पटना: बिहार में नीतीश कुमार सुशासन बाबू कहे जाते हैं. सुशासन का मतलब अच्छा शासन. लेकिन, बिहार में तेजी से बढ़ते अपराध के बीच नीतीश सरकार के सुशासन की पोल खुलती नजर आ रही है. प्रदेश में बढ़ते अपहरण, लूटपाट, हत्या, छेड़खानी, महिलाओं के साथ दुष्कर्म की घटनाओं में लगातार बढ़ोतरी हो रही है. सरकार को आइना दिखाने के लिए ईटीवी की टीम आम लोगों से बात कर रही है. आइए जानते हैं प्रदेश की जनता लॉ एंड ऑर्डर पर क्या बोलती है.
बिहार में डर लगता है साहेब...यह हम नहीं यहां के लोग कह रहे हैं. यहां जब सुरक्षित रहेंगी बेटियां तभी तो पढ़ेंगी और आगे बढ़ेंगी...आप सोच रहे होंगे हम यह सब क्यों कह रहे हैं. तो सुन लीजिए दरअसल इनदिनों बिहार में रेप की घटनाएं बढ़ गई हैं. ताजा मामला पटना के मसौढ़ी का है. यहां 18 वर्षीय युवती से उसके ही घर में घुसकर पहले गैंगरेप किया गया और फिर ईंट पत्थर से कूचकर उसकी हत्या कर दी गई. फिर क्या था लोगों के मन में सरकार और प्रशासन के खिलाफ गुस्सा फूट पड़ा... स्थानीय बेटी कविता कहती है ऐसा करने वाले को फांसी पर लटका देना चाहिए.
'आरोपियों को हो उम्र कैद'
वहीं, शिक्षक रामकृपाल कहते हैं दोषी पाए जाने पर आरोपियों को उम्र कैद की सजा दी जाए. साथ ही उन्होंने सरकार से शिक्षा को बढ़ावा देने की भी बात कही.
'प्रशासन को देनी चाहिए सुरक्षा'
राममोहन कहते हैं कि लड़की सबको पढ़ने में बहुत परेशानियों का सामना करना पड़ता है. कोचिंग जाने के दौरान लड़के बाइक से पीछा कर उन्हें परेशान करते हैं. प्रशासन को सबसे पहले इस ओर ध्यान देना चाहिए.
'सरकार चलाए जागरूकता कार्यक्रम'
राजेश का मानना है कि मोबाइल पर रोक लगायी जानी चाहिए. साथ ही जागरूकता कार्यक्रम चलाया जाना चाहिए.
'दुष्कर्मियों को देनी चाहिए फांसी'
सौरभ कहते हैं कि ऐसा करने वाले को फांसी देनी चाहिए. लोगों को लड़कियों को अपनी बहन के नजरिए से देखना चाहिए.
'लोगों को नजरिया बदलने की जरूरत'
वहीं, एक स्थानीय छात्रा का कहना है कि लोगों को नजरिया बदलने की जरूरत है, किसी भी लड़की को बहू-बेटी की नजर से देखना चाहिए.
कब थमेगा अपराध?
आखिर कब थमेगा बिहार में अपराध...क्योंकि अब लोग यह कहने को विवश हो चुके हैं कि बिहार में डर लगता है. मसौढ़ी में 29 अगस्त की सुबह एक गुट के लोगों ने दूसरे गुट के 16 वर्षीय किशोर को गोली मार दी थी. गोली लगने के बाद दोनों गुटों में भिड़ंत हो गई. सैकड़ों लोग एसडीपीओ कार्यालय के पास जुटे और एनएच-83 को जाम कर दिया था. देखते ही देखते दोनों गुटों के बीच रोड़ेबाजी और गोलीबारी होने लगी थी.
पहले भी घट चुकी हैं कई घटनाएं
30 अप्रैल को भी मसौढ़ी थाने से पांच सौ गज की दूरी पर लखीबाग मोहल्ले में अज्ञात बदमाशों ने साड़ी दुकानदार नीतेश कुमार (30) की गोली मारकर हत्या कर दी और फरार हो गए थे. पिछले साल अप्रैल महीने में भी मसौढ़ी में नाबालिग छात्रा से गैंगरेप किया गया था. छात्रा एक शादी समारोह से लौट रही थी तभी पांच लोगों ने उसे घेर लिया. उसे सुनसान जगह ले गए और पांचों ने उसके साथ बारी-बारी से दुष्कर्म किया.
लोगों के दिलों में कई सवाल
राजधानी से सटे मसौढ़ी में पिछले कुछ दिनों से क्राइम ग्राफ काफी तेजी से बढ़ा है. रेप, हत्या, लूट की वारदातों ने लोगों के दिलों में खौफ पैदा कर दिया है. कुछ लोगों का तो यहां तक मानना है कि सरकार का ध्यान सिर्फ बालू माफिया और शराब तस्करों तक ही रह गया है. ऐसे में लोगों के दिलों में सुशासन बाबू को लेकर सवाल उठने लगे हैं. उन्हें फिर से प्रदेश में जंगलराज की हालत बनती दिख रही है. लचर कानून व्यवस्था को लेकर आम लोगों में आक्रोश बढ़ रहा है. प्रदेश की सरकार पर से धीरे-धीरे विश्वास कम होता जा रहा है. अब, देखना ये होगा कि नीतीश सरकार जनता के मन में उठे अविश्वास को कैसे खत्म करती है. अपराधियों में खौफ पैदा करने के लिए क्या करती है.