पटना: बक्सर जिले के चौसा प्रखंड अंतर्गत महादेवा घाट के पास गंगा नदी में लाशों का अंबार मिलने के बाद एक तरफ जहां प्रशासन पर सवाल उठने लगे हैं, वहीं इसे लेकर राजनीति भी गरमा गई है. इस बीच लालू प्रसाद ने ट्वीट कर कहा कि, कहां ले जा रहे है देश और इंसानियत को ?
लालू ने ट्वीट कर लिखा- 'जीते जी दवा, ऑक्सीजन, बेड और ईलाज नहीं दिया. मरने के बाद लकड़ी, दो गज कफ़न और ज़मीन भी नसीब नहीं हुआ. दुर्गति के लिए शवों को गंगा में फेंक दिया. कुत्ते लाशों को नोच रहे है. हिंदुओं को दफ़नाया जा रहा है. कहां ले जा रहे है देश और इंसानियत को ?'
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क्या था मामला?
बता दें कि सोमवार को बिहार में बक्सर जिले के महादेव घाट पर 4 दर्जन से अधिक लाशें एक किलोमीटर के दायरे में बिखरी पड़ी थीं. कई लाशों को कुत्ते नोचकर खा रहे थे. संदेह जताया जा रहा था कि जिन लोगों की कोरोना काल में घर में ही मौत हो गयी, उन्हें गंगा किनारे परिजनों द्वारा फेंक दिया गया होगा.
ईटीवी भारत के संवाददाता ने इस हृदय विदारक दृश्य को देखते ही जिलाधिकारी से बात की. बताया कि महादेव घाट पर एक किलोमीटर के दायरे में लाश ही लाश दिख रही है. कुत्ते उसे नोच खा रहे हैं. जिलाधिकारी ने तुरंत कार्रवाई का आश्वासन दिया है. ईटीवी भारत के संवाददाता के सूचना पर प्रखंड विकास पदाधिकारी अशोक कुमार मौके पर पहुंचे. उन्होंने स्थिति का जायजा लिया.
हाईकोर्ट ने नीतीश सरकार से मांगा जवाब
इधर, बक्सर जिले में गंगा घाटों पर लाश मिलने का मामले में पटना हाईकोर्ट ने हस्तक्षेप किया है. पटना हाईकोर्ट ने बक्सर के पास गंगा नदी में पाए गए शवों के मामले पर राज्य सरकार को कल यानी गुरुवार तक जवाब देने का निर्देश दिया है.
बिहार सरकार की दलील
बिहार सरकार ने मंगलवार को कहा कि बक्सर जिले में गंगा से अबतक कुल 71 शव निकाले गए हैं जिनके कोरोना वायरस के संदिग्ध मरीजों के शव होने की आशंका जताते हुए यह संभावना जतायी जा रही है कि संभवतः अंतिम संस्कार नहीं करके उन्हें गंगा नदी में प्रवाहित कर दिया गया होगा.