाउन के दौरान बिहार के व्यापार में 15 से 20 हजार करोड़ की महीने में छति है. वहीं, उनका कहना है कि अगर यही स्थिति बिहार की बनी रही, तो आगामी दिनों में भी 15 से 20 परसेंट एंप्लॉयमेंट में भी बड़ा छति होगा.

लॉकडाउन
लॉकडाउन

पटना : देश में लॉकडाउन का आज 12वां दिन है. इसका असर सड़क से लेकर व्यापार मंडल तक देखने को मिल रहा है. लॉकडाउन के दौरान व्यापार मंडल में काफी क्षति का अनुमान लगाया गया है. मंझले और छोटे व्यापारियों को इस लॉकडाउन के दौरान काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है. वहीं, बड़े व्यापारियों को उभरने में ज्यादा समय नहीं लगेगा.

'एंप्लॉयमेंट में भी होगा छति'
बीआईए के मेंबर सत्यजीत सिंह का कहना है कि लॉकडाउन के दौरान बिहार के व्यापार में 15 से 20 हजार करोड़ की महीने में छति है. वहीं, उनका कहना है कि अगर यही स्थिति बिहार की बनी रही, तो आगामी दिनों में भी 15 से 20 परसेंट एंप्लॉयमेंट में भी बड़ा छति होगा.

देखें पूरी रिपोर्ट

'बिना ब्याज के मुहैया करवाना पड़ेगा धन'
अर्थशास्त्री डीएम दिवाकर ने कहा कि देश का जीडीपी पहले ही गिरा हुआ था. इस लॉकडाउन के दौरान अब जीडीपी गिरकर 2 से ढाई परसेंट पहुंच गया होगा. बड़े व्यापारियों को तो उभरने में ज्यादा समय नहीं लगेगा. लेकिन छोटे और मझोले व्यापारियों को इस डाउन से उभरने में काफी समय लग सकता है. जिस वजह से सरकार को इन व्यापारियों पर खास ध्यान देने की जरूरत होगी. सरकार को बैंकों के माध्यम से छोटे व्यापारियों को बिना ब्याज के ही धन मुहैया करवाना पड़ेगा.

पटना : देश में लॉकडाउन का आज 12वां दिन है. इसका असर सड़क से लेकर व्यापार मंडल तक देखने को मिल रहा है. लॉकडाउन के दौरान व्यापार मंडल में काफी क्षति का अनुमान लगाया गया है. मंझले और छोटे व्यापारियों को इस लॉकडाउन के दौरान काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है. वहीं, बड़े व्यापारियों को उभरने में ज्यादा समय नहीं लगेगा.

'एंप्लॉयमेंट में भी होगा छति'
बीआईए के मेंबर सत्यजीत सिंह का कहना है कि लॉकडाउन के दौरान बिहार के व्यापार में 15 से 20 हजार करोड़ की महीने में छति है. वहीं, उनका कहना है कि अगर यही स्थिति बिहार की बनी रही, तो आगामी दिनों में भी 15 से 20 परसेंट एंप्लॉयमेंट में भी बड़ा छति होगा.

देखें पूरी रिपोर्ट

'बिना ब्याज के मुहैया करवाना पड़ेगा धन'
अर्थशास्त्री डीएम दिवाकर ने कहा कि देश का जीडीपी पहले ही गिरा हुआ था. इस लॉकडाउन के दौरान अब जीडीपी गिरकर 2 से ढाई परसेंट पहुंच गया होगा. बड़े व्यापारियों को तो उभरने में ज्यादा समय नहीं लगेगा. लेकिन छोटे और मझोले व्यापारियों को इस डाउन से उभरने में काफी समय लग सकता है. जिस वजह से सरकार को इन व्यापारियों पर खास ध्यान देने की जरूरत होगी. सरकार को बैंकों के माध्यम से छोटे व्यापारियों को बिना ब्याज के ही धन मुहैया करवाना पड़ेगा.

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