पटनाः देश के वरिष्ठ वकील और राजद के राज्यसभा सांसद राम जेठमलानी का रविवार को राजधानी नई दिल्ली में उनके आवास पर निधन हो गया, जेठमलानी 95 वर्ष के थे. उनके बेटे महेश जेठमलानी के मुताबिक उन्होंने सुबह 7.45 बजे अंतिम सांस ली. देश के कानून मंत्री रहे जेठमलानी बीते 2 हफ्तों से गंभीर रूप से बीमार थे. उनका राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव से भी खास कनेक्शन था.
दिवंगत सांसद की गिनती सबसे बेहतरीन वकीलों में की जाती थी. मात्र 17 साल की कम उम्र में वकालत की शुरुआत करने वाले जेठमलानी ने देश के कई मशहूर राजनेताओं का केस लड़ा. जेठमलानी के राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव से बेहतर संबंध थे. चर्चित चारा घोटाला मामले में उन्होंने लालू प्रसाद यादव की कार्ट में पैरवी की. जिसके बाद राजद सुप्रीमो से उनके संबंध काफी घनिष्ठ हो गए.
रघुवंश प्रसाद पर लालू ने जेठमलानी को दी तरजीह
साल 2017 में लालू प्रसाद ने पार्टी के वरिष्ठ नेताओं पर जेठमलानी को राज्यसभा चुनाव में तरजीह दी. इस सीट पर लालू के करीबी रघुवंश प्रसाद सिंह और एजाज अली की भी नजर थी. हालांकि अंत में लालू प्रसाद यादव ने जेठमलानी के नाम पर मुहर लगाकर बड़ी बेटी मीसा भारती के साथ संसद के ऊपरी सदन में भेजा.
नामांकन के समय जेठमलानी ने कहा, 'मैं कर्जदार हूं'
राम जेठमलानी के नामांकन में महागठबंधन के कई वरिष्ठ नेताओं के साथ सीएम नीतीश कुमार भी पहुंचे थे. नामांकन करने के बाद राम जेठमलानी ने कहा था कि यहां की जनता को तहे दिल से शुक्रिया अदा करता हूं. लोगों से शुभकामना की मांग करता हूं. उन्होंने कहा था कि मैं कर्जदार हूं. मेरे ऊपर कई तरह के कर्जे हैं, जिसे उतारना है. उनका सीधा तात्पर्य लालू यादव को चारा घोटाला केस से बरी कराना था. हालांकि सांसद बनने के एक साल बाद ही वकालत से संन्यास ले लिया था.
पाकिस्तान में हुआ जन्म
जेठमलानी का जन्म 14 सितम्बर 1923 को सिंध (पाकिस्तान) के शिकारपुर में हुआ था. 96वें जन्मदिन से ठीक एक सप्ताह पहले जेठमलानी इस दुनिया को अलविदा कह गए. उन्होंने सात दशक तक वकालत की. साल 2017 में पेशे से संन्यास ले लिया. हालांकि उस समय जेठमलानी राजद कोटे से राज्यसभा सांसद थे.
17 साल की उम्र में शुरू की वकालत
पूर्व पीएम अटल बिहारी वाजपेयी के कैबिनेट में राम जेठमलानी कानून मंत्री भी रहे. 17 साल की उम्र में ही वकालत पास करने वाले जेठमलानी ने 18 साल की आयु में ही सुप्रीम कोर्ट में प्रैक्टिस शुरू कर दी. खास बात ये रही कि इसके लिए उन्होंने अपना केस खुद लड़ा. उन्हें विशेष अनुमति पर केस लड़ने का मौका दिया गया. विदित हो कि उस समय प्रैक्टिस करने की उम्र 22 साल निर्धारित थी.
कई बार बने काउंसिल ऑफ इंडिया के अध्यक्ष
पूर्व कानून मंत्री कई बार काउंसिल ऑफ इंडिया के अध्यक्ष भी रहे. राम जेठमलानी पूर्व पीएम राजीव गांधी और इंदिरा गांधी की हत्या के आरोपियों का भी केस लड़ चुके थे. साथ ही संसद पर अटैक मामले में अफजल गुरु और सोहराबुद्दीन एनकाउंटर में गृह मंत्री अमित शाह का केस भी राम जेठमलानी ने लड़ा.