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बाढ़ से हुई तबाही को लेकर राज्य ने केंद्र से मांगी मदद, आधे से भी कम मिली राशि - Reduction in aid amount

बाढ़ से हुई तबाही को लेकर राज्य सरकार ने केंद्र से मदद मांगी थी. लेकिन जो मदद राशि केंद्र की ओर से भेजी गयी है, वह आधे से भी कम है. हालांकि ये पहली बार नहीं है कि केंद्र की ओर से कम मदद भेजी गई हो.

Less than half the amount given by the central government
Less than half the amount given by the central government
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Published : Mar 19, 2021, 11:56 AM IST

पटना: बिहार में साल 2020 में बाढ़ से हुई तबाही को लेकर राज्य सरकार ने केंद्र सरकार से सहायता राशि की मांग की थी. हालांकि केंद्र सरकार ने मांग के हिसाब से आधे से भी कम राशि राज्य को दिया है. ये पहली बार नहीं है कि जब केंद्र की ओर से कम राशि भेजी गई हो. इससे पहले भी कई दफा आपदा में केंद्र से मदद मांगे जाने पर कम सहायता राशि भेजी गई है.

Less than half the amount given by the central government
Less than half the amount given by the central government

ये भी पढ़ें- सदन में विपक्ष के सवालों का जवाब नहीं देती सरकार, अधिकारियों की चल रही है मनमानी: सुबोध राय

बता दें कि साल 2020 में बाढ़ से बिहार में हुई तबाही को लेकर केंद्र सरकार से 3328 करोड़ 60 लाख रुपये की सहायता मांगी थी. हालांकि केंद्र सरकार ने बिहार को महज 1255.27 करोड़ रुपये की मदद दी है.

नेशनल डिजास्टर रिलीफ फंड से दी गई राशि

बिहार को दी जाने वाली 1255.27 करोड़ की सहायता नेशनल डिजास्टर रिलीफ फंड से दी गई है. वहीं, इस सहायता राशि का पत्र गृह मंत्रालय की ओर से बिहार सरकार के मुख्य सचिव को भेजा गया था. बाद में मुख्य सचिव ने इस पत्र को आपदा विभाग को दे दिया है.

केंद्रीय टीम आई थी दौरे पर

प्रदेश में पिछले वर्ष बाढ़ से 16 जिले प्रभावित हुए थे. जिसमें 130 प्रखंड 1333 पंचायतों में 8.36 लाख की आबादी बाढ़ से प्रभावित हुई थी. इसमें कुल 27 लोग और 88 पशुओं की मौत हुई थी. वहीं, तबाही के बाद राज्य सरकार की ओर से केंद्र सरकार को भेजे गए मदद प्रस्ताव के बाद केंद्रीय टीम भी बिहार दौरे पर आई थी. केंद्रीय टीम ने गोपालगंज और दरभंगा सहित कई जिलों का दौरा कर बाढ़ के कारण हुए नुकसान का जायजा भी लिया था.

मांगी गई मदद से मिली कम राशि

ऐसा नहीं है कि पहली बार राज्य सरकार की धनराशि की मांग में केंद्र सरकार ने कटौती की है. इससे पहले साल 2008 में राज्य सरकार की ओर से 14,800 करोड़ रुपये की मदद प्रस्ताव भेजा गया था. जिसमें केंद्र सरकार ने 1010 करोड़ रुपये दिये थे. वहीं, 2009 में सूखा को लेकर 14,000 करोड़ का प्रस्ताव भेजा गया था, जिसमें 269 करोड़ ही प्राप्त हुआ था. 2010 में सूखा को लेकर राज्य सरकार की ओर से 6573 करोड़ का प्रस्ताव भेजा गया था, जिसमें 1459 करोड़ ही प्राप्त हुआ था.

