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मानसून सत्र में 'बहुत' काम हुआ... सियासत भी जमकर हुई, इस कारण किया जाएगा याद - तेजस्वी यादव

बिहार विधानमंडल का मानसून सत्र समाप्त हो गया है. पांच दिवसीय सत्र में सरकार ने 7 विधेयक और अनुपूरक बजट पास कराया है. इनमें से 3 नए विश्वविद्यालय से संबंधित विधेयक था, जिसके लिए इस सत्र को याद किया जाएगा. पढ़ें पूरी खबर...

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Published : Jul 30, 2021, 6:41 PM IST

पटना: बिहार विधानसभा का मानसून सत्र ( Monsoon session ) कई मायनों में अलग रहा. पांच दिवसीय छोटे से सत्र में सरकार ने 7 विधेयक और अनुपूरक बजट पास कराया, जिसमें 3 नए विश्वविद्यालय से संबंधित विधेयक था और पहली बार चांसलर मुख्यमंत्री ( CM Nitish Kumar ) को बनाया गया है. इसको लेकर विपक्ष सरकार पर निशाना भी साधा.

वहीं, छोटे से सत्र में 822 प्रश्न पूछे गए, जिसमें से अधिकांश के उत्तर हुए. बजट सत्र में मारपीट की घटना का असर तो दिखा लेकिन उसका असर सदन की कार्यवाही पर नहीं पड़ा. विपक्ष के दबाव में विशेष चर्चा जरूर करानी पड़ी.

देखें वीडियो

ये भी पढ़ें- बिहार विधान परिषद के 198वें सत्र का समापन, बोले कार्यकारी सभापति- 5 दिन में कई जनसमस्याओं का हुआ समाधान

बिहार विधानसभा का मानसून सत्र 5 दिनों तक चला. पहले दिन तो केवल सरकारी कामकाज निपटाए गए लेकिन दूसरे दिन से प्रश्नकाल भी चला और मजबूत विपक्ष के बावजूद सदन की कार्यवाही पर सत्ता पक्ष का ही दबदबा दिखा. सरकार ने आसानी से सात विधेयक और अनुपूरक बजट पास करा लिया. पहली बार किसी विश्वविद्यालय का चांसलर मुख्यमंत्री को बनाए जाने पर विपक्ष ने सरकार पर जमकर निशाना साधा.

'इस बार बहुत विधेयक पास हुआ. पहली बार विश्वविद्यालय का चांसलर मुख्यमंत्री बने हैं. बहुमत के बल पर विधेयकों को सदन से पास कराया गया.'- ललित यादव, आरजेडी विधायक

वहीं, बिहार के उपमुख्यमंत्री तार किशोर प्रसाद ने कहा कि सरकार ने छोटे से सत्र में सभी सवाल का उत्तर दिया है और बेहतर ढंग से सदन को संचालित करने की कोशिश भी की है. सत्र का अंतिम दिन बेहतर ढंग से समापन हुआ है.

ये भी पढ़ें- कोरोना काल में 693 शिक्षकों की हुई मौत, बोले बिहार के शिक्षा मंत्री- 'किस वजह से हुई... जानकारी नहीं'

बता दें कि मानसून सत्र के दौरान 7 विधेयक और अनुपूरक बजट पास कराया गया. पांच दिवसीय सत्र में 822 प्रश्न पूछे गए, जिसमें से अधिकांश का उत्तर हुआ है. 608 तारांकित प्रश्न किए गए, जिनमें से 566 के उत्तर हुए. वहीं, 153 अतारांकित प्रश्नों में से 33 के उत्तर हुए.

सदन में 103 ध्यानाकर्षण सवाल पूछे गए, जिसमें से 89 के उत्तर प्राप्त हुए. वहीं, 122 निवेदन प्राप्त हुए, जिसमें से 121 स्वीकृत किए गए. इसके अलावे 65 याचिकाएं भी प्राप्त हुई, जिसमें 61 को स्वीकृत किया गया. वहीं 23 मार्च 2021 की घटना को लेकर विशेष चर्चा कराई गई.

