पटना: पूरे बिहार में कड़ाके की ठंड (Cold Wave In Bihar) पड़ रही है. सुबह से शाम तक लोगों का घरों से बाहर निकलना मुश्किल हो गया है. ऐसे में लोग ठंड से बचने के लिए लकड़ी जलाकर ठंडी (Cold in Bihar) भगाने का प्रयास करते हैं. आग तापने से भले ही आपको ठंड से राहत मिले, लेकिन यह आपके लिए मुसीबत खड़ी कर सकती है. ठंड से बचने और आग जलाने में लापरवाही से कई बार जान भी चली जाती है और बड़ा हादसा हो जाता है. ऐसा ही एक हादसा जमुई में भी हुआ था. जिसमें बिहार के पूर्व मंत्री और जदयू विधायक दामोदर रावत की मां मैना देवी की इलाज के दौरान मौत (JDU MLA Damodar Rawat Mother Died At Patna) हो गई. बताया जाता है कि पिछले दिन उनकी मां अलाव से आग सेंक रही थी. तभी चिंगारी उठने से वह आग की चपेट में आ गईं और इलाज के दौरान उनकी मोत हो गई.
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ठंड कहीं जानलेवा न बन जाए : बिहार में कड़ाके की ठंड पड़ रही है. राजधानी पटना, भागलपुर, पूर्णिया, मुजफ्फरपुर, छपरा, दरभंगा सुपौल फारबिसगंज सबौर और मोतिहारी जिले में भीषण सर्द हवाएं चल रही हैं. ऐसे में ठंड से बचने के लिए गरीब तबके के लोग कमरे में बोरसी में आग जला कर रख रहे हैं. वहीं, जो थोड़े आर्थिक रूप से संपन्न हैं, वह कमरे में हीटर जलाकर रख रहे हैं. लेकिन चिकित्सकों का कहना है कि बंद कमरे में अत्यधिक देर आग जलाकर रखना और हीटर जलाकर रखना जानलेवा हो सकता है. अगर कमरे में आग और हीटर जला रहे हैं तो कमरे के कुछ खिड़की, दरवाजे खुला रखें.
कैसे जाती है जान? : पटना के न्यू गार्डिनर रोड अस्पताल के अधीक्षक डॉ मनोज कुमार सिन्हा ने बताया कि प्रदेश में इन दिनों ठंड काफी पड़ रही है और ठंड से बचाव के लिए लोग अलाव जला रहे हैं. कई लोग कमरे में आग जला कर रख रहे हैं, ऐसे में इन लोगों से अपील करुंगा कि बंद कमरे में आग जलाकर ना रखें. कमरें में यदि आग जला रहे हैं तो थोड़े समय में जैसे ही कमरा गरम होता है, आग को कमरा से निकाल दें. ऐसा इसलिए क्योंकि बंद कमरे में आग अत्यधिक देर जलेगा तो कमरा के एटमॉस्फेयर में कार्बन मोनो ऑक्साइड की मात्रा काफी बढ़ जाएगी और इस वजह से सांस से संबंधित समस्याएं बढ़ जाती हैं.
क्या सावधानी बरतें ? : 'यदि कमरे में आग जलाकर लोग सो जाते हैं तो जब कमरा में कार्बन मोनो ऑक्साइड की मात्रा अत्यधिक बढ़ जाएगी तो नींद की अवस्था में हीं लोग मूर्छित हो जाएंगे और कई बार यही स्थिति जानलेवा भी हो जाती है. यदि समय पर कोई बाहर से कमरे में नहीं आता है और लोगों को नहीं निकालता है तो आदमी की मौत हो जाती है. यही वजह है कि ठंड के दिनों में प्रायः ऐसी खबरें आती हैं कि बंद कमरे में आग जला कर सोए लोग सुबह में उठे ही नहीं. इसलिए सावधानी जरूरी है. कमरे में एक-डेढ़ घंटे से अधिक आग जलाकर नहीं रखें. और जब भी आग जलाए तो कमरा में वेंटिलेशन की व्यवस्था रखें.' - डॉ मनोज कुमार सिन्हा, अस्पताल अधीक्षक, न्यू गार्डिनर रोड अस्पताल
आग जलाने से पहले रहें अलर्ट : डॉ मनोज कुमार सिन्हा ने बताया कि इसी प्रकार ब्लोवर और हीटर बंद कमरे में अधिक देर चलाना भी खतरनाक होता है. कमरा में यदि हीटर और ब्लोवर चलाते हैं तो कमरे में वेंटिलेशन की व्यवस्था रखें. उन्होंने बताया कि हीटर और ब्लोवर के चलने से कमरा के अंदर नमी की मात्रा काफी कम हो जाती है. सही तरीके से सांस लेने के लिए एक निश्चित मात्रा में वातावरण में नमी का होना बेहद जरूरी होता है. ऐसे में जब नमी की मात्रा घटती है तो कमरे के अंदर मौजूद व्यक्ति को खांसी, दम फूलनी, बेचैनी, सांस लेने में परेशानी जैसी समस्याएं होने लगती है.
ठंड लगे तो आग तापिए, लेकिन इन बातों का रखें ध्यान : मनोज कुमार सिन्हा आगे बताते हैं कि इस स्थिति में व्यक्ति अस्थमा का पेशेंट भी बना सकता है. उन्होंने कहा कि कमरे में चाहे आग जलाएं या हीटर या ब्लोवर चलाएं, जब भी इसका उपयोग करें तो कमरा में वेंटिलेशन की व्यवस्था रखें. और जैसे ही थोड़े समय में कमरा गरम होता है तो आग को कमरे से हटा दें. और हीटर और ब्लोवर चला रहे हैं तो इसे बंद कर दें. इसके साथ ही उन्होंने ये भी बताया कि बंद कमरे में शरीर को गर्म रखने के लिए ब्लैंकेट और रजाई का प्रयोग ही सबसे बेहतर है.