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कॉलेज ऑफ कॉमर्स में बिहार की चुनौतियों पर व्याख्यान, बोले वर्गीज जॉर्ज- 'बिहार कई मायनों में बेहद संपन्न'

पटना के कॉलेज ऑफ कॉमर्स में एक व्याख्यान आयोजित किया गया. जिसका विषय था स्वास्थ्य एवं शिक्षा के क्षेत्र में बिहार की चुनौतियों और इसके लिए आगे का रास्ता क्या है. कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के तौर पर द हिंदू के रेजिडेंट एडिटर वर्गीज जॉर्ज शामिल हुए. इस कार्यक्रम में अर्थशास्त्र विभाग की विभागाध्यक्ष प्रोफेसर डॉ रश्मि अखौरी भी वक्ताओं में शामिल रहीं. पढ़ें पूरी खबर..

कॉलेज ऑफ कॉमर्स में व्याख्यान कार्यक्रम का आयोजन
कॉलेज ऑफ कॉमर्स में व्याख्यान कार्यक्रम का आयोजन
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Published : Oct 15, 2022, 11:07 PM IST

पटना: राजधानी पटना में शनिवार को पटना के कॉलेज ऑफ कॉमर्स, आर्ट्स एंड साइंसइज के सभागार में (Lecture Was Organized In Patna College of Commerce)स्वास्थ्य एवं शिक्षा के क्षेत्र में बिहार की चुनौतियों और इसके लिए आगे का रास्ता क्या है. इस विषय पर व्याख्यान कार्यक्रम का आयोजन किया गया. व्याख्यान श्रृंखला केके सिन्हा फाउंडेशन की ओर से आयोजित किया गया. जो एक सामाजिक संस्था है और प्रदेश में शिक्षा स्वास्थ्य और ग्रामीण विकास की भूमिका को बढ़ावा देने के लिए समर्पित है. कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के तौर पर द हिंदू के रेजिडेंट एडिटर वर्गीज जॉर्ज (Varghese George Resident Editor Of The Hindu) शामिल हुए. इस कार्यक्रम में अर्थशास्त्र विभाग की विभागाध्यक्ष प्रोफेसर डॉ रश्मि अखौरी भी वक्ताओं में शामिल रहीं.

ये भी पढ़ें- LNMU में राष्ट्रीय संगोष्ठी का हुआ आयोजन, मशहूर गायिका पद्मश्री शारदा सिन्हा ने दिया व्याख्यान

पटना के कॉलेज ऑफ कॉमर्स में व्याख्यान कार्यक्रम का आयोजन : कार्यक्रम को संबोधित करते हुए वर्गीज जॉर्ज ने कहा कि बिहार प्रदेश शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में गंभीर चुनौतियों का सामना कर रहा है. लेकिन यह चुनौतियां बिहार को अच्छे अवसर भी प्रदान कर सकती है. आगे कहा कि इसके लिए जरूरी है कि कुशल कार्य बल का विस्तार किया जाए जो सामाजिक और आर्थिक विकास की गति को और मजबूत करेगा. डॉ वर्गीज ने कहा कि बिहार में विनिर्माण क्षेत्र के विकास की संभावना कम है और सामाजिक कला और राजनीतिक उथल-पुथल के जोखिमों से भरा हुआ यह प्रदेश है. लेकिन इसके पास दो संसाधन काफी मात्रा में उपलब्ध है और वह है पानी और लोग.

'बिहार राज्य कई मायनों में बेहद संपन्न है. जल एक मूल्यवान संसाधन है और इसे अगर मूल्यवान संसाधन माने तो पंजाब और हरियाणा में जल की कमी से कृषि संकट का सामना करना पड़ता है. बिहार के पास प्रचुर मात्रा में जल उपलब्ध है और बिहार अपने प्रचुर जल को आर्थिक अवसर में बदले तो राज्य का कायापलट हो जाएगा. इसके साथ ही बिहार के पास लोगों की संख्या काफी अधिक है. जो एक बड़ी संपत्ति है और इसे अगर रोजगार से जोड़ा जाए. इन्हें स्वस्थ शिक्षित और कुशल बनाया जाए तो प्रदेश का काफी विकास होगा.' - वर्गीज जॉर्ज, हिंदू के रेजिडेंट एडिटर

'बिहार की चुनौतियों और इसके लिए आगे का रास्ता क्या है' : उन्होंने कहा कि बिहार के लोगों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा, कौशल शिक्षा और स्वास्थ्य के बेहतरीन अवसर उपलब्ध कराकर बिहार की बढ़ती जनसंख्या को एक वरदान बनाया जा सकता है. जिसे अभिशाप समझा जा रहा है. उन्होंने कहा कि यह सुनिश्चित करने का एकमात्र तरीका है कि बिहार के लोगों को उत्पादक संपत्ति के तौर पर तैयार किया जाए और सरकार स्वास्थ्य और शिक्षा पर एक मिशन मोड दृष्टिकोण रखे. अगर सरकार प्रचुर मात्रा में उपलब्ध जल और लोगों की संख्या का सदुपयोग करें तो प्रदेश को आर्थिक गतिशीलता दी जा सकती है. प्रदेश आने वाले समय में एक विकसित प्रदेश बन सकता है. जो भारत के विकास में मददगार होगा.

