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पटना सीमा सुरक्षा बल के KLP परिसर निर्माण पर लगा ग्रहण, मुआवजे को लेकर किसानों ने लगाए नारे - पटना केएलपी परिसर निर्माण पर लगा ग्रहण

बिक्रम में बनने वाले सीमा सुरक्षा बल के.एल.पी परिसर (People Protested Against KLP Campus ) पर ग्रहण लगता दिख रहा है. मुआवजे को लेकर स्थानीय किसानों ने घेराबंदी और नापी कराने से अधिकारियों को रोका है. जमीन मालिकों ने कहा कि यह जमीन उनकी निजी संपत्ति है. अगर सरकार इसे अधिग्रहित करती है तो उसे उचित मुआवजा देना होगा.

LOCAL PEOPLE PROTESTED AGAINST LAND ACQUISITION IN PATNA
LOCAL PEOPLE PROTESTED AGAINST LAND ACQUISITION IN PATNA
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Published : Dec 10, 2022, 9:32 PM IST

पटना: राजधानी पटना से सटे बिक्रम प्रखंड के पतूत गांव में सीमा सुरक्षा बल के नए केएलपी परिसर के जमीन अधिग्रहण पर ग्रहण लगता दिख रहा है. जहां लोगों ने सरकारी मुआवजा को लेकर विरोध शुरू कर (People started protest against government In Patna) दिया है. जहां पतूत ग्राम के तमाम किसानों ने अधिकारियों के सामने विरोध प्रदर्शन किया. यहां तक की जिलाअधिकारी के विरोध में भी जमकर नारेबाजी की.

मुआवजे को लेकर सरकार के खिलाफ धरना देते ग्रामीण


ये भी पढ़ेंः पटना में अतिक्रमण हटाने गई टीम पर लोगों ने किया पथराव, पुलिस ने चटकाई लाठियां


नए केएलपी परिसर का होना है निर्माण: दरअसल आपको बता दें कि भारत सरकार ने बिहार सरकार से बिक्रम के पतूत गांव में लगभग 70 एकड़ जमीन लिया है. जिसमे सीमा सुरक्षा बल के नए केएलपी परिसर का निर्माण होना (New KLP Complex to be constructed In Patna) है. इसी को लेकर गांव के किसानों ने स्थानीय अंचलाअधिकारी और अन्य अधिकारी के सामने विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया. किसानों का कहना है कि सरकारी दर काफी कम है.सरकार कृषि और आवासीय जमीनों का अलग अलग दाम तय करती है लेकिन जो भी जमीन अधिग्रहण किया जा रहा है. उसमें सरकार कृषि और आवासीय जमीनों का दाम एक दे रही है. इसी को लेकर विवाद शुरू हो गया है.

जमीन का अलग रेट नहीं मिलने से नाराज हैं किसान: किसानों का कहना है कि इसको लेकर विभाग के मंत्री सहित कई वरीय अधिकारी को पत्र लिखा गया लेकिन कोई भी अधिकारी गांव में नहीं पहुंचा. यहां तक कि पटना डीएम के द्वारा स्थानीय अधिकारी को पत्र के जरिए जांच कर रिपोर्ट देने की बात कही गई लेकिन रिपोर्ट भी अभी तक बनाकर नहीं भेजा गया है और जमीन अधिग्रहण किया जा रहा है. जमीन देने के लिए तैयार हैं लेकिन जो जमीन सड़क पर है. उसका अलग रेट होना चाहिए और जो जमीन पीछे है. उसका अलग रेट होना चाहिए.

"भारत सरकार के तहत सीमा सुरक्षा बल के नए क्षेत्रीय मुख्यालय का निर्माण होना है. जिसको लेकर बिहार सरकार के तरफ से जमीन अधिग्रहण किया जा रहा है और हम सभी लोग जमीन अधिग्रहण का विरोध केवल मुआवजे को लेकर कर रहे हैं. गांव के तमाम किसान मुआवजे को लेकर इसका विरोध कर रहे हैं. आवासीय के दर से हम सभी किसानों के जमीन का मुआवजा मिलना चाहिए नहीं तो आने वाले समय में और बड़ा आंदोलन किया जाएगा." :- श्रीकांत शर्मा, स्थानीय किसान



"मेरा लगभग 10 बीघा जमीन इसमें जा रहा है लेकिन जो जमीन सड़क पर है. उसका रेट और जो जमीन पीछे है, उसका भी रेट एक ही है इसलिए जमीन का सही मुआवजा मिलना चाहिए. मुआवजे को लेकर मेरा बेटा हार्ट अटैक से मर गया और अब बस से एक पोता बचा है सरकार आवासीय के दर से जमीनों का मुआवजा दें तभी हम लोग जमीन देंगे अन्यथा विरोध जारी रहेगा." :- मानती देवी, स्थानीय महिला

गैराआवासियों को आवासीय करने को लेकर है विवाद: वही विवाद को लेकर विक्रम प्रखंड के प्रभारी अंचलाधिकारी कन्हैयालाल ने कहा कि जब बिहार सरकार जमीन अधिग्रहण के लिए नोटिस जारी की थी. उस समय आवासीय और गैर आवासीय दोनों का रिपोर्ट दिया गया था लेकिन अब जब जमीन अधिग्रहण का काम शुरू हुआ. तब से अबतक कई किसान गैराआवासियों को आवासीय करने पर दबाव कर रहे है. इसी को लेकर विवाद शुरू है. अंचलाधिकारी ने कहा कि यह काम मेरा नहीं है. यह काम विभाग का है. हालांकि इसकी जानकारी वरीय अधिकारी को दी गई है. अधिकारी के अनुसार आगे की कार्रवाई की जाएगी.

पटना: राजधानी पटना से सटे बिक्रम प्रखंड के पतूत गांव में सीमा सुरक्षा बल के नए केएलपी परिसर के जमीन अधिग्रहण पर ग्रहण लगता दिख रहा है. जहां लोगों ने सरकारी मुआवजा को लेकर विरोध शुरू कर (People started protest against government In Patna) दिया है. जहां पतूत ग्राम के तमाम किसानों ने अधिकारियों के सामने विरोध प्रदर्शन किया. यहां तक की जिलाअधिकारी के विरोध में भी जमकर नारेबाजी की.

मुआवजे को लेकर सरकार के खिलाफ धरना देते ग्रामीण


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नए केएलपी परिसर का होना है निर्माण: दरअसल आपको बता दें कि भारत सरकार ने बिहार सरकार से बिक्रम के पतूत गांव में लगभग 70 एकड़ जमीन लिया है. जिसमे सीमा सुरक्षा बल के नए केएलपी परिसर का निर्माण होना (New KLP Complex to be constructed In Patna) है. इसी को लेकर गांव के किसानों ने स्थानीय अंचलाअधिकारी और अन्य अधिकारी के सामने विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया. किसानों का कहना है कि सरकारी दर काफी कम है.सरकार कृषि और आवासीय जमीनों का अलग अलग दाम तय करती है लेकिन जो भी जमीन अधिग्रहण किया जा रहा है. उसमें सरकार कृषि और आवासीय जमीनों का दाम एक दे रही है. इसी को लेकर विवाद शुरू हो गया है.

जमीन का अलग रेट नहीं मिलने से नाराज हैं किसान: किसानों का कहना है कि इसको लेकर विभाग के मंत्री सहित कई वरीय अधिकारी को पत्र लिखा गया लेकिन कोई भी अधिकारी गांव में नहीं पहुंचा. यहां तक कि पटना डीएम के द्वारा स्थानीय अधिकारी को पत्र के जरिए जांच कर रिपोर्ट देने की बात कही गई लेकिन रिपोर्ट भी अभी तक बनाकर नहीं भेजा गया है और जमीन अधिग्रहण किया जा रहा है. जमीन देने के लिए तैयार हैं लेकिन जो जमीन सड़क पर है. उसका अलग रेट होना चाहिए और जो जमीन पीछे है. उसका अलग रेट होना चाहिए.

"भारत सरकार के तहत सीमा सुरक्षा बल के नए क्षेत्रीय मुख्यालय का निर्माण होना है. जिसको लेकर बिहार सरकार के तरफ से जमीन अधिग्रहण किया जा रहा है और हम सभी लोग जमीन अधिग्रहण का विरोध केवल मुआवजे को लेकर कर रहे हैं. गांव के तमाम किसान मुआवजे को लेकर इसका विरोध कर रहे हैं. आवासीय के दर से हम सभी किसानों के जमीन का मुआवजा मिलना चाहिए नहीं तो आने वाले समय में और बड़ा आंदोलन किया जाएगा." :- श्रीकांत शर्मा, स्थानीय किसान



"मेरा लगभग 10 बीघा जमीन इसमें जा रहा है लेकिन जो जमीन सड़क पर है. उसका रेट और जो जमीन पीछे है, उसका भी रेट एक ही है इसलिए जमीन का सही मुआवजा मिलना चाहिए. मुआवजे को लेकर मेरा बेटा हार्ट अटैक से मर गया और अब बस से एक पोता बचा है सरकार आवासीय के दर से जमीनों का मुआवजा दें तभी हम लोग जमीन देंगे अन्यथा विरोध जारी रहेगा." :- मानती देवी, स्थानीय महिला

गैराआवासियों को आवासीय करने को लेकर है विवाद: वही विवाद को लेकर विक्रम प्रखंड के प्रभारी अंचलाधिकारी कन्हैयालाल ने कहा कि जब बिहार सरकार जमीन अधिग्रहण के लिए नोटिस जारी की थी. उस समय आवासीय और गैर आवासीय दोनों का रिपोर्ट दिया गया था लेकिन अब जब जमीन अधिग्रहण का काम शुरू हुआ. तब से अबतक कई किसान गैराआवासियों को आवासीय करने पर दबाव कर रहे है. इसी को लेकर विवाद शुरू है. अंचलाधिकारी ने कहा कि यह काम मेरा नहीं है. यह काम विभाग का है. हालांकि इसकी जानकारी वरीय अधिकारी को दी गई है. अधिकारी के अनुसार आगे की कार्रवाई की जाएगी.

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