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किसानों के समर्थन में एक हुए वामपंथी दल, संयुक्त रूप से 2 दिसंबर को करेंगे राज्यव्यापी प्रदर्शन

सीपीआई के राज्य सचिव रामनरेश पांडे ने कहा कि हम किसानों को बर्बाद नहीं होने देंगे. इसके खिलाफ हम आगामी 2 दिसंबर को प्रतिरोध दिवस के अवसर पर पूरे राज्य में केंद्र सरकार के काले कानून के खिलाफ प्रदर्शन करेंगे.

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Published : Dec 1, 2020, 2:01 PM IST

पटनाः दिल्ली में नए कृषि कानून के विरोध में किसानों का प्रदर्शन जारी है. इसी बीच वामपंथी दल किसानों के समर्थन में आगे आए. राजधानी में सीपीआईएम कार्यालय में सभी वामपंथी दलों ने संयुक्त रूप से एक प्रेस वार्ता की. इसमें सभी वामपंथी दलों के राज्य सचिव मौजूद रहे. वामपंथी दलों ने किसानों पर हुए हमले और सरकार के दमनकारी नीति के खिलाफ 2 दिसंबर को प्रतिरोध दिवस मनाने का ऐलान किया है.

"किसान अपनी वाजिब मांगों को लेकर दिल्ली में प्रदर्शन करने के लिए पहुंच रहे थे, लेकिन जिस तरीके से सरकार ने उन्हें रोका, उनपर लाठीचार्ज किया गया, आंसू गैस के गोले दागे वह काफी निंदनीय है. इस घटना की हम कड़ी निंदा करते हैं. केंद्र सरकार कृषि क्षेत्र को भी पूंजीपतियों के हाथ में सौंप कर किसानों को बर्बाद करना चाहती है."- रामनरेश पांडे, राज्य सचिव, सीपीआई

एक हुए वामपंथी दल

वामपंथी दल करेंगे प्रदर्शन
सीपीआई के राज्य सचिव रामनरेश पांडे ने कहा कि हम किसानों को बर्बाद नहीं होने देंगे. इसके खिलाफ हम आगामी 2 दिसंबर को प्रतिरोध दिवस के अवसर पर पूरे राज्य में केंद्र सरकार के काले कानून के खिलाफ प्रदर्शन करेंगे. उन्होंने बताया कि इस राज्यव्यापी प्रतिरोध में सीपीआई, सीपीआईएम, भाकपा माले, सहित बिहार के कई किसान संगठन भी शामिल होंगे.

कृषि कानून वापस लेने की मांग
रामनरेश पांडे ने कहा कि हमारी सरकार से मांग है कि सरकार अपने तीन कृषि विरोधी काले कानून को वापस ले. साथ ही बिहार में न्यूनतम समर्थन मूल्य की गारंटी भी दे. बता दें कि विपक्षी दल लगातार सरकार से नए कृषि कानून को वापस लेने की मांग कर रहे हैं.

पटनाः दिल्ली में नए कृषि कानून के विरोध में किसानों का प्रदर्शन जारी है. इसी बीच वामपंथी दल किसानों के समर्थन में आगे आए. राजधानी में सीपीआईएम कार्यालय में सभी वामपंथी दलों ने संयुक्त रूप से एक प्रेस वार्ता की. इसमें सभी वामपंथी दलों के राज्य सचिव मौजूद रहे. वामपंथी दलों ने किसानों पर हुए हमले और सरकार के दमनकारी नीति के खिलाफ 2 दिसंबर को प्रतिरोध दिवस मनाने का ऐलान किया है.

"किसान अपनी वाजिब मांगों को लेकर दिल्ली में प्रदर्शन करने के लिए पहुंच रहे थे, लेकिन जिस तरीके से सरकार ने उन्हें रोका, उनपर लाठीचार्ज किया गया, आंसू गैस के गोले दागे वह काफी निंदनीय है. इस घटना की हम कड़ी निंदा करते हैं. केंद्र सरकार कृषि क्षेत्र को भी पूंजीपतियों के हाथ में सौंप कर किसानों को बर्बाद करना चाहती है."- रामनरेश पांडे, राज्य सचिव, सीपीआई

एक हुए वामपंथी दल

वामपंथी दल करेंगे प्रदर्शन
सीपीआई के राज्य सचिव रामनरेश पांडे ने कहा कि हम किसानों को बर्बाद नहीं होने देंगे. इसके खिलाफ हम आगामी 2 दिसंबर को प्रतिरोध दिवस के अवसर पर पूरे राज्य में केंद्र सरकार के काले कानून के खिलाफ प्रदर्शन करेंगे. उन्होंने बताया कि इस राज्यव्यापी प्रतिरोध में सीपीआई, सीपीआईएम, भाकपा माले, सहित बिहार के कई किसान संगठन भी शामिल होंगे.

कृषि कानून वापस लेने की मांग
रामनरेश पांडे ने कहा कि हमारी सरकार से मांग है कि सरकार अपने तीन कृषि विरोधी काले कानून को वापस ले. साथ ही बिहार में न्यूनतम समर्थन मूल्य की गारंटी भी दे. बता दें कि विपक्षी दल लगातार सरकार से नए कृषि कानून को वापस लेने की मांग कर रहे हैं.

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