पटना: राज्य में पंचायत चुनाव (Bihar Panchayat Election 2021) के अंतिम चरण यानी 11वें चरण का मतदान 12 दिसंबर को संपन्न हो गया. 14 और 15 दिसंबर मतगणना की तिथि निर्धारित की गई थी. जिसमें 14 दिसंबर को कई जिलों के प्रखंडों में गणना देर शाम तक की गई. ऐसे में आज 15 दिसंबर की सुबह 8:00 बजे से बाकी बचे प्रखंडों की मतगणना (Last Day Of Counting) जारी है. चुनाव में हार जीत का आज अंतिम दिन है. बता दें कि अंतिम चरण का चुनाव 20 जिलों के 38 प्रखंडों के 568 पंचायतों के 8067 मतदान केंद्रों पर संपन्न कराया गया था.
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अंतिम चरण में 63,518 प्रत्याशी चुनावी मैदान में हैं, जिनके भाग्य का फैसला मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग करके कर चुके हैं. बहुत से प्रत्याशी ऐसे भी हैं जिन्होंने जीत की माला पहले ही पहन ली है. इस चरण में 2,147 प्रत्याशी निर्विरोध निर्वाचित हो गए हैं. जिसमें ग्राम पंचायत सदस्य के 89 प्रत्याशी, पंचायत समिति सदस्य पद के 1, ग्राम कचहरी पंच पद के 2,057 प्रत्याशी शामिल हैं.
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मतगणना को लेकर प्रत्याशी और उनके समर्थक मतगणना केंद्रों पर पहुंचकर जीत हार की चर्चा कर रहे हैं. ऐसे में मतगणना को निष्पक्ष कराने के लिए राज्य निर्वाचन आयोग की तरफ से ओसीआर सॉफ्टवेयर टेक्नोलॉजी का प्रयोग किया जा रहा है. मतगणना केंद्र पर भी प्रत्याशी अपनी जीत की दावेदारी करते नजर आ रहे हैं.
इस बार राज्य निर्वाचन आयुक्त डॉ दीपक प्रसाद के नेतृत्व में पंचायत चुनाव में नए सॉफ्टवेयर टेक्नोलॉजी का प्रयोग कर चुनाव कराया गया है. जिसकी चर्चा पूरे देश में है. पंचायत चुनाव में पहली बार ईवीएम से 4 पदों के लिए चुनाव हुआ, तो वहीं मतदाताओं के सत्यापन के लिए बायोमेट्रिक मशीन का प्रयोग हुआ. मतगणना में ओसीआर सॉफ्टवेयर का प्रयोग किया गया.
बिहार में प्रयोग किए जा रहे ओसीआर सॉफ्टवेयर को अब कई राज्य भी प्रयोग में ला सकते हैं. क्योंकि पंचायत चुनाव में हो रहे नए सॉफ्टवेयर टेक्नोलॉजी के प्रयोग को देखने के लिए पुंडुचेरी, गुजरात, दिल्ली, पंजाब और तेलंगाना समेत कई राज्यों के निर्वाचन आयोग पटना पहुंचे. और देखकर कहा कि बिहार में पंचायत चुनाव निष्पक्ष तरीके से हो रहा है.
पंचायत चुनाव में बड़ी संख्या में महिलाएं भी घर की दहलीज पार कर चुनावी मैदान में नजर आई और जीत दर्ज की. वहीं पंचायत चुनाव में बहुत सारे ऐसे लोग भी जिन्होंने अपने कार्यकाल में विकास के काम नहीं किए, वो अपना पद गवां बैठे. इस बार जनता ने ज्यादातर नए चेहरों पर भरोसा जताया और लगभग 80% नए चेहरों ने पंचायत के प्रतिनिधित्व के रूप में परचम लहराया है.
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