ये भी पढ़ें- जातीय जनगणना पर CM नीतीश ने स्वीकार किया तेजस्वी का प्रस्ताव, कहा- मिलने के लिए PM मोदी से मांगेंगे वक्त

इन सब के अलावा बिहार विधानसभा का मानसून सत्र जातीय जनगणना को लेकर भी चर्चा में रहा. सत्र के अंतिम दिन नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव विपक्ष के नेताओं के साथ मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मुलाकात की और दो प्रस्ताव मुख्यमंत्री को दिया, जिसे मुख्यमंत्री ने स्वीकार कर लिया. अब मुख्यमंत्री प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर मिलने का समय मांगेंगे.

पटना: बिहार विधानसभा का मानसून सत्र ( Monsoon session ) कई मायनों में अलग रहा. पांच दिवसीय छोटे से सत्र में सरकार ने 7 विधेयक और अनुपूरक बजट पास कराया, जिसमें 3 नए विश्वविद्यालय से संबंधित विधेयक था और पहली बार चांसलर मुख्यमंत्री ( CM Nitish Kumar ) को बनाया गया है. इसको लेकर विपक्ष सरकार पर निशाना भी साधा.

वहीं, छोटे से सत्र में 822 प्रश्न पूछे गए, जिसमें से अधिकांश के उत्तर हुए. बजट सत्र में मारपीट की घटना का असर तो दिखा लेकिन उसका असर सदन की कार्यवाही पर नहीं पड़ा. विपक्ष के दबाव में विशेष चर्चा जरूर करानी पड़ी.

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बिहार विधानसभा का मानसून सत्र 5 दिनों तक चला. पहले दिन तो केवल सरकारी कामकाज निपटाए गए लेकिन दूसरे दिन से प्रश्नकाल भी चला और मजबूत विपक्ष के बावजूद सदन की कार्यवाही पर सत्ता पक्ष का ही दबदबा दिखा. सरकार ने आसानी से सात विधेयक और अनुपूरक बजट पास करा लिया. पहली बार किसी विश्वविद्यालय का चांसलर मुख्यमंत्री को बनाए जाने पर विपक्ष ने सरकार पर जमकर निशाना साधा.

'इस बार बहुत विधेयक पास हुआ. पहली बार विश्वविद्यालय का चांसलर मुख्यमंत्री बने हैं. बहुमत के बल पर विधेयकों को सदन से पास कराया गया.'- ललित यादव, आरजेडी विधायक

वहीं, बिहार के उपमुख्यमंत्री तार किशोर प्रसाद ने कहा कि सरकार ने छोटे से सत्र में सभी सवाल का उत्तर दिया है और बेहतर ढंग से सदन को संचालित करने की कोशिश भी की है. सत्र का अंतिम दिन बेहतर ढंग से समापन हुआ है.

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बता दें कि मानसून सत्र के दौरान 7 विधेयक और अनुपूरक बजट पास कराया गया. पांच दिवसीय सत्र में 822 प्रश्न पूछे गए, जिसमें से अधिकांश का उत्तर हुआ है. 608 तारांकित प्रश्न किए गए, जिनमें से 566 के उत्तर हुए. वहीं, 153 अतारांकित प्रश्नों में से 33 के उत्तर हुए.

सदन में 103 ध्यानाकर्षण सवाल पूछे गए, जिसमें से 89 के उत्तर प्राप्त हुए. वहीं, 122 निवेदन प्राप्त हुए, जिसमें से 121 स्वीकृत किए गए. इसके अलावे 65 याचिकाएं भी प्राप्त हुई, जिसमें 61 को स्वीकृत किया गया. वहीं 23 मार्च 2021 की घटना को लेकर विशेष चर्चा कराई गई.

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इन सब के अलावा बिहार विधानसभा का मानसून सत्र जातीय जनगणना को लेकर भी चर्चा में रहा. सत्र के अंतिम दिन नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव विपक्ष के नेताओं के साथ मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मुलाकात की और दो प्रस्ताव मुख्यमंत्री को दिया, जिसे मुख्यमंत्री ने स्वीकार कर लिया. अब मुख्यमंत्री प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर मिलने का समय मांगेंगे.

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