पटना: नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) से मिलने आज लोजपा सांसद चिराग पासवान (Chirag Paswan) उनके आवास पर पहुंचे. दोनों की मुलाकात की सियासी चर्चा पर तेजस्वी और चिराग पासवान ने स्पष्ट किया कि रामविलास पासवान (Ram Vilas Paswan) की बरखी के लिए चिराग पासवान न्योता देने आए हैं.
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चिराग पासवान ने कहा कि वे लालू यादव से भी मिलेंगे और इसके बाद अगर सीएम से मिलने का समय मिला तो मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को भी न्योता देंगे. दोनों नेताओं के एक मंच पर आने के सवाल पर तेजस्वी यादव ने स्पष्ट किया कि लालू यादव जब सब कुछ कह चुके हैं तो फिर मेरे बोलने के लिए कुछ नहीं बचा है. यह भविष्य की बात है, लेकिन फिलहाल यह मुलाकात रामविलास पासवान की बरखी में शामिल होने को लेकर है.
मैं तेजस्वी यादव से मिला हूं, उन्हें 12 सितंबर को होने वाली अपने पिता की बरखी में आमंत्रित करने के लिए आया था. मैं कल दिल्ली में लालू प्रसाद यादव से भी मिलूंगा. मेरा उद्देश्य उन सभी को श्रद्धांजलि देने के लिए आमंत्रित करना है जिन्होंने उनके साथ काम किया है. मुझे सीएम से भी मिलने की उम्मीद है.- चिराग पासवान, लोजपा सांसद
तेजस्वी यादव ने कहा कि मैं खुद इसमें शामिल होऊंगा और लालू यादव की तबीयत अगर ठीक रही तो वह भी शामिल होंगे. वहीं लोजपा सांसद चिराग पासवान ने कहा कि रामविलास पासवान की मित्रता सभी के साथ थी. हमारे यहां पुण्यतिथि के 11वें 12वें महीने में बरसी मनाने का प्रावधान है. इसलिए 12 सितंबर को बरखी के आयोजन पर मैं सभी लोगों को निमंत्रित कर रहा हूं कि वे आएं और मेरे पिताजी को श्रद्धांजलि दें.
हमलोगों के नेता रहे हैं रामविलास पासवान जी और उनकी पहली बरसी है इस अवसर पर चिराग पासवान जी हमलोगों से मिलने आए हैं. पुराना रिश्ता रहा है हमारा, हमलोग घर के लोग हैं. 2010 का चुनाव था तब हमने रामविलास पासवान से काफी कुछ सीखा था. लालू जी के सेहत में सुधार हो रहा है अगर सेहत ठीक रहा तो लालू जी भी बरखी में शामिल होंगे. ऐसे अवसर पर कोई समय मांगता है तो उनसे मिलना चाहिए.- तेजस्वी यादव, नेता प्रतिपक्ष
तेजस्वी यादव ने बिहार कांग्रेस के कद्दावर नेता सदानंद सिंह (Sadanand Singh) के निधन पर शोक संवेदना भी प्रकट की और कहा कि यह अपूरणीय क्षति है. उनके शोक संतप्त परिवार के लिए उन्होंने संवेदना प्रकट की. बता दें कि पटना के खगौल के एक निजी अस्पताल में सदानंद सिंह निधन हुआ. वह लंबे समय से बीमार चल रहे थे. उन्हें लीवर की बीमारी थी.
बता दें कि जून महीने में एलजेपी दो टुकड़ों में बंट गई थी. चिराग को छोड़कर पार्टी के सारे सांसद पशुपति पारस की ओर चले गए थे और उन्हें एलजेपी प्रमुख औरऔर लोकसभा में सदन का नेता चुन लिया गया. चिराग पासवान इस लड़ाई को कोर्ट और चुनाव आयोग तक लेकर जा चुके हैं. वहीं, जुलाई महीने में जब मोदी सरकार का कैबिनेट विस्तार हुआ, तब चिराग की बजाय पशुपति पारस को केंद्रीय मंत्री बनाया गया. मोदी सरकार में पारस को खाद्य प्रसंस्करण मंत्रालय की जिम्मेदारी मिली.
एलजेपी में टूट के बाद तेजस्वी यादव और चिराग पासवान एक-दूसरे के पक्ष में बयान दे चुके हैं. तेजस्वी ने चिराग को साथ आने का ऑफर देते हुए कहा था कि उनके साथ गलत हुआ. तेजस्वी ने याद दिलाया था कि साल 2010 में राम विलास पासवान को लालू प्रसाद यादव ने राज्यसभा भेजने में मदद की थी, जब एलजेपी के कोई विधायक नहीं थे.
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