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Bihar Politics: विपक्षी एकता की ड्राइविंग सीट पर आने की वामदलों की तैयारी, महागठबंधन में चल रही जद्दोजहद

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Published : Feb 11, 2023, 8:26 PM IST

Updated : Feb 11, 2023, 11:08 PM IST

बिहार से विपक्षी एकता की कवायद शुरू हुई थी. लालू प्रसाद यादव और नीतीश कुमार ने भाजपा विरोधी एकता को धार देने के लिए कदमताल किया था. राजद और जदयू के नेतृत्व में जहां विपक्षी एकता को लेकर सीमांचल से मिशन 2024 का आगाज हो रहा है. वहीं वाम दलों ने भी विपक्ष को एकजुट कर ड्राइविंग सीट पर आने की तैयारी (Left parties preparing for opposition unity ) में है. पढ़ें पूरी खबर..

बीजेपी के खिलाफ विपक्ष की तैयारी
बीजेपी के खिलाफ विपक्ष की तैयारी
बीजेपी के खिलाफ विपक्ष की तैयारी

पटना: बिहार में सियासी लामबंदी शुरू हो चुकी है. जोड़-तोड़ और जनता को रिझाने के लिए रैलियों और सभाओं का दौर अभी से ही शुरू (Preparation of opposition against BJP ) हो गया है. राजनीतिक दलों ने मिशन 2024 को लेकर तैयारियां शुरू कर दी हैं. भाजपा को चुनौती देने के लिए राजद और जदयू के नेतृत्व में सीमांचल से विपक्षी एकजुटता की कवायद हो रही है. वहीं वामदल भी विपक्षी एकता को धार देने की तैयारी में है. सीमांचल में जहां बिहार के राजनीतिक दलों को आमंत्रित किया गया है. वहीं भाकपा माले ने कन्वेंशन का स्वरूप थोड़ा व्यापक कर दिया गया है. इसमें देशभर से विभिन्न विपक्षी दलों के नेताओं को आमंत्रित किया गया है.

ये भी पढ़ेंः Bihar Politics: बिहार की राजनीति का एपिक सेंटर बना 'सीमांचल', तीसरे मोर्चे पर सबकी नजर

नीतीश कुमार के नेतृत्व में महागठबंधन की तैयारीः राष्ट्रीय जनता दल नीतीश कुमार के नेतृत्व में विपक्षी एकता को धार देना चाहती है. इसलिए विपक्षी एकता को लेकर महागठबंधन ने 25 फरवरी को पूर्णिया में बड़ी रैली का आयोजन किया है. रैली में बिहार के अंदर महागठबंधन में शामिल तमाम घटक दलों को आमंत्रित किया गया है. दूसरे ओर भाकपा माले के नेतृत्व में आयोजित कन्वेंशन तमाम वाम दलों के नेताओं के अलावा झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, अखिलेश यादव समेत कई बड़े नेताओं को आमंत्रित किया जा रहा है.

विपक्षी एकता की ड्राइविंग सीट पर आने की तैयारी में वामदलः देश के अंदर तीन मोर्चों पर विपक्षी एकता की कवायद चल रही है. पहले मोर्चे पर नीतीश कुमार और लालू प्रसाद यादव अग्रणी भूमिका में हैं. वहीं केसीआर भी ममता बनर्जी, अरविंद केजरीवाल और अखिलेश यादव के सहयोग से एक खेमा बनाने की तैयारी में हैं. इसमें वामदल भी पीछे नहीं है और भाकपा माले की कोशिश विपक्षी एकता के मामले में ड्राइविंग सीट पर आने की है. कन्वेंशन में तमाम भाजपा विरोधी नेता हुंकार भरेंगे.

सीपीआई-एमएल देगी भाजपा को चुनौतीः भाकपा माले पोलितब्यूरो के सदस्य धीरेंद्र झा का कहना है कि भाजपा को चुनौती देने के लिए वामदल भी अग्रणी भूमिका निभाने को तैयार है. हमारी कोशिश है कि केंद्र में नरेंद्र मोदी सरकार के खिलाफ मजबूत गठबंधन बने. धीरेंद्र झा ने कहा कि केंद्र की सरकार सभी मोर्चों पर विफल साबित हुई है और हमारी कोशिश भाजपा सरकार को उखाड़ फेंकने की है. हम तमाम दलों को अपने साथ लाने की कोशिश में है.