पटना: राजधानी पटना में शनिवार को पटना के कॉलेज ऑफ कॉमर्स, आर्ट्स एंड साइंसइज के सभागार में (Lecture Was Organized In Patna College of Commerce)स्वास्थ्य एवं शिक्षा के क्षेत्र में बिहार की चुनौतियों और इसके लिए आगे का रास्ता क्या है. इस विषय पर व्याख्यान कार्यक्रम का आयोजन किया गया. व्याख्यान श्रृंखला केके सिन्हा फाउंडेशन की ओर से आयोजित किया गया. जो एक सामाजिक संस्था है और प्रदेश में शिक्षा स्वास्थ्य और ग्रामीण विकास की भूमिका को बढ़ावा देने के लिए समर्पित है. कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के तौर पर द हिंदू के रेजिडेंट एडिटर वर्गीज जॉर्ज (Varghese George Resident Editor Of The Hindu) शामिल हुए. इस कार्यक्रम में अर्थशास्त्र विभाग की विभागाध्यक्ष प्रोफेसर डॉ रश्मि अखौरी भी वक्ताओं में शामिल रहीं.

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पटना के कॉलेज ऑफ कॉमर्स में व्याख्यान कार्यक्रम का आयोजन : कार्यक्रम को संबोधित करते हुए वर्गीज जॉर्ज ने कहा कि बिहार प्रदेश शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में गंभीर चुनौतियों का सामना कर रहा है. लेकिन यह चुनौतियां बिहार को अच्छे अवसर भी प्रदान कर सकती है. आगे कहा कि इसके लिए जरूरी है कि कुशल कार्य बल का विस्तार किया जाए जो सामाजिक और आर्थिक विकास की गति को और मजबूत करेगा. डॉ वर्गीज ने कहा कि बिहार में विनिर्माण क्षेत्र के विकास की संभावना कम है और सामाजिक कला और राजनीतिक उथल-पुथल के जोखिमों से भरा हुआ यह प्रदेश है. लेकिन इसके पास दो संसाधन काफी मात्रा में उपलब्ध है और वह है पानी और लोग.

'बिहार राज्य कई मायनों में बेहद संपन्न है. जल एक मूल्यवान संसाधन है और इसे अगर मूल्यवान संसाधन माने तो पंजाब और हरियाणा में जल की कमी से कृषि संकट का सामना करना पड़ता है. बिहार के पास प्रचुर मात्रा में जल उपलब्ध है और बिहार अपने प्रचुर जल को आर्थिक अवसर में बदले तो राज्य का कायापलट हो जाएगा. इसके साथ ही बिहार के पास लोगों की संख्या काफी अधिक है. जो एक बड़ी संपत्ति है और इसे अगर रोजगार से जोड़ा जाए. इन्हें स्वस्थ शिक्षित और कुशल बनाया जाए तो प्रदेश का काफी विकास होगा.' - वर्गीज जॉर्ज, हिंदू के रेजिडेंट एडिटर

'बिहार की चुनौतियों और इसके लिए आगे का रास्ता क्या है' : उन्होंने कहा कि बिहार के लोगों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा, कौशल शिक्षा और स्वास्थ्य के बेहतरीन अवसर उपलब्ध कराकर बिहार की बढ़ती जनसंख्या को एक वरदान बनाया जा सकता है. जिसे अभिशाप समझा जा रहा है. उन्होंने कहा कि यह सुनिश्चित करने का एकमात्र तरीका है कि बिहार के लोगों को उत्पादक संपत्ति के तौर पर तैयार किया जाए और सरकार स्वास्थ्य और शिक्षा पर एक मिशन मोड दृष्टिकोण रखे. अगर सरकार प्रचुर मात्रा में उपलब्ध जल और लोगों की संख्या का सदुपयोग करें तो प्रदेश को आर्थिक गतिशीलता दी जा सकती है. प्रदेश आने वाले समय में एक विकसित प्रदेश बन सकता है. जो भारत के विकास में मददगार होगा.

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