साल 2017 में राज्य सरकार ने बाढ़ से हुई तबाही को लेकर 7636 करोड़ रुपये का प्रस्ताव भेजा, जिसमें 1700 करोड़ ही प्राप्त हुआ. साल 2019 में बाढ़ से हुई तबाही को लेकर राज्य सरकार ने 4300 करोड़ की मदद राशि मांगी थी, जिसमें 953.17 करोड़ रुपये ही प्राप्त हुए थे. साथ ही साल 2020 में राज्य सरकार द्वारा 3328 करोड़ का प्रस्ताव भेजा गया था, जिसमें केंद्र सरकार ने 1255 करोड़ की राशि ही भेजी है.

पटना: बिहार में साल 2020 में बाढ़ से हुई तबाही को लेकर राज्य सरकार ने केंद्र सरकार से सहायता राशि की मांग की थी. हालांकि केंद्र सरकार ने मांग के हिसाब से आधे से भी कम राशि राज्य को दिया है. ये पहली बार नहीं है कि जब केंद्र की ओर से कम राशि भेजी गई हो. इससे पहले भी कई दफा आपदा में केंद्र से मदद मांगे जाने पर कम सहायता राशि भेजी गई है.

Less than half the amount given by the central government
Less than half the amount given by the central government

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बता दें कि साल 2020 में बाढ़ से बिहार में हुई तबाही को लेकर केंद्र सरकार से 3328 करोड़ 60 लाख रुपये की सहायता मांगी थी. हालांकि केंद्र सरकार ने बिहार को महज 1255.27 करोड़ रुपये की मदद दी है.

नेशनल डिजास्टर रिलीफ फंड से दी गई राशि

बिहार को दी जाने वाली 1255.27 करोड़ की सहायता नेशनल डिजास्टर रिलीफ फंड से दी गई है. वहीं, इस सहायता राशि का पत्र गृह मंत्रालय की ओर से बिहार सरकार के मुख्य सचिव को भेजा गया था. बाद में मुख्य सचिव ने इस पत्र को आपदा विभाग को दे दिया है.

केंद्रीय टीम आई थी दौरे पर

प्रदेश में पिछले वर्ष बाढ़ से 16 जिले प्रभावित हुए थे. जिसमें 130 प्रखंड 1333 पंचायतों में 8.36 लाख की आबादी बाढ़ से प्रभावित हुई थी. इसमें कुल 27 लोग और 88 पशुओं की मौत हुई थी. वहीं, तबाही के बाद राज्य सरकार की ओर से केंद्र सरकार को भेजे गए मदद प्रस्ताव के बाद केंद्रीय टीम भी बिहार दौरे पर आई थी. केंद्रीय टीम ने गोपालगंज और दरभंगा सहित कई जिलों का दौरा कर बाढ़ के कारण हुए नुकसान का जायजा भी लिया था.

मांगी गई मदद से मिली कम राशि

ऐसा नहीं है कि पहली बार राज्य सरकार की धनराशि की मांग में केंद्र सरकार ने कटौती की है. इससे पहले साल 2008 में राज्य सरकार की ओर से 14,800 करोड़ रुपये की मदद प्रस्ताव भेजा गया था. जिसमें केंद्र सरकार ने 1010 करोड़ रुपये दिये थे. वहीं, 2009 में सूखा को लेकर 14,000 करोड़ का प्रस्ताव भेजा गया था, जिसमें 269 करोड़ ही प्राप्त हुआ था. 2010 में सूखा को लेकर राज्य सरकार की ओर से 6573 करोड़ का प्रस्ताव भेजा गया था, जिसमें 1459 करोड़ ही प्राप्त हुआ था.

साल 2017 में राज्य सरकार ने बाढ़ से हुई तबाही को लेकर 7636 करोड़ रुपये का प्रस्ताव भेजा, जिसमें 1700 करोड़ ही प्राप्त हुआ. साल 2019 में बाढ़ से हुई तबाही को लेकर राज्य सरकार ने 4300 करोड़ की मदद राशि मांगी थी, जिसमें 953.17 करोड़ रुपये ही प्राप्त हुए थे. साथ ही साल 2020 में राज्य सरकार द्वारा 3328 करोड़ का प्रस्ताव भेजा गया था, जिसमें केंद्र सरकार ने 1255 करोड़ की राशि ही भेजी है.

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