"भाजपा को चुनौती देने के लिए वामदल भी अग्रणी भूमिका निभाने को तैयार है. हमारी कोशिश है कि केंद्र में नरेंद्र मोदी सरकार के खिलाफ मजबूत गठबंधन बने. केंद्र की सरकार सभी मोर्चों पर विफल साबित हुई है और हमारी कोशिश भाजपा सरकार को उखाड़ फेंकने की है. हम तमाम दलों को अपने साथ लाने की कोशिश में है" - धीरेंद्र झा, पोलित ब्यूरो सदस्य, सीपीआई एमएल

वाददलों का कार्यक्रम का मतलब महागठबंधन में अंतर्विरोध नहींः राजद प्रवक्ता एजाज अहमद ने कहा है कि सभी दलों को कार्यक्रम करने का अधिकार है. विपक्षी एकता को लेकर नीतीश कुमार के नेतृत्व में हम पूर्णिया में रैली कर रहे हैं. केंद्र सरकार के विरोध लालू प्रसाद यादव ने जो गठबंधन बनाने की कोशिश की थी. उसी के तहत पूर्णिया में महागठबंधन के घटक दलों की रैली है. रैली के जरिए हम तमाम भाजपा विरोधी दलों को एक साथ लाने की कोशिश करेंगे. जहां तक वामदलों का सवाल है तो वामदल भी विपक्ष को एकजुट करने की कोशिश कर रही है. इसे महागठबंधन में अंतर्विरोध के रूप में नहीं देखा जा सकता.

"सभी दलों को कार्यक्रम करने का अधिकार है. रैली के जरिए हम तमाम भाजपा विरोधी दलों को एक साथ लाने की कोशिश करेंगे. जहां तक वामदलों का सवाल है तो वामदल भी विपक्ष को एकजुट करने की कोशिश कर रही है. इसे महागठबंधन में अंतर्विरोध के रूप में नहीं देखा जा सकता" - एजाज अहमद, प्रवक्ता, राजद

वामदल कर रही अवसरवादी सियासतः इधर भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल ने कहा है कि वामदल भी अवसरवादी सियासत कर रहे हैं. जनहित के सवालों को वाम दलों ने तिलांजलि दे दी है और सरकार को समर्थन कर रहे हैं. नरेंद्र मोदी के खिलाफ कोई गठबंधन आकार नहीं ले सकता. भाकपा माले की रैली जदयू राजद और वाम दलों के बीच नूरा कुश्ती है. वहीं राजनीतिक विश्लेषक डॉ संजय कुमार का मानना है कि भाजपा के विरोध में विपक्ष की एकता टेढ़ी खीर है. महागठबंधन में ही विपक्षी एकता को लेकर दो फ्रंट है. एक का नेतृत्व नीतीश कुमार कर रहे हैं तो दूसरे फ्रंट का निर्माण भाकपा माले के नेतृत्व में हो रहा है. वामदलों की कोशिश है कि राष्ट्रीय स्तर के नेताओं को जुटाकर बिहार और देश के अंदर बड़ी ताकत के रूप में उभरे.

"वामदल भी अवसरवादी सियासत कर रहे हैं. जनहित के सवालों को वाम दलों ने तिलांजलि दे दी है और सरकार को समर्थन कर रहे हैं. नरेंद्र मोदी के खिलाफ कोई गठबंधन आकार नहीं ले सकता. भाकपा माले की रैली जदयू राजद और वाम दलों के बीच नूरा कुश्ती है" - संजय जायसवाल, प्रदेश अध्यक्ष, बीजेपी

बीजेपी के खिलाफ विपक्ष की तैयारी

पटना: बिहार में सियासी लामबंदी शुरू हो चुकी है. जोड़-तोड़ और जनता को रिझाने के लिए रैलियों और सभाओं का दौर अभी से ही शुरू (Preparation of opposition against BJP ) हो गया है. राजनीतिक दलों ने मिशन 2024 को लेकर तैयारियां शुरू कर दी हैं. भाजपा को चुनौती देने के लिए राजद और जदयू के नेतृत्व में सीमांचल से विपक्षी एकजुटता की कवायद हो रही है. वहीं वामदल भी विपक्षी एकता को धार देने की तैयारी में है. सीमांचल में जहां बिहार के राजनीतिक दलों को आमंत्रित किया गया है. वहीं भाकपा माले ने कन्वेंशन का स्वरूप थोड़ा व्यापक कर दिया गया है. इसमें देशभर से विभिन्न विपक्षी दलों के नेताओं को आमंत्रित किया गया है.

ये भी पढ़ेंः Bihar Politics: बिहार की राजनीति का एपिक सेंटर बना 'सीमांचल', तीसरे मोर्चे पर सबकी नजर

नीतीश कुमार के नेतृत्व में महागठबंधन की तैयारीः राष्ट्रीय जनता दल नीतीश कुमार के नेतृत्व में विपक्षी एकता को धार देना चाहती है. इसलिए विपक्षी एकता को लेकर महागठबंधन ने 25 फरवरी को पूर्णिया में बड़ी रैली का आयोजन किया है. रैली में बिहार के अंदर महागठबंधन में शामिल तमाम घटक दलों को आमंत्रित किया गया है. दूसरे ओर भाकपा माले के नेतृत्व में आयोजित कन्वेंशन तमाम वाम दलों के नेताओं के अलावा झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, अखिलेश यादव समेत कई बड़े नेताओं को आमंत्रित किया जा रहा है.

