पटना: जेडीयू ने दलित नेता श्याम रजक को पार्टी से बर्खास्त कर दिया है. उन्हें मंत्रिमंडल से भी हटा दिया गया है. श्याम रजक की ओर से पार्टी छोड़ने से पहले ही जेडीयू की ओर से एक्शन लिया गया. इससे प्रदेश का सियासी पारा चढ़ गया है. वहीं लोजपा श्याम रजक के निष्कासन को दुर्भाग्यपूर्ण बाता रही है.
'एनडीए को नहीं होगा नुकसान'
पूर्व मंत्री श्याम रजक जेडीयू से निष्कासन के बाद महागठबंधन में शामिल हो चुके हैं. वहीं एनडीए के घटक दल लोक जनशक्ति पार्टी ने कहा है कि श्याम रजक को अपमानित कर निकाला जाना दुर्भाग्यपूर्ण है. इससे बिहार में एनडीए को नुकसान होगा, जबकि बीजेपी का मानना है कि श्याम रजक के जाने से एनडीए को कोई नुकसान नहीं होगा.
'दलितों के प्रति अन्याय है'
लोजपा के प्रदेश प्रवक्ता श्रवण कुमार ने कहा कि श्याम रजक को इस तरीके से पार्टी और मंत्री पद से हटाया जाना बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है. दलितों के प्रति यह अन्याय है. बिहार में एनडीए को इसका नुकसान होगा. दलितों, शोषित की लड़ाई लड़ने वालों के साथ ऐसी कार्रवाई से संदेश ठीक नहीं गया है. मेरी पार्टी इस कार्रवाई निंदा करती है.
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'अवसरवादी नेता हैं श्याम रजक'
बीजेपी नेता सुबोध पासवान ने कहा कि श्याम रजक एक अवसरवादी नेता हैं. अवसरवादियों के पार्टी छोड़ने से कोई नुकसान नहीं होता है. एनडीए को भी कोई नुकसान नहीं होगा.
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