पटना: बिहार विधानसभा चुनाव होने में यूं तो अभी लगभग साल भर का समय है, लेकिन राजनीतिक पार्टियों के बीच जुबानी जंग अभी से शुरू हो गई है. सत्ताधारी जेडीयू के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष प्रशांत किशोर के बयान के बाद जेडीयू और सत्ता में साझेदार बीजेपी के बीच तनातनी और भी तेज हो गई है. नीतीश कुमार और अमित शाह भले ही 'सब कुछ ठीक' होने का दावा करें, लेकिन एनडीए में सीट शेयरिंग की बात निकल पड़ी है.
एलजेपी ने चुनाव के लिए कसी कमर
अब खबर है कि राजग की घटक लोक जनशक्ति पार्टी (एलजेपी) ने भी राज्य में चुनावी तैयारी शुरू कर दी है. 2015 के विधानसभा चुनाव में पार्टी को 42 सीटें मिली थीं. उस समय एनडीए में एलजेपी के साथ बीजेपी के अलावा आरएलएसपी और हम शामिल थी.
पार्टी सूत्रों के मुताबिक, एलजेपी ने राज्य में उन 119 सीटों की पहचान की है, जहां बीजेपी और जेडीयू दोनों ही कमजोर हैं. पार्टी ने इन्हीं सीटों पर अपनी तैयारी शुरू की है.
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उम्मीदवारों को चिन्हित करने का काम शुरू
दरअसल, ये सभी सीटें ऐसी हैं, जहां जेडीयू या बीजेपी को जीत हासिल नहीं हुई थी. पार्टी को लगता है कि इनमें से 54 सीटें ऐसी हैं, जिस पर पार्टी जीतने की स्थिति में है. जबकि 22 सीटें ऐसी हैं, जहां कांटे का मुकाबला हो सकता है. जिन 119 सीटों पर पार्टी की नजर है, उसके लिए उम्मीदवारों को चिन्हित करने का काम भी शुरू हो चुका है.
50 लाख नए सदस्यों को जोड़ने का लक्ष्य
पार्टी के नेता अपना चुनावी अभियान अप्रैल से ही शुरू कर देंगे. राष्ट्रीय अध्यक्ष चिराग पासवान सीटों के बंटवारे से पहले इन सीटों का कम से कम एक बार दौरा पूरा कर लेना चाहते हैं. पार्टी ने मार्च तक 50 लाख नए सदस्यों को पार्टी से जोड़ना का लक्ष्य भी तय किया है.