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'बिहार में शराबबंदी है तो फिर ट्रकों का भंडार कहां से मिल रहा है', अब महागठबंधन में ही उठने लगे सवाल

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) ने बिहार में भले ही शराबबंदी लागू (Bihar Liquor Ban ) करने के बाद इसकी सफलता का बार-बार दावा कर रहे है, लेकिन बिहार में शराबबंदी की सफलता पर अब महागठबंधन में ही सवाल उठने लगे है. पढ़ें पूरी खबर

liquor ban in bihar
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Published : Nov 12, 2022, 4:00 PM IST

पटना : बिहार में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भले ही शराबबंदी को कड़ाई से लागू करने को लेकर लगातार बैठकें कर रहे हों तथा इसे लेकर अधिकारियों को निर्देशित कर रहे हों, लेकिन अब सत्तारूढ महागठबंधन में ही शराबबंदी की सफलता को लेकर सवाल (liquor ban questions in grand alliance) उठने लगे हैं. पहले हम प्रमुख व बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी (former bihar cm jitan ram manjh). उसके बाद जेडीयू संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष व जेडीयू नेता उपेन्द्र कुशवाहा (jdu leader upendra kushwaha). अब जेडीयू नेता और बिहार के उद्योग मंत्री समीर कुमार महासेठ (Bihar industry minister samir mahaseth) ने भी शराबबंदी को लेकर सवाल खड़े किए.

ये भी पढ़ें - सम्राट चौधरी ने कहा- महागठबंधन के सहयोगी भी कर रहे शराबबंदी का विरोध, नीतीश हो गए अप्रासांगिक

शराबबंदी पर महागठबंधन में ही उठने लगे सवाल : बिहार के उद्योग मंत्री समीर कुमार महासेठ ने शराबबंदी को लेकर सवाल उठाए हैं. एक निजी कार्यक्रम में भाग लेने वैशाली पहुंचे उद्योग मंत्री ने कहा कि शराबबंदी को लेकर हम लोग लोगों की अपेक्षा पर खरे नहीं उतर रहे हैं. उन्होंने कहा कि सरकार चाहती है कि राज्य में पूर्ण शराबबंदी लागू हो, लेकिन शराब माफियाओं का सरकार के सामानंतर कारोबार चल रहा है, इसलिए लोग सोचते हैं कि बिहार में शराबबंदी का असर नहीं है. उन्होंने आगे साफ तौर पर कहा कि ऐसे में यह कहा जा सकता है कि लोगों की जो पूर्ण शराबबंदी कि अपेक्षा है, उसमें हमलोग सफल नहीं है.

"सरकार पूर्ण निष्ठा के साथ चाहती है कि हमारे यहां शराबबंदी रहे लेकिन जो परिस्थितियां होती जा रही हैं कहीं ना कहीं समांतर गवर्नमेंट के शराब का कारोबार चल रहा है. पूर्णता शराबबंदी हो उसमें कहीं ना कहीं हम लोग सफल नहीं हो पा रहे हैं. हम चाहते हैं कि अच्छे से अच्छे बंदी हो लोग शराब न पिए और किसी भी तरीके से बिहार में इन चीजों का कहीं से भी इंट्री ना हो लेकिन जो परिस्थिति है उसमें कहां पर कहां से लेकर आते हैं. लोग समांतर मार्केटिंग कर रहे हैं और समझ में नहीं आ रहा है." - समीर महासेठ, उद्योग मंत्री, बिहार सरकार

कांग्रेस- 'शराबबंदी है, तो ट्रकों का भंडार कहां से मिल रहा' : इधर, कांग्रेस की विधायक प्रतिमा कुमारी ने तो बिहार से शराबबंदी को हटाने तक की मांग कर दी है. उन्होंने कहा कि अगर बिहार में शराबबंदी है तो फिर ट्रकों का भंडार कहां से मिल रहा है, लोग शराब पीकर मर रहे हैं. उन्होंने कहा कि आंख बंद करने से सच्चाई नहीं छिप सकती हैं. प्रतिमा कुमारी ने आगे कहा सरकार को शराबबंदी नीति में बदलाव करना चाहिए.

