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किसानों की समस्या को लेकर वामदलों का प्रदर्शन, कहा- कृषि कानून के खिलाफ प्रस्ताव पारित करे सरकार

भाकपा माले विधायक संदीप सौरभ ने कहा कि केंद्र और बिहार की सरकार किसान विरोधी काम कर रही है. किसानों के हित की चिंता किसी को नहीं .है बिहार सरकार तत्काल तीनों किसान कानून के खिलाफ प्रस्ताव पारित कर केंद्र को भेजें.

bihar assembly
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Published : Mar 18, 2021, 1:03 PM IST

पटनाः बिहार विधानसभा की कार्यवाही चल रही है. विपक्षी पार्टियां लगातार कई मुद्दों को लेकर प्रदर्शन कर रही है. इसी क्रम में वामदलों ने सदन के बाहर जमकर प्रदर्शन किया. वामदलों ने किसानों की समस्या को लेकर प्रदर्शन किया. साथ ही उन्होंने सरकार से इसके निदान की मांग की.

किसान कानून को लेकर नाराजगी
वाम दल ने खाद्य पदार्थों से ही इथेनॉल बनाए जाने को लेकर प्रदर्शन किया. साथ ही पार्टी नेताओं ने किसान बिल को लेकर भी नाराजगी जाहिर की और बिहार सरकार से कानून के खिलाफ प्रस्ताव पारित करने की मांग की.

"देश के अंदर आज तक का सबसे लंबे समय तक चलने वाला किसान आंदोलन चल रहा है. इसे लेकर हमारी मांग है कि राज्य सरकार किसान कानून के खिलाफ प्रस्ताव पारित करके केंद्र सरकार को भेजे. साथ ही सरकार रोजगार के नाम पर तमाशा कर रही है. खाद्य पदार्थों से इथेनॉल बनाए जाने का हम विरोध कर रहे हैं."- संदीप सौरभ, विधायक, भाकपा माले

वामदलों का प्रदर्शन
किसान कानून रद्द करने की मांगभाकपा माले विधायक संदीप सौरभ ने कहा कि केंद्र और बिहार की सरकार किसान विरोधी काम कर रही है. किसानों के हित की चिंता किसी को नहीं है. बिहार सरकार तत्काल तीनों किसान कानून के खिलाफ प्रस्ताव पारित कर केंद्र को भेजें. साथ ही सरकार बिहार में एपीएमसी वापस लाए. उन्होंने कहा कि बिहार के किसान जिनके पास 5 एकड़ जमीन है, वे खाने के लिए भी सोच रहे हैं. वहीं पंजाब के उतनी ही जमीन वाले किसान अपने बच्चों को पढ़ने के लिए विदेश भेजते थे. सरकार बाजार समीति को वापस लाए.

ये भी पढ़ेः BSEB ने जारी की डीएलएड विशेष परीक्षा 2020 की डेट शीट

'खाद्य पदार्थों से इथेनॉल बनाने का फैसला गलत'
विधायक संदीप सौरभ ने कहा कि सरकार रोजगार के नाम पर खाद्य पदार्थों से इथेनॉल बनाने की बात कह रही है. भारत भूखमरी वाले देशों में शामिल है. ऐसे में यहां मौजूद चावल, गेहूं, जौ, बाजरा, मक्का और ईंख से इथेनॉल बनाने का फैसला गलत है, जहां खाने के लिए लोगों को समस्या है, वहां खाद्य पदार्थों से पेट्रोल और शराब बनाना सही नहीं है. हम अपनी सभी मांगों को सदन में रखेंगे.

पटनाः बिहार विधानसभा की कार्यवाही चल रही है. विपक्षी पार्टियां लगातार कई मुद्दों को लेकर प्रदर्शन कर रही है. इसी क्रम में वामदलों ने सदन के बाहर जमकर प्रदर्शन किया. वामदलों ने किसानों की समस्या को लेकर प्रदर्शन किया. साथ ही उन्होंने सरकार से इसके निदान की मांग की.

किसान कानून को लेकर नाराजगी
वाम दल ने खाद्य पदार्थों से ही इथेनॉल बनाए जाने को लेकर प्रदर्शन किया. साथ ही पार्टी नेताओं ने किसान बिल को लेकर भी नाराजगी जाहिर की और बिहार सरकार से कानून के खिलाफ प्रस्ताव पारित करने की मांग की.

"देश के अंदर आज तक का सबसे लंबे समय तक चलने वाला किसान आंदोलन चल रहा है. इसे लेकर हमारी मांग है कि राज्य सरकार किसान कानून के खिलाफ प्रस्ताव पारित करके केंद्र सरकार को भेजे. साथ ही सरकार रोजगार के नाम पर तमाशा कर रही है. खाद्य पदार्थों से इथेनॉल बनाए जाने का हम विरोध कर रहे हैं."- संदीप सौरभ, विधायक, भाकपा माले

वामदलों का प्रदर्शन
किसान कानून रद्द करने की मांगभाकपा माले विधायक संदीप सौरभ ने कहा कि केंद्र और बिहार की सरकार किसान विरोधी काम कर रही है. किसानों के हित की चिंता किसी को नहीं है. बिहार सरकार तत्काल तीनों किसान कानून के खिलाफ प्रस्ताव पारित कर केंद्र को भेजें. साथ ही सरकार बिहार में एपीएमसी वापस लाए. उन्होंने कहा कि बिहार के किसान जिनके पास 5 एकड़ जमीन है, वे खाने के लिए भी सोच रहे हैं. वहीं पंजाब के उतनी ही जमीन वाले किसान अपने बच्चों को पढ़ने के लिए विदेश भेजते थे. सरकार बाजार समीति को वापस लाए.

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'खाद्य पदार्थों से इथेनॉल बनाने का फैसला गलत'
विधायक संदीप सौरभ ने कहा कि सरकार रोजगार के नाम पर खाद्य पदार्थों से इथेनॉल बनाने की बात कह रही है. भारत भूखमरी वाले देशों में शामिल है. ऐसे में यहां मौजूद चावल, गेहूं, जौ, बाजरा, मक्का और ईंख से इथेनॉल बनाने का फैसला गलत है, जहां खाने के लिए लोगों को समस्या है, वहां खाद्य पदार्थों से पेट्रोल और शराब बनाना सही नहीं है. हम अपनी सभी मांगों को सदन में रखेंगे.

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