विपक्षी एकता की ड्राइविंग सीट पर आने की तैयारी में वामदलः देश के अंदर तीन मोर्चों पर विपक्षी एकता की कवायद चल रही है. पहले मोर्चे पर नीतीश कुमार और लालू प्रसाद यादव अग्रणी भूमिका में हैं. वहीं केसीआर भी ममता बनर्जी, अरविंद केजरीवाल और अखिलेश यादव के सहयोग से एक खेमा बनाने की तैयारी में हैं. इसमें वामदल भी पीछे नहीं है और भाकपा माले की कोशिश विपक्षी एकता के मामले में ड्राइविंग सीट पर आने की है. कन्वेंशन में तमाम भाजपा विरोधी नेता हुंकार भरेंगे.

सीपीआई-एमएल देगी भाजपा को चुनौतीः भाकपा माले पोलितब्यूरो के सदस्य धीरेंद्र झा का कहना है कि भाजपा को चुनौती देने के लिए वामदल भी अग्रणी भूमिका निभाने को तैयार है. हमारी कोशिश है कि केंद्र में नरेंद्र मोदी सरकार के खिलाफ मजबूत गठबंधन बने. धीरेंद्र झा ने कहा कि केंद्र की सरकार सभी मोर्चों पर विफल साबित हुई है और हमारी कोशिश भाजपा सरकार को उखाड़ फेंकने की है. हम तमाम दलों को अपने साथ लाने की कोशिश में है.

"भाजपा को चुनौती देने के लिए वामदल भी अग्रणी भूमिका निभाने को तैयार है. हमारी कोशिश है कि केंद्र में नरेंद्र मोदी सरकार के खिलाफ मजबूत गठबंधन बने. केंद्र की सरकार सभी मोर्चों पर विफल साबित हुई है और हमारी कोशिश भाजपा सरकार को उखाड़ फेंकने की है. हम तमाम दलों को अपने साथ लाने की कोशिश में है" - धीरेंद्र झा, पोलित ब्यूरो सदस्य, सीपीआई एमएल

वाददलों का कार्यक्रम का मतलब महागठबंधन में अंतर्विरोध नहींः राजद प्रवक्ता एजाज अहमद ने कहा है कि सभी दलों को कार्यक्रम करने का अधिकार है. विपक्षी एकता को लेकर नीतीश कुमार के नेतृत्व में हम पूर्णिया में रैली कर रहे हैं. केंद्र सरकार के विरोध लालू प्रसाद यादव ने जो गठबंधन बनाने की कोशिश की थी. उसी के तहत पूर्णिया में महागठबंधन के घटक दलों की रैली है. रैली के जरिए हम तमाम भाजपा विरोधी दलों को एक साथ लाने की कोशिश करेंगे. जहां तक वामदलों का सवाल है तो वामदल भी विपक्ष को एकजुट करने की कोशिश कर रही है. इसे महागठबंधन में अंतर्विरोध के रूप में नहीं देखा जा सकता.

"सभी दलों को कार्यक्रम करने का अधिकार है. रैली के जरिए हम तमाम भाजपा विरोधी दलों को एक साथ लाने की कोशिश करेंगे. जहां तक वामदलों का सवाल है तो वामदल भी विपक्ष को एकजुट करने की कोशिश कर रही है. इसे महागठबंधन में अंतर्विरोध के रूप में नहीं देखा जा सकता" - एजाज अहमद, प्रवक्ता, राजद

वामदल कर रही अवसरवादी सियासतः इधर भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल ने कहा है कि वामदल भी अवसरवादी सियासत कर रहे हैं. जनहित के सवालों को वाम दलों ने तिलांजलि दे दी है और सरकार को समर्थन कर रहे हैं. नरेंद्र मोदी के खिलाफ कोई गठबंधन आकार नहीं ले सकता. भाकपा माले की रैली जदयू राजद और वाम दलों के बीच नूरा कुश्ती है. वहीं राजनीतिक विश्लेषक डॉ संजय कुमार का मानना है कि भाजपा के विरोध में विपक्ष की एकता टेढ़ी खीर है. महागठबंधन में ही विपक्षी एकता को लेकर दो फ्रंट है. एक का नेतृत्व नीतीश कुमार कर रहे हैं तो दूसरे फ्रंट का निर्माण भाकपा माले के नेतृत्व में हो रहा है. वामदलों की कोशिश है कि राष्ट्रीय स्तर के नेताओं को जुटाकर बिहार और देश के अंदर बड़ी ताकत के रूप में उभरे.

"वामदल भी अवसरवादी सियासत कर रहे हैं. जनहित के सवालों को वाम दलों ने तिलांजलि दे दी है और सरकार को समर्थन कर रहे हैं. नरेंद्र मोदी के खिलाफ कोई गठबंधन आकार नहीं ले सकता. भाकपा माले की रैली जदयू राजद और वाम दलों के बीच नूरा कुश्ती है" - संजय जायसवाल, प्रदेश अध्यक्ष, बीजेपी

Last Updated : Feb 11, 2023, 11:08 PM IST
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