उपेंद्र कुशवाहा बोले- 'बिहार में शराबबंदी फेल' : दो दिन पहले जेडीयू संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा ने बिहार में शराबबंदी को असफल करार देते हुए कहा था कि सरकार के कह देने मात्र से शराबबंदी सफल नहीं हो जाती है. उन्होंने हालांकि यह भी कहा था कि शराबबंदी लागू कराने के लिए लोगों का समर्थन भी चाहिए.

ये भी पढ़ें - बोले उपेन्द्र कुशवाहा- बिहार में शराबबंदी असफल, सिर्फ सरकार के कह देने से नहीं मिलेगी कामयाबी'

''बिहार में शराबबंदी सफल नहीं है. सिर्फ सरकार के कहने से शराबबंदी सफल नहीं हो जाती. शराबबंदी को सफल बनाने के लिए जनता को सहयोग करना होगा. जब तक जनता नहीं चाहेगी तब तक शराबबंदी सफल नहीं होगी. अभी के हालात तो आप जानते ही हैं. हालांकि, शराबबंदी से समाज को बहुत फायदा हुआ है. ये जितना सफल होगी, उतना ही और लोगों को फायदा होगा.'' - उपेंद्र कुशवाहा, जेडीयू संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष

पूर्व CM मांझी ने भी उठाया था सवाल : शराबबंदी को लेकर महागठबंधन में शामिल हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा के प्रमुख और पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी पहले से ही सवाल उठाते रहे हैं. मांझी ने कहा था की बिहार में शराबबंदी कानून का मतलब अमीर लोगों का ऐश और गरीब लोगों का उत्पीड़न है. उन्होंने नीतीश कुमार को सुझाव दिया है कि क्वार्टर शराब का सेवन करने वाले लोगों को गिरफ्तार नहीं करना चाहिए.

''शराबबंदी अच्छी बात है, लेकिन बिहार में समस्या इसके क्रियान्वयन में बहुत गड़बड़ियां हैं, जिसके कारण शराब तस्करों को पकड़ा नहीं जा रहा है. केवल 250 ग्राम शराब का सेवन करने वाले गरीब लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेजा जा रहा है. आज शराब पीने के आरोप में जेल में बंद लगभग 70 फीसदी लोगों ने केवल 250 ग्राम शराब का सेवन किया है, जो कम मात्रा में शराब पीते हुए पकड़े जाते हैं उन्हें गिरफ्तार नहीं किया जाना चाहिए.'' - जीतन राम मांझी, हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा के प्रमुख

ये भी पढ़ें- शराबबंदी पर अपनों के बयान से बैकफुट पर CM नीतीश, भाजपा को 'मौका-मौका'

पटना : बिहार में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भले ही शराबबंदी को कड़ाई से लागू करने को लेकर लगातार बैठकें कर रहे हों तथा इसे लेकर अधिकारियों को निर्देशित कर रहे हों, लेकिन अब सत्तारूढ महागठबंधन में ही शराबबंदी की सफलता को लेकर सवाल (liquor ban questions in grand alliance) उठने लगे हैं. पहले हम प्रमुख व बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी (former bihar cm jitan ram manjh). उसके बाद जेडीयू संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष व जेडीयू नेता उपेन्द्र कुशवाहा (jdu leader upendra kushwaha). अब जेडीयू नेता और बिहार के उद्योग मंत्री समीर कुमार महासेठ (Bihar industry minister samir mahaseth) ने भी शराबबंदी को लेकर सवाल खड़े किए.

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शराबबंदी पर महागठबंधन में ही उठने लगे सवाल : बिहार के उद्योग मंत्री समीर कुमार महासेठ ने शराबबंदी को लेकर सवाल उठाए हैं. एक निजी कार्यक्रम में भाग लेने वैशाली पहुंचे उद्योग मंत्री ने कहा कि शराबबंदी को लेकर हम लोग लोगों की अपेक्षा पर खरे नहीं उतर रहे हैं. उन्होंने कहा कि सरकार चाहती है कि राज्य में पूर्ण शराबबंदी लागू हो, लेकिन शराब माफियाओं का सरकार के सामानंतर कारोबार चल रहा है, इसलिए लोग सोचते हैं कि बिहार में शराबबंदी का असर नहीं है. उन्होंने आगे साफ तौर पर कहा कि ऐसे में यह कहा जा सकता है कि लोगों की जो पूर्ण शराबबंदी कि अपेक्षा है, उसमें हमलोग सफल नहीं है.

"सरकार पूर्ण निष्ठा के साथ चाहती है कि हमारे यहां शराबबंदी रहे लेकिन जो परिस्थितियां होती जा रही हैं कहीं ना कहीं समांतर गवर्नमेंट के शराब का कारोबार चल रहा है. पूर्णता शराबबंदी हो उसमें कहीं ना कहीं हम लोग सफल नहीं हो पा रहे हैं. हम चाहते हैं कि अच्छे से अच्छे बंदी हो लोग शराब न पिए और किसी भी तरीके से बिहार में इन चीजों का कहीं से भी इंट्री ना हो लेकिन जो परिस्थिति है उसमें कहां पर कहां से लेकर आते हैं. लोग समांतर मार्केटिंग कर रहे हैं और समझ में नहीं आ रहा है." - समीर महासेठ, उद्योग मंत्री, बिहार सरकार

कांग्रेस- 'शराबबंदी है, तो ट्रकों का भंडार कहां से मिल रहा' : इधर, कांग्रेस की विधायक प्रतिमा कुमारी ने तो बिहार से शराबबंदी को हटाने तक की मांग कर दी है. उन्होंने कहा कि अगर बिहार में शराबबंदी है तो फिर ट्रकों का भंडार कहां से मिल रहा है, लोग शराब पीकर मर रहे हैं. उन्होंने कहा कि आंख बंद करने से सच्चाई नहीं छिप सकती हैं. प्रतिमा कुमारी ने आगे कहा सरकार को शराबबंदी नीति में बदलाव करना चाहिए.

उपेंद्र कुशवाहा बोले- 'बिहार में शराबबंदी फेल' : दो दिन पहले जेडीयू संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा ने बिहार में शराबबंदी को असफल करार देते हुए कहा था कि सरकार के कह देने मात्र से शराबबंदी सफल नहीं हो जाती है. उन्होंने हालांकि यह भी कहा था कि शराबबंदी लागू कराने के लिए लोगों का समर्थन भी चाहिए.

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''बिहार में शराबबंदी सफल नहीं है. सिर्फ सरकार के कहने से शराबबंदी सफल नहीं हो जाती. शराबबंदी को सफल बनाने के लिए जनता को सहयोग करना होगा. जब तक जनता नहीं चाहेगी तब तक शराबबंदी सफल नहीं होगी. अभी के हालात तो आप जानते ही हैं. हालांकि, शराबबंदी से समाज को बहुत फायदा हुआ है. ये जितना सफल होगी, उतना ही और लोगों को फायदा होगा.'' - उपेंद्र कुशवाहा, जेडीयू संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष

पूर्व CM मांझी ने भी उठाया था सवाल : शराबबंदी को लेकर महागठबंधन में शामिल हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा के प्रमुख और पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी पहले से ही सवाल उठाते रहे हैं. मांझी ने कहा था की बिहार में शराबबंदी कानून का मतलब अमीर लोगों का ऐश और गरीब लोगों का उत्पीड़न है. उन्होंने नीतीश कुमार को सुझाव दिया है कि क्वार्टर शराब का सेवन करने वाले लोगों को गिरफ्तार नहीं करना चाहिए.

''शराबबंदी अच्छी बात है, लेकिन बिहार में समस्या इसके क्रियान्वयन में बहुत गड़बड़ियां हैं, जिसके कारण शराब तस्करों को पकड़ा नहीं जा रहा है. केवल 250 ग्राम शराब का सेवन करने वाले गरीब लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेजा जा रहा है. आज शराब पीने के आरोप में जेल में बंद लगभग 70 फीसदी लोगों ने केवल 250 ग्राम शराब का सेवन किया है, जो कम मात्रा में शराब पीते हुए पकड़े जाते हैं उन्हें गिरफ्तार नहीं किया जाना चाहिए.'' - जीतन राम मांझी, हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा के प्रमुख

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