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'देश में आदिवासी समाज से राष्ट्रपति, फिर भी दलित-आदिवासी बेटी के साथ पुलिसिया अत्याचार.. SIT जांच जरूरी'

नवादा में दलित लड़की के साथ अत्याचार (Dalit girl assaulted in Nawada) का मामला तूल पकड़ता जा रहा है. सासंद चिराग पासवान ने कहा कि एक तरफ देश आदिवासी समाज से आने वाली महिला के राष्ट्रपति बनने का उत्सव मना रही है, वहीं दूसरी तरफ दलित और आदिवासी समाज की महिलाओं पर अत्याचार हो रहे हैं. उन्होंने कहा कि दुखद तो ये भी है कि सब कुछ जानने के बाद भी बिहार सरकार ने चुप्पी साध रखी है. अबतक किसी भी पुलिसकर्मी के खिलाफ एक्शन नहीं लिया गया है. लिहाजा मैं मामले में एसआईटी जांच की मांग करता हूं.

चिराग पासवान ने एसआईटी जांच की मांग की
चिराग पासवान ने एसआईटी जांच की मांग की
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Published : Jul 25, 2022, 8:50 AM IST

पटना: बिहार के नवादा में पिछले दिनों एक अनुसूचित जाति के घर में रात के अंधेरे में पुलिस ने घुसकर लड़की के साथ कथित रूप से मारपीट की थी. इस मामले को लेकर जमुई सांसद और एलजेपीआर अध्यक्ष चिराग पासवान (LJPR President Chirag Paswan) ने सरकार से कार्रवाई की मांग की है. राजधानी पटना में प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए उन्होंने कहा कि मामला संज्ञान में आने के बाद उन्होंने 22 जुलाई को पीड़ित परिवार से मुलाकात कर पूरे घटनाक्रम की जानकारी ली. एक हफ्ता बीत जाने के बावजूद भी अब तक इस मामले में प्रशासन की ओर से कोई कार्रवाई नहीं की गई है.

ये भी पढ़ें: 'नीतीश कुमार की लापरवाही के कारण बिहार में अपराधी बेलगाम'- चिराग पासवान

बिहार सरकार की चुप्पी समझ से परे: चिराग पासवान ने कहा कि नवादा के सरौनी गांव में बच्चों के बीच विवाद हुआ था लेकिन उसके बाद कुछ दबंगों के इशारे पर पुलिस ने रात में 20 की संख्या में जाकर दलित बच्ची के साथ घर में घुसकर दुर्व्यवहार किया है. भद्दी-भद्दी जाति सूचक गालियां दी गई है. इस मामले की जितनी भर्त्सना की जाए, उतनी कम है. उन्होंने कहा कि यह कोई पहली घटना नहीं है. बिहार में इस तरह की कई घटनाएं हो रही हैं लेकिन बिहार सरकार ने चुप्पी साध रखी है. इस घटना में दबंग के इशारे पर पुलिस द्वारा ही इस तरह की घिनौनी घटना को अंजाम दिया गया है.

"एक तरफ जहां देश आदिवासी समाज से आने वाली महिला के राष्ट्रपति बनने का उत्सव मना रही है तो वहीं दलित-आदिवासी जनजाति के लोगों पर लगातार बिहार में अत्याचार किया जा रहा है. इस मामले को लेकर मैंने महामहिम राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, बिहार के राज्यपाल, बिहार के मुख्यमंत्री, राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के साथ-साथ पुलिस महानिदेशक और पुलिस अधीक्षक नवादा को अवगत करवाया है. इस मामले की गंभीरता को देखते हुए राज्य सरकार को एसआईटी का गठन करनी चाहिए"- चिराग पासवान, राष्ट्रीय अध्यक्ष, लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास)

चिराग पासवान ने आश्चर्य जताते हुए कहा कि एक सम्मानित व्यक्ति के घर में रात साढ़े 12 बजे सिर्फ शक के आधार पर प्रशासन बगैर महिला पुलिस के दरवाजा तोड़कर घर में घुसती है और अकेली लड़की के साथ गाली गलौज-मारपीट करती है. वास्तव में यह घटना बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है. ऐसे में गुंडे और पुलिस में अंतर ही कहां रह जाता है. उन्होंने कहा कि इतने गंभीर मामले में नवादा एसपी बेखबर है, जो बड़े ही शर्म की बात है. जमुई सांसद ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि घटना में जो भी दोषी हो, उस पर कार्रवाई हो.

क्या है मामला?: ये मामला नवादा जिले के कौआकोल थाना क्षेत्र के सरौनी गांव का है. पीड़ित परिवार का आरोप है कि 17 जुलाई को दो बच्चों के बीच मारपीट हुई थी. उसी संबंध में पुलिस छापामारी करने के लिए पहुंची थी. घर का दरवाजा खोलने में देर हुआ तो दरवाजा तोड़कर पुलिस घर में प्रवेश कर गई. जब कोई नहीं मिला तो पुलिस द्वारा मेरे साथ मारपीट की गई. इस दौरान लड़की के कपड़े उतार दिए. पुलिस के साथ एक भी महिला कॉन्स्टेबल नहीं थी. सभी पुरुष पुलिस थे. इसकी शिकायत लेकर 18 जुलाई को जब पीड़िता महिला थाने पहुंची तो उसका आवेदन नहीं लिया गया.

ये भी पढ़ें: बिहार पुलिस के अफसरों का बनेगा डेटाबेस, रिटायरमेंट के बाद अपराधियों को सजा दिलवाने में मिलेगी मदद

पटना: बिहार के नवादा में पिछले दिनों एक अनुसूचित जाति के घर में रात के अंधेरे में पुलिस ने घुसकर लड़की के साथ कथित रूप से मारपीट की थी. इस मामले को लेकर जमुई सांसद और एलजेपीआर अध्यक्ष चिराग पासवान (LJPR President Chirag Paswan) ने सरकार से कार्रवाई की मांग की है. राजधानी पटना में प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए उन्होंने कहा कि मामला संज्ञान में आने के बाद उन्होंने 22 जुलाई को पीड़ित परिवार से मुलाकात कर पूरे घटनाक्रम की जानकारी ली. एक हफ्ता बीत जाने के बावजूद भी अब तक इस मामले में प्रशासन की ओर से कोई कार्रवाई नहीं की गई है.

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बिहार सरकार की चुप्पी समझ से परे: चिराग पासवान ने कहा कि नवादा के सरौनी गांव में बच्चों के बीच विवाद हुआ था लेकिन उसके बाद कुछ दबंगों के इशारे पर पुलिस ने रात में 20 की संख्या में जाकर दलित बच्ची के साथ घर में घुसकर दुर्व्यवहार किया है. भद्दी-भद्दी जाति सूचक गालियां दी गई है. इस मामले की जितनी भर्त्सना की जाए, उतनी कम है. उन्होंने कहा कि यह कोई पहली घटना नहीं है. बिहार में इस तरह की कई घटनाएं हो रही हैं लेकिन बिहार सरकार ने चुप्पी साध रखी है. इस घटना में दबंग के इशारे पर पुलिस द्वारा ही इस तरह की घिनौनी घटना को अंजाम दिया गया है.

"एक तरफ जहां देश आदिवासी समाज से आने वाली महिला के राष्ट्रपति बनने का उत्सव मना रही है तो वहीं दलित-आदिवासी जनजाति के लोगों पर लगातार बिहार में अत्याचार किया जा रहा है. इस मामले को लेकर मैंने महामहिम राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, बिहार के राज्यपाल, बिहार के मुख्यमंत्री, राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के साथ-साथ पुलिस महानिदेशक और पुलिस अधीक्षक नवादा को अवगत करवाया है. इस मामले की गंभीरता को देखते हुए राज्य सरकार को एसआईटी का गठन करनी चाहिए"- चिराग पासवान, राष्ट्रीय अध्यक्ष, लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास)

चिराग पासवान ने आश्चर्य जताते हुए कहा कि एक सम्मानित व्यक्ति के घर में रात साढ़े 12 बजे सिर्फ शक के आधार पर प्रशासन बगैर महिला पुलिस के दरवाजा तोड़कर घर में घुसती है और अकेली लड़की के साथ गाली गलौज-मारपीट करती है. वास्तव में यह घटना बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है. ऐसे में गुंडे और पुलिस में अंतर ही कहां रह जाता है. उन्होंने कहा कि इतने गंभीर मामले में नवादा एसपी बेखबर है, जो बड़े ही शर्म की बात है. जमुई सांसद ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि घटना में जो भी दोषी हो, उस पर कार्रवाई हो.

क्या है मामला?: ये मामला नवादा जिले के कौआकोल थाना क्षेत्र के सरौनी गांव का है. पीड़ित परिवार का आरोप है कि 17 जुलाई को दो बच्चों के बीच मारपीट हुई थी. उसी संबंध में पुलिस छापामारी करने के लिए पहुंची थी. घर का दरवाजा खोलने में देर हुआ तो दरवाजा तोड़कर पुलिस घर में प्रवेश कर गई. जब कोई नहीं मिला तो पुलिस द्वारा मेरे साथ मारपीट की गई. इस दौरान लड़की के कपड़े उतार दिए. पुलिस के साथ एक भी महिला कॉन्स्टेबल नहीं थी. सभी पुरुष पुलिस थे. इसकी शिकायत लेकर 18 जुलाई को जब पीड़िता महिला थाने पहुंची तो उसका आवेदन नहीं लिया